Uttar Pradesh

StateCommission

RP/166/2016

M/S Prakash Cold Storage - Complainant(s)

Versus

Ramsnehi - Opp.Party(s)

O.P. Duvel

06 Oct 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Revision Petition No. RP/166/2016
(Arisen out of Order Dated 21/11/2016 in Case No. C/56/2016 of District Etawah)
 
1. M/S Prakash Cold Storage
Etawah
...........Appellant(s)
Versus
1. Ramsnehi
Etawah
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Petitioner:
For the Respondent:
Dated : 06 Oct 2017
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखन

पुनरीक्षण संख्‍या-166/2016

(मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, इटावा द्वारा परिवाद संख्‍या 56/2016 में पारित आदेश दिनांक 21.11.2016 के विरूद्ध)

मे0 प्रकाश कोल्‍ड स्‍टोरेज ग्राम-फूफई, इकदिल जिला-इटावा द्वारा मालिक/पार्टनर                       ...................पुनरीक्षणकर्ता

बनाम

रामसनेही पुत्र श्री रंगलाल निवासी-ग्राम भवानीपुरा, पोस्‍ट-रीतौर, जिला-इटावा।                       ...................विपक्षी/परिवादी

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री ओ0पी0 दुवेल,                           

                               विद्वान अधिवक्‍ता।

विपक्षी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक: 06-10-2017

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

परिवाद संख्‍या-56/2016 रामसनेही बनाम मे0 प्रकाश कोल्‍ड स्‍टोरेज में जिला फोरम, इटावा द्वारा पारित आदेश                  दिनांक 21.11.2016 के विरूद्ध यह पुनरीक्षण याचिका धारा-17 (1) (बी) उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत उपरोक्‍त परिवाद के विपक्षी मे0 प्रकाश कोल्‍ड स्‍टोरेज की ओर से आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।  

     आक्षेपित आदेश के द्वारा जिला फोरम ने पुनरीक्षणकर्ता, जो परिवाद का विपक्षी है, की ओर से परिवाद में धारा-24ए उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की बाधा के सम्‍बन्‍ध में प्रस्‍तुत आपत्ति इस प्रकार निस्‍तारित की है कि इस बिन्‍दु पर साक्ष्‍योपरान्‍त देखा जाना न्‍यायोचित है।

     पुनरीक्षणकर्ता की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री ओ0पी0 दुवेल उपस्थित आए हैं। विपक्षी की ओर से नोटिस तामीला के बाद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ है।

 

 

-2-

मैंने पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना है  और आक्षेपित आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

आक्षेपित आदेश के अवलोकन से यह स्‍पष्‍ट है कि  विपक्षी/परिवादी ने इसी प्रकरण के सम्‍बन्‍ध में परिवाद                  संख्‍या-180/2008 रामसनेही बनाम मे0 प्रकाश कोल्‍ड स्‍टोरेज दायर किया था, जो दोनों पक्षों की अनुपस्थिति में निरस्‍त हो गया है। उसके बाद विपक्षी/परिवादी रामसनेही ने वर्तमान परिवाद                   संख्‍या-56/2016 प्रस्‍तुत किया है। धारा-24ए उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 में यह प्राविधान है कि वाद हेतुक उत्‍पन्‍न होने की तिथि से दो साल के अन्‍दर प्रस्‍तुत किए जाने वाला परिवाद ही ग्रहण किया जाएगा, परन्‍तु इसके साथ ही धारा-24ए की उप धारा-2 में परन्‍तुक इस आशय का जोड़ा गया है कि दो साल की अवधि के बाद भी माननीय राष्‍ट्रीय आयोग, राज्‍य आयोग अथवा जिला फोरम विलम्‍ब माफी का कारण लिपिबद्ध करते हुए परिवाद ग्रहण कर सकते हैं। वर्तमान परिवाद निश्चित रूप से वाद हेतुक उत्‍पन्‍न होने की तिथि से दो साल से अधिक समय के बाद प्रस्‍तुत किया गया है। अत: ऐसी स्थिति में धारा-24ए उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की उप धारा-2 के परन्‍तुक के अनुसार परिवाद ग्रहण करने व विलम्‍ब क्षमा करने हेतु कारण लिपि‍बद्ध किया जाना आवश्‍यक है, परन्‍तु जिला फोरम ने इस प्राविधान का पालन किए बिना परिवाद ग्रहण किया है, जो विधि की दृष्टि से उचित नहीं है।

     उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दिनांक 21.11.2016 अपास्‍त करते हुए पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी की ओर से प्रस्‍तुत आपत्ति स्‍वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा परिवाद का लिया गया संज्ञान निरस्‍त करते हुए जिला फोरम को निर्देशित किया जाता है कि वह धारा-24ए उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की उप धारा-2 के परन्‍तुक के अनुसार उभय पक्ष को परिवाद प्रस्‍तुत करने में हुए विलम्‍ब के सन्‍दर्भ में सुनकर विधि के अनुसार आदेश पारित करे। यदि परिवाद के  साथ

 

 

-3-

धारा-24ए उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत विलम्‍ब माफी प्रार्थना पत्र प्रस्‍तुत नहीं किया गया है तो विपक्षी/परिवादी को प्रार्थना पत्र प्रस्‍तुत करने का अवसर दिया जाएगा। तदनुसार पुनरीक्षण याचिका स्‍वीकार की जाती है।

वर्तमान पुनरीक्षण याचिका में उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

 

 

    (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)

अध्‍यक्ष

 

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.