राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील सं0- 2597/2015
(सुरक्षित)
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, बलिया द्वारा परिवाद सं0- 39/2009 में पारित आदेश 03.08.2011 के विरूद्ध)
प्रबंध्ाक/प्रभारी मे0 दुर्गा कोल्ड स्टोरेज चेतन किशोर सिकन्दरपुर, तहसील- सिकन्दरपुर, जनपद- बलिया द्वारा शेख अहमद अली पुत्र स्व0 शेख वासीत अली, निवासी मुहल्ला- गांधी पट्टी गली, थाना, पो0 व तहसील- सिकन्दरपुर, जिला-बलिया (उ0प्र0)।
........... अपीलार्थी
बनाम
- रामजन्म पुत्र स्व0 सीताराम, निवासी- कठौड़ा, तहसील- सिकन्दरपुर, जनपद बलिया (उ0प्र0)
- सिद्धेश्वर राय पुत्र रामजन्म राय, निवासी- कठौड़ा, तहसील- सिकन्दरपुर, जनपद-बलिया, (उ0प्र0)
................ प्रत्यर्थीगण
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री सच्चिदानंद प्रसाद,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री अरूण टंडन,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक:- 11.12.2017
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
परिवाद सं0- 39/2009 रामजन्म व एक अन्य बनाम प्रबंधक/प्रभारी मे0 दुर्गा कोल्ड स्टोरेज चेतन किशोर, सिकन्दरपुर, बलिया में जिला फोरम, बलिया द्वारा पारित निर्णय और आदेश दि0 03.08.2011 के विरूद्ध यह अपील धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गई है।
आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद अंशत: एकपक्षीय रूप से स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है:-
“परिवाद अंशत: विपक्षी के विरुद्ध एकपक्षीय रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेश दिया जाता है कि वह आज से 60 दिन के अन्दर परिवादी को आलू क्षतिपूर्ति एवं अग्रिम राशि के रूप में रू0 75,8300/-रू0 (पचहत्तर हजार आठ सौ तीस रू0) और उस पर दि0 17.02.2009 से नौ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज ता भुगतान जोड़कर एवं 1500/-रू0 (एक हजार पांच सौ रू0) वाद खर्च अदा कर देवे, अन्यथा समय-सीमा के बाद की तिथि से उपरोक्त सम्पूर्ण रकम पर विपक्षी द्वारा 14 प्रतिशत (चौदह प्रतिशत) वार्षिक साधारण ब्याज ता भुगतान देय होगा। परिवादी द्वारा निर्णय की प्रति यथाशीघ्र विपक्षी को सूचनार्थ प्रेषित किया जावे”।
जिला फोरम के निर्णय और आदेश से क्षुब्ध होकर परिवाद के विपक्षी मे0 दुर्गा कोल्ड स्टोरेज की ओर से प्रबंधक/प्रभारी ने यह अपील प्रस्तुत की है।
अपीलार्थी की ओर से उसके विद्वान अधिवक्ता श्री सच्चिदानंद प्रसाद और प्रत्यर्थीगण की ओर से उनके विद्वान अधिवक्ता श्री अरूण टंडन उपस्थित आये हैं।
मैंने उभयपक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार हैं कि प्रत्यर्थी/परिवादीगण ने उपरोक्त परिवाद जिला फोरम, बलिया के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्तुत किया है कि दि0 08.04.2008 को 260 पैकेट आलू जिसमें प्रत्येक पैकेट में 50 किलो आलू था रसीद सं0- 923 के माध्यम से प्रत्यर्थी/परिवादीगण ने अपीलार्थी/विपक्षी के कोल्ड स्टोरेज में 11,700/-रू0 की अग्रिम धनराशि जमा कर रखा। उसके बाद दि0 04.05.2008 को 14 पैकेट आलू रसीद सं0- 1323 के माध्यम से और विपक्षी के कोल्ड स्टोरेज में रखा, परन्तु जब अक्टूबर मास में प्रत्यर्थी/परिवादीगण अपना आलू लेने गये तो विपक्षी शीतगृह के प्रभारी द्वारा बताया गया कि आलू शीतगृह की मशीन खराब हो जाने के कारण सड़ गया है वे तत्काल कुछ आलू की व्यवस्था कहीं से कर देंगे, शेष आलू को हुई क्षति का भुगतान कुछ महीने में कर दिया जायेगा। उसके बाद विपक्षी ने 32 पैकेट आलू की व्यवस्था प्रत्यर्थी/परिवादीगण को की, परन्तु शेष आलू को हुई क्षति का भुगतान नहीं किया। अत: विवश होकर प्रत्यर्थी/परिवादीगण ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया है।
