(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील सं0- 774/2010
M/s Devi Charan Cold Storage through its Prop./Manager Office Add.-Terwa, Post Khaas, Distt. Kannauj.
……..Appellant
Versus
Kunji Lal S/o Jhau Lal R/Vill- Bahadurpur, Post Balanpur, Distt. Kannauj.
……….Respondent
एवं
अपील सं0- 775/2010
M/s Devi Charan Cold Storage through its Prop./Manager Office Add.-Terwa, Post Khaas, Distt. Kannauj.
……..Appellant
Versus
Bhaiya Lal S/o Ganga Prasad R/Vill. Bahadurpur Post-Tirwa, Distt. Kannauj.
……….Respondent
एवं
अपील सं0- 776/2010
M/s Devi Charan Cold Storage through its Prop./Manager Office Add.-Terwa, Post Khaas, Distt. Kannauj.
……..Appellant
Versus
Harnath S/o Sri Bhajan Lal R/Vill. Bahadurpur, Post -Tirwa, Distt. Kannauj.
……….Respondent
एवं
अपील सं0- 777/2010
M/s Devi Charan Cold Storage through its Prop./Manager Office Add.-Terwa, Post Khaas, Distt. Kannauj.
……..Appellant
Versus
Malkhan Singh S/o Sri Baburam R/Vill. Bahadurpur, Post -Tirwa, Distt. Kannauj.
……….Respondent
एवं
अपील सं0- 778/2010
M/s Devi Charan Cold Storage through its Prop./Manager Office Add.-Terwa, Post Khaas, Distt. Kannauj.
……..Appellant
Versus
Jawahar Lal S/o Bhagwan Deen R/Vill. Bahadurpur, Post -Balanpur, Distt. Kannauj.
……….Respondent
एवं
अपील सं0- 1133/2010
M/s Devi Charan Cold Storage through its Prop./Manager Office Add.-Terwa, Post Khaas, Distt. Kannauj.
……..Appellant
Versus
Ram Kishan Gupta S/o Sri Radha Kishan R/Vill.&Post Tirwa, Distt. Kannauj.
……….Respondent
एवं
अपील सं0- 1134/2010
M/s Devi Charan Cold Storage through its Prop./Manager Office Add.-Terwa, Post Khaas, Distt. Kannauj.
……..Appellant
Versus
Rangi Lal S/o Sri Shambhu Dayal R/Vill. Chandauli, Post -Tirwa, Distt. Kannauj.
……….Respondent
एवं
अपील सं0- 1137/2010
M/s Devi Charan Cold Storage through its Prop./Manager Office Add.-Terwa, Post Khaas, Distt. Kannauj.
……..Appellant
Versus
Bablu S/o Sri Vishal R/Vill. Chandauli, Post -Tirwa, Distt. Kannauj.
……….Respondent
एवं
अपील सं0- 1138/2010
M/s Devi Charan Cold Storage through its Prop./Manager Office Add.-Terwa, Post Khaas, Distt. Kannauj.
……..Appellant
Versus
Tula Ram S/o Sri Babu Ram R/Vill. Chandauli, Post -Tirwa, Distt. Kannauj.
……….Respondent
एवं
अपील सं0- 1139/2010
M/s Devi Charan Cold Storage through its Prop./Manager Office Add.-Terwa, Post Khaas, Distt. Kannauj.
……..Appellant
Versus
Sri Ram S/o Sri Ram Dayal R/Vill. Mahuwa, Post -Tirwa, Distt. Kannauj.
……….Respondent
एवं
अपील सं0- 1140/2010
M/s Devi Charan Cold Storage through its Prop./Manager Office Add.-Terwa, Post Khaas, Distt. Kannauj.
……..Appellant
Versus
Shambhu Dayal S/o Sri Maku Lal R/Vill. Chandauli, Post -Tirwa, Distt. Kannauj.
