Uttar Pradesh

StateCommission

A/1141/2015

D.T.D.C. Courier Ltd - Complainant(s)

Versus

Ramsagar - Opp.Party(s)

Anil Kumar Chaubey

01 Dec 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1141/2015
( Date of Filing : 09 Jun 2015 )
(Arisen out of Order Dated 26/10/2013 in Case No. C/982/2012 of District Lucknow-II)
 
1. D.T.D.C. Courier Ltd
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Ramsagar
Lucknow
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 01 Dec 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील संख्‍या-1141/2015

डी.टी.डी.सी. कोरियर एवं कार्गो लि0 व एक अन्‍य।

                                       .....अपीलार्थीगण@विपक्षीगण

बनाम

 

राम सागर पुत्र बाबूराम निवासी 951 मानस नगर, कृष्‍णा नगर,

लखनऊ।                                   .......प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री एस0पी0 पाण्‍डेय, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित   : श्री विजय कुमार यादव, विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक 01.12.2022

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.   परिवाद संख्‍या 982/2012 राम सागर बनाम डीटीडीसी कूरियर एण्‍ड कार्गों लि0 व एक अन्‍य में पारित निर्णय व आदेश दिनांक 26.10.2013 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। जिला उपभोक्‍ता मंच ने कोरियर सर्विस के विरूद्ध सेवा में कमी मानते हुए रू. 50000/- आर्थिक मद में हानि की पूर्ति के लिए अदा करने का आदेश दिया है, साथ ही अंकन रू. 5000/- परिवाद व्‍यय के रूप में अदा करने के लिए आदेशित किया गया है।

2.   परिवाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी ने अपने एक आर्टिकल को दि. 01.08.12 को 85 रूपये की नगद धनराशि अदा कर प्राप्‍त कराया। विपक्षीगण द्वारा 3 दिन के अंदर डिलीवरी की जानी चाहिए थी, परन्‍तु डिलीवरी नहीं की गई और दि. 21.08.12 को परिवादी को ही वह सामान लेकर वापस दे दिया और यह बताया गया पावती श्री बी0डी0 गुप्‍ता अन्‍यत्र चले गए हैं। बुकिंग राशि भी वापस नहीं लौटायी गई।

-2-

3.   विपक्षी की ओर से कोई खंडन नहीं किया गया, अत: एकतरफा साक्ष्‍य पर विचार करते हुए उपरोक्‍त वर्णित आदेश पारित किया गया।।

4.   इस निर्णय व आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि जिला उपभोक्‍ता मंच ने साक्ष्‍य के विपरीत निर्णय पारित किया है। परिवादी के स्‍तर से सेवा में काई त्रुटि कारित नहीं की गई। परिवादी द्वारा जो सामान दिया गया था उसका प्राप्‍तकर्ता दिए गए पते पर नहीं मिला, इसलिए परिवादी का सामान वापस लौटा दिया गया।

5.   दोनों पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना गया तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।

6.   परिवादी के के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि प्राप्‍तकर्ता दिए गए पते पर उपलब्‍ध नहीं हुए, इसलिए 3 दिन के अंदर माल प्राप्‍त कराने का कोई अवसर नहीं था। प्राप्‍तकर्ता को खोजने का प्रयास किया गया, न मिलने पर माल परिवादी को वापस लौटा दिया गया। परिवादी द्वारा अपनी सुविधाएं बखूबी निभायी गईं, इसलिए शुल्‍क वापस लौटाने का भी कोई अवसर नहीं था। एनेक्‍सर संख्‍या 1 के अवलोकन से जाहिर होता है कि जिस पते पर सामान जाना था उस पते पर अपीलार्थी कोरियर सर्विस का कर्मचारी पहुंचा और न मिलने पर अंकित किया गया प्राप्‍तकर्ता अन्‍यत्र चले गए हैं, इसलिए चूंकि प्राप्‍तकर्ता उपलब्‍ध नहीं थे, अत: 3 दिन के अंदर सामान की डिलीवरी का कोई प्रश्‍न नहीं उठता। इस सामान को वापस प्रेषक यानी परिवादी को ही प्राप्‍त कराया जाना था, इसलिए अपीलार्थी के स्‍तर से सेवा में कोई कमी नहीं की गई है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय व आदेश अपास्‍त होने योग्‍य है।

 

-3-

आदेश

7.   अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय व आदेश अपास्‍त किया जाता है तथा परिवाद खारिज किया जाता है।

     अपीलार्थी द्वारा धारा-15 के अंतर्गत जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को वापस की जाए।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की

वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

        (विकास सक्‍सेना)                       (सुशील कुमार)                                                                                                                                                   सदस्‍य                                सदस्‍य         

राकेश, पी0ए0-2

  कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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