अपीलार्थी/विपक्षी जिला फोरम द्वारा नोटिस का तामीला पर्याप्त माने जाने के बाद भी जिला फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। अत: उनके विरुद्ध परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय रूप से की गई है।
जिला फोरम ने परिवाद पत्र के कथन एवं उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर एकपक्षीय रूप से अपीलार्थी/विपक्षी के विरुद्ध आक्षेपित निर्णय और आदेश उपरोक्त प्रकार से पारित किया है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश त्रुटि पूर्ण और विधि विरुद्ध है। जिला फोरम ने अपीलार्थी/विपक्षी को सुनवाई का अवसर दिये बिना आक्षेपित निर्णय और आदेश पारित किया है। अपीलार्थी/विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम ने आलू का जो मूल्य निर्धारित किया है वह बहुत अधिक और काल्पनिक है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह भी तर्क है कि कोल्ड स्टोरेज का किराया भी प्रत्यर्थी/परिवादीगण के जिम्मा अवशेष है, परन्तु जिला फोरम ने प्रत्यर्थी/परिवादीगण को कोल्ड स्टोरेज का किराया देने हेतु आदेशित नहीं किया है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह भी तर्क है कि जिला फोरम ने जो क्षतिपूर्ति की धनराशि पर ब्याज दिया है वह उचित नहीं है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता ने अपने तर्क के समर्थन में राज्य आयोग उ0प्र0, लखनऊ द्वारा मोदी नगर कोल्ड स्टोरेज एण्ड आइस फैक्ट्री बनाम शिव कुमार शर्मा के वाद में दिया गया निर्णय जो 2003 (2) Awc 4.103 (UPC) में प्रकाशित है, संदर्भित किया है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता ने मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा Union of India Vs Watkins and co. के वाद में दिये गये निर्णय दि0 10 मार्च 1965 भी संदर्भित किया है।
प्रत्यर्थी/परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश उचित है। अपीलार्थी नोटिस तामीला के बाद भी जिला फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ है। अत: जिला फोरम ने एकपक्षीय कार्यवाही कर अपीलार्थी के विरुद्ध जो आक्षेपित निर्णय और आदेश पारित किया है वह उचित है।
मैंने उभयपक्ष के तर्क पर विचार किया है।
प्रत्यर्थी/परिवादीगण द्वारा 274 पैकेट आलू अपीलार्थी/विपक्षी के कोल्ड स्टोरेज में भण्डारित किया जाना उभयपक्ष को स्वीकार है। परिवाद पत्र के कथन से स्पष्ट है कि प्रत्यर्थी/परिवादीगण भण्डारित आलू से 32 पैकेट आलू अपीलार्थी/विपक्षी से प्राप्त कर चुके हैं। अत: 242 पैकेट आलू ही शेष है जिनका वजन 121 कुंतल होता है। अपीलार्थी/विपक्षी ने अपील के साथ कृषि उत्पादन मण्डी समिति बिल्थरा रोड, बलिया का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया है जिसमें वर्ष 2008 में अक्टूबर मास में आलू का भाव 300/-रू0 प्रति कुंतल बताया गया है। इसके साथ ही अपीलार्थी ने परिवाद सं0- 63/2009 जय राम बनाम प्रबंधक जय मां दुर्गा कोल्ड स्टोरेज में जिला फोरम, बलिया द्वारा पारित निर्णय व आदेश दि0 26.04.2017 और परिवाद सं0- 304/2008 शेर सिंह बनाम प्रबंधक मे0 दुर्गा कोल्ड स्टोरेज में पारित निर्णय और आदेश दि0 21.05.2012 