……….Respondent
एवं
अपील सं0- 1142/2010
M/s Devi Charan Cold Storage through its Prop./Manager Office Add.-Terwa, Post Khaas, Distt. Kannauj.
……..Appellant
Versus
Ram Kisan S/o Sri Ayudhya Prasad R/Vill. Chandauli, Post -Tirwa, Distt. Kannauj.
……….Respondent
एवं
अपील सं0- 1143/2010
M/s Devi Charan Cold Storage through its Prop./Manager Office Add.-Terwa, Post Khaas, Distt. Kannauj.
……..Appellant
Versus
Vinod Kumar S/o Sri Har Dayal R/Vill. Chandauli, Post -Tirwa, Distt. Kannauj.
……….Respondent
एवं
अपील सं0- 1144/2010
M/s Devi Charan Cold Storage through its Prop./Manager Office Add.-Terwa, Post Khaas, Distt. Kannauj.
……..Appellant
Versus
Moti Lal S/o Sri Ram Bali R/Vill. Durga Nagar, Post -Tirwa, Distt. Kannauj.
……….Respondent
समक्ष:-
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अनिल कुमार मिश्रा,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक:- 20.09.2022
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. अपील सं0- 774/2010, अपील सं0- 775/2010, अपील सं0- 776/2010, अपील सं0- 777/2010 एवं अपील सं0- 778/2010 ये अपीलें परिवाद सं0- 417/2001, परिवाद सं0- 255/2002, परिवाद सं0- 256/2002, परिवाद सं0- 257/2002 एवं परिवाद सं0- 258/2002 में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित एकल निर्णय दि0 25.03.2010 के विरुद्ध तथा अपील सं0- 1133/2010, अपील सं0- 1134/2010, अपील सं0- 1137/2010, अपील सं0- 1138/2010, अपील सं0- 1139/2010, अपील सं0- 1140/2010, अपील सं0- 1142/2010 एवं अपील सं0- 1143/2010 ये अपीलें क्रमश: परिवाद सं0- एफ 300/1997, परिवाद सं0- एफ 342/1997, परिवाद सं0- एफ 347/1997, परिवाद सं0- एफ 334/1997, परिवाद सं0- एफ 346/1997, परिवाद सं0- एफ 331/1997, परिवाद सं0- एफ 343/1997 एवं परिवाद सं0- एफ 346/1997 में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित एकल निर्णय दि0 26.04.2010 के विरुद्ध और अपील सं0- 1144/2010 परिवाद सं0- एफ 429/1997 में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय दि0 15.05.2010 के विरुद्ध प्रस्तुत की गईं हैं। सभी अपीलों का निस्तारण एक साथ किया जा रहा है।
2. विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी को निर्देशित किया है कि परिवाद क्रम के अनुसार क्रमश: 120 बोरा, 300 बोरा, 40 बोरा, 55 बोरा तथा 20 बोरा प्रत्येक का वजन 90 किलोग्राम की कीमत 100/-रू0 प्रति कुन्तल की दर से अदा की जाए।
3. इस निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि जहां आलू वर्ष 1997 में कोल्ड स्टोरेज में जमा करना बताया गया है वहीं परिवाद वर्ष 2001 में प्रस्तुत किया गया है और देरी माफी का कोई अनुरोध नहीं किया गया है।
4. विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष प्रत्यर्थी/परिवादी कुंजी लाल द्वारा एक उपभोक्ता परिवाद वर्ष 1997 में प्रस्तुत किया गया था जो दि0 02.06.1994 को खारिज हो गया था। इस तथ्य को छिपाते हुए दूसरा परिवाद सं0- 441/1999 प्रस्तुत किया गया जो दि0 28.04.2001 को खारिज हो गया। इसके बाद परिवाद सं0- 417/2001 उपरोक्त वर्णित तथ्यों को छिपाते हुए प्रस्तुत किया गया जब कि द्वितीय एवं तृतीय परिवाद समयावधि एवं रिजूडिकेटर से बाधित था। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने इस बिन्दु पर विचार नहीं किया। कुंजी लाल की मृत्यु वर्ष 2005 में हो चुकी है उनके उत्तराधिकारियों को रिकार्ड पर नहीं लया गया। इसलिए मृतक के सम्बन्ध में निर्णय पारित नहीं किया जा सकता।
