Uttar Pradesh

StateCommission

A/2006/341

Maruti Udhyog Ltd - Complainant(s)

Versus

Rampal Singh - Opp.Party(s)

Anil Kumar

04 May 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2006/341
( Date of Filing : 13 Feb 2006 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Maruti Udhyog Ltd
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Rampal Singh
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 04 May 2022
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील सं0- 341/2006

M/s Maruti Udyog Limited, 11th Floor, Jeevan Prakash Building, 25, Kasturba Gandhi Marg, New Delhi-110001.

                                                                                              ………..Appellant

 

                                                        Versus

1. Sh. Ram pal singh S/0 Sh. Bir singh R/o Village Patanpur, District-Saharanpur Presently Residing at, 3/6, Madhaya Ganga, Barrage Colony Bijnore- (U.P.)

2. M/s. Tanya Automobiles Limited Chanra Kiran, 35, Chhippi Tank, Meerut.

3. M/s Tanya Automobiles Limited Branch Office, Civil Lines, Bijnore (U.P.)

                                                                                       …………Respondents

समक्ष:-

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से : श्री अंकित श्रीवास्‍तव, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से   : कोई नहीं। 

                       

दिनांक:- 04.05.2022

 

माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित

 

निर्णय/आदेश

          परिवाद सं0- 16/2003 रामपाल सिंह बनाम मैनेजिंग डायरेक्‍टर मारूति उद्योग लि0 व 02 अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता आयोग, बिजनौर द्वारा पारित निर्णय व आदेश दि0 19.10.2005 के विरुद्ध यह अपील धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गई है।

          विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी के वाहन की मरम्‍मत में खर्च हुए धन अंकन 32,593/-रू0 मय 09 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी को दिलवाया है।

          प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश के विरुद्ध अपील इन आधारों पर प्रस्‍तुत की गई है कि वाहन में किसी प्रकार की कमी नहीं है, इसलिए निर्माता कम्‍पनी किसी प्रकार की क्षति के लिए उत्‍तरदायी नहीं है।

          अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री अंकित श्रीवास्‍तव को सुना गया। प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का सम्‍यक परिशीलन किया गया।  

          प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश के अवलोकन से ज्ञात होता है कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने यह निष्‍कर्ष दिया है कि वारण्‍टी अवधि के अंतर्गत वाहन खराब हुआ है और अपीलार्थी/विपक्षीगण के इस तर्क को स्‍वीकार नहीं किया कि लापरवाही से वाहन चलाने के कारण पानी इंजन के अन्‍दर चला गया जिसके कारण इंजन खराब हुआ। तदनुसार उपरोक्‍त वर्णित आदेश पारित किया गया है।

          परिवाद पत्र के अवलोकन से यह स्थिति स्‍पष्‍ट होती है कि 24 माह की अवधि के अंतर्गत वाहन खराब हुआ है और वाहन की मरम्‍मत करायी गई है, अत: इस अवधि के अन्‍दर वाहन की मरम्‍मत नि:शुल्‍क करायी जानी चाहिए। प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी वाहन का इंजन खराब होने पर 32,593/-रू0 प्राप्‍त करने के लिए अधिकारी है। तदनुसार वाहन में निर्माण सम्‍बन्‍धी कोई दोष साबित नहीं है। अत: अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 1 उत्‍तरदायी नहीं है, अपितु प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 2 तानिया आटोमोबाइल्‍स, मेरठ इस राशि को अदा करने के लिए उत्‍तरदायी है। प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 2 तानिया आटोमोबाइल्‍स को नोटिस प्रेषित की गई थी, परन्‍तु उनकी ओर से नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया गया, अत: अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि 32,593/-रू0 की राशि को प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी को अदा करने के लिए प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 2 तानिया आटोमोबाइल्‍स, मेरठ उत्‍तरदायी है, न कि अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 1 मैनेजिंग डायरेक्‍टर, मारूति उद्योग लि0 दिल्‍ली रोड गुड़गांव, हरियाणा। शेष निर्णय व आदेश अपास्‍त किया जाता है।  

          उभयपक्ष अपना-अपना व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

          आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

                                 

    (सुशील कुमार)                           (विकास सक्‍सेना)

       सदस्‍य                                    सदस्‍य

 

शेर सिंह, आशु0

कोर्ट नं0- 2

      

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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