की प्रमाणित प्रतिलिपियां प्रस्तुत की है, जिनसे यह स्पष्ट है कि जिला फोरम ने वर्तमान परिवाद में जो 530/-रू0 प्रति कुंतल की दर से आलू का मूल्य निर्धारित किया है वह अधिक है। अत: जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश को संशोधित करते हुए 300/-रू0 प्रति कुंतल की दर से आलू का मूल्य निर्धारित किया जाना उचित है। इस प्रकार प्रत्यर्थी/परिवादी के अवशेष आलू 121 कुंतल का मूल्य 36,300/-रू0 होता है जिसे प्रत्यर्थी/परिवादीगण को प्रदान किया जाना उचित है। अत: जिला फोरम द्वारा जो आलू का मूल्य 75,830/-रू0 निर्धारित किया है उसे संशोधित करते हुए 36,300/-रू0 121 कुंतल आलू का मूल्य निर्धारित किया जाता है। परिवाद पत्र के कथन से ही स्पष्ट है कि परिवादीगण ने मात्र 11,700/-रू0 अग्रिम धनराशि जमा कर आलू का भण्डारण अपीलार्थी/विपक्षी के कोल्ड स्टोरेज में किया है। अत: आलू भण्डारण के किराये की यदि कोई धनराशि अवशेष बचती है तो उसे अपीलार्थी/विपक्षी, प्रत्यर्थी/परिवादीगण से पाने का अधिकारी है।
जिला फोरम ने परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से आलू की क्षतिपूर्ति की धनराशि पर 09 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज देने का आदेश पारित किया है और यह आदेशित किया है कि यदि 60 दिन के अन्दर भुगतान नहीं किया जाता है तो ब्याज दर 14 प्रतिशत वार्षिक हो जायेगी। जिला फोरम ने आलू की क्षतिपूर्ति की धनराशि पर जो ब्याज दिया है वह अनुचित नहीं है, क्योंकि आलू की क्षतिपूर्ति की धनराशि निर्धारित है, परन्तु जिला फोरम ने जो 60 दिन के बाद 14 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर निर्धारित किया है वह उचित नहीं है, ब्याज दर 09 प्रतिशत वार्षिक ही रखा जाना उचित है।
जिला फोरम ने जो 1500/-रू0 वाद व्यय प्रत्यर्थी/परिवादीगण को दिया है वह उचित है। किसी संशोधन की आवश्यकता नहीं है।
उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश संशोधित करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह प्रत्यर्थी/परिवादीगण के 121 कुंतल आलू की क्षतिपूर्ति हेतु उसे 36,300/-रू0 का भुगतान परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि दि0 17.02.2009 से भुगतान की तिथि तक 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ करे।
प्रत्यर्थी/परिवादीगण द्वारा भण्डारित आलू हेतु प्रत्यर्थी/परिवादीगण द्वारा जमा अग्रिम धनराशि 11,700/-रू0 का समायोजन करने के पश्चात यदि आलू भण्डारण के किराये की कोई धनराशि अवशेष बचती है तो उसे आलू के उपरोक्त मूल्य 36,300/-रू0 में समायोजित कर अवशेष धनराशि का ही भुगतान उपरोक्त प्रकार से ब्याज सहित अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा प्रत्यर्थी/परिवादीगण को किया जायेगा।
उपरोक्त के अतिरिक्त जिला फोरम ने जो 1500/-रू0 वाद व्यय प्रत्यर्थी/परिवादीगण को अपीलार्थी/विपक्षी से दिलाया है उसे भी अपीलार्थी/विपक्षी, प्रत्यर्थी/परिवादीगण को अदा करेगा।
जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश उपरोक्त प्रकार से संशोधित किया जाता है।
उभयपक्ष अपील में अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
अपील में अपीलार्थी द्वारा धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत जमा धनराशि 25,000/-रू0 अर्जित ब्याज सहित जिला फोरम, बलिया को इस निर्णय के अनुसार निस्तारित करने हेतु प्रेषित की जायेगी।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
शेर सिंह आशु0,
कोर्ट नं0-1