5. हमने अपीलाथी के विद्वान अधिवक्ता श्री अनिल कुमार मिश्रा को सुना। प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का सम्यक परिशीलन किया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
6. अपील सं0- 774/2010 के परिवाद पत्र में परिवाद सं0- 566/1997 के प्रस्तुत करने का उल्लेख किया गया है। इस परिवाद के खारिज होने के बाद परिवाद सं0- 441/1999 प्रस्तुत किया गया। यह परिवाद भी दि0 28.04.2001 को खारिज हो गया। इसके पश्चात दि0 02.08.2001 को पुन: परिवाद प्रस्तुत किया गया। विधिक स्थिति यह है कि अदम पैरवी में खारिज किए गए परिवाद के पश्चात नया परिवाद यदि समयावधि के अंतर्गत हो तब प्रस्तुत किया जा सकता है। चूँकि परिवाद सं0- 417/2001 से पूर्व दो परिवाद प्रस्तुत किये चुके थे। प्रथम परिवाद सं0- 566/1997 प्रस्तुत किया गया था। अत: निश्चित रूप से यह परिवाद समयावधि के अंतर्गत था। यह समयावधि वर्ष 1999 में समाप्त हो चुकी थी। इसलिए वर्ष 2001 में उसी वाद कारण के आधार पर परिवाद प्रस्तुत करने का कोई अवसर नहीं था। अत: निश्चित रूप से यह परिवाद समयावधि से बाधित है तथा मृतक के उत्तराधिकारियों को प्रतिस्थापित किए बिना निस्तारित किया गया है। अत: अपील सं0- 774/2010 स्वीकार होने योग्य है तथा इससे सम्बन्धित परिवाद में पारित निर्णय व आदेश अपास्त होने योग्य है।
7. शेष अपीलों में लिए गए आधार यह हैं कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने ताक पट्टी को सुबूत मानकर परिवाद निस्तारित किए गए हैं जो विधि विरुद्ध हैं। प्रारम्भ में केस विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, फर्रुखाबाद के समक्ष वर्ष 2008 में प्रस्तुत किए गए जो बाद में कन्नौज ट्रांसफर हो गए और वहां पर अपीलार्थी/विपक्षी और प्रत्यर्थी/परिवादी कोई उपस्थित नहीं थे, अनुपस्थिति में ही निर्णय पारित किया गया है।
8. निर्णय के अवलोकन से जाहिर होता है कि अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा लिखित कथन प्रस्तुत किया गया और दोनों पक्षकारों ने अपने कथनों के समर्थन में शपथ पत्र भी प्रस्तुत किए हैं। अपीलार्थी/विपक्षी मैसर्स देवी चरन कोल्ड स्टोरेज ने भागीदार श्रीमती गंगा देवी का शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। अपीलार्थी/विपक्षी की तरफ से लिखित बहस भी दाखिल की गई है। अत: यह तर्क ग्राह्य नहीं है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, कन्नौज द्वारा उन्हें सुना नहीं गया और अनुपस्थिति में निर्णय पारित किया गया है।
9. विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने निर्णय में अंकित किया है कि शीतगृह में रखे गए आलू सड़ गए थे और सड़न का तात्पर्य यह है कि शीतगृह में आलू को सुरक्षित नहीं रखा गया। आलू सड़ने की स्थिति में अपीलार्थी/विपक्षी का उत्तरदायित्व बनता है। यदि अपीलार्थी/विपक्षी का यह कथन है कि आलू सड़ने में उनका कोई योगदान नहीं था तब इस कथन को साबित करने का भार अपीलार्थी/विपक्षी पर है। यानी अपीलार्थी/विपक्षी को अकल्पनीय, अदर्शनीय स्थिति जिसका कोई ज्ञान नहीं था जिसके कारण आलू सड़ गया को साबित करना होगा। लिखित कथन में केवल यह कथन किया गया है कि स्वयं प्रत्यर्थी/परिवादी ने आलू शीतगृह में रखा था। वह धूप खाया हुआ था और मुलायम पड़ गया था। इसलिए खराब हो गया था। यदि धूप खाया हुआ आलू जमा किया गया था तब जमा करते समय ही इस तथ्य का उल्लेख कर दिया जाना चाहिए था तथा आलू जमाकर्ताओं को लिखित में बता देना चाहिए था कि आलू धूप खाया हुआ है और नरम पड़ गया है, जिसका साक्ष्य नहीं है। अत: विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। तदनुसार अपील सं0- 775/2010, अपील सं0- 776/2010, अपील सं0- 777/2010, अपील सं0- 778/2010, अपील सं0- 1133/2010, अपील सं0- 1134/2010, अपील सं0- 1137/2010, अपील सं0- 1138/2010, अपील सं0- 1139/2010, अपील सं0- 1140/2010, अपील सं0- 1142/2010, अपील सं0- 1143/2010 तथा अपील सं0- 1144/2010 खारिज होने योग्य हैं।
आदेश
10. अपील सं0- 774/2010 स्वीकार की जाती है तथा इससे सम्बन्धित परिवाद में पारित निर्णय व आदेश अपास्त अपास्त किया जाता है। शेष सम्बन्धित अपीलें, अपील सं0- 775/2010, अपील सं0- 776/2010, अपील सं0- 777/2010, अपील सं0- 778/2010, अपील सं0- 1133/2010, अपील सं0- 1134/2010, अपील सं0- 1137/2010, अपील सं0- 1138/2010, अपील सं0- 1139/2010, अपील सं0- 1140/2010, अपील सं0- 1142/2010, अपील सं0- 1143/2010 तथा अपील सं0- 1144/2010 खारिज की जाती हैं तथा इन अपीलों से सम्बन्धित परिवाद में पारित निर्णय व आदेश की पुष्टि की जाती है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
अपील सं0- 774/2010 में धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपीलार्थी द्वारा जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित इस निर्णय व आदेश के अनुसार अपीलार्थी को वापस की जाए तथा शेष अपीलें, अपील सं0- 775/2010, अपील सं0- 776/2010, अपील सं0- 777/2010, अपील सं0- 778/2010, अपील सं0- 1133/2010, अपील सं0- 1134/2010, अपील सं0- 1137/2010, अपील सं0- 1138/2010, अपील सं0- 1139/2010, अपील सं0- 1140/2010, अपील सं0- 1142/2010, अपील सं0- 1143/2010 तथा अपील सं0- 1144/2010 में धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपीलार्थी द्वारा जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित इस निर्णय व आदेश के अनुसार जिला उपभोक्ता आयोग को निस्तारण हेतु प्रेषित की जाये।
इस निर्णय व आदेश की मूल प्रति अपील सं0- 774/2010 में रखी जाए एवं इसकी प्रमाणित प्रतिलिपि सम्बन्धित अपीलें, अपील सं0- 775/2010, अपील सं0- 776/2010, अपील सं0- 777/2010, अपील सं0- 778/2010, अपील सं0- 1133/2010, अपील सं0- 1134/2010, अपील सं0- 1137/2010, अपील सं0- 1138/2010, अपील सं0- 1139/2010, अपील सं0- 1140/2010, अपील सं0- 1142/2010, अपील सं0- 1143/2010 तथा अपील सं0- 1144/2010 में रखी जायें।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय व आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 3