Uttar Pradesh

StateCommission

A/1880/2014

Action Construction Equipment Ltd - Complainant(s)

Versus

Ramji Singh - Opp.Party(s)

Shushil Kumar Sharma

28 Mar 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1880/2014
( Date of Filing : 19 Sep 2014 )
(Arisen out of Order Dated 21/05/2014 in Case No. C/262/2013 of District Kushinagar)
 
1. Action Construction Equipment Ltd
Dudhaulia Link Road Vllage Dudhaulia Palval Haryana
...........Appellant(s)
Versus
1. Ramji Singh
Kushinagar
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 28 Mar 2022
Final Order / Judgement

सुरक्षित ।

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्‍तर प्रदेश ।

अपील संख्‍या  1880 सन 2014  

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, कुशीनगर द्वारा परिवाद सं0- 262/2013 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 21/05/2014 के विरूद्ध)

 

एक्‍शन कन्‍स्‍ट्रक्‍शन इक्‍वीपमेंट लि0 दुधौलिया लिंक, रोड ग्राम दुधौलिया पलवल, हरियाणा ।

                                                     अपीलार्थी

-बनाम-

1. रामजी सिंह पुत्र श्री राजमोहन सिंह, निवासी ग्राम एंड पोस्‍ट पकरी, तहसील हाता, जिला कुशीनगर ।

2. पी0के0 इण्‍टरप्राइजेज हाता अहिरौली, जिला कुशीनगर । 

                                                     प्रत्‍यर्थीगण

समक्ष

मा0 श्री विकास सक्‍सेना सदस्‍य ।

मा0 डा0 आभा गुप्‍ता, सदस्‍य ।

 

उपस्थिति –

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:- श्री सुशील कुमार शर्मा  

प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:-  श्री बी0के0 उपाध्‍याय  

दिनांक:-11.05.2022   

मा0 डा0 आभा गुप्‍ता द्वारा उदघोषित निर्णय

 

         प्रस्‍तुत अपील जिला उपभोक्‍ता फोरम, कुशीनगर द्वारा परिवाद संख्‍या 262/2013 रामजी सिंह बनाम पी0के0 इण्‍टरप्राइजेज में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 21.05.2014 के विरूद्ध योजित की गयी है। 

     संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने स्‍टेट बैंक से 4,52,000.00 रू0 का ऋण लेकर एक टैक्‍टर जिसका इंजन नं 1111618 चेसिस नम्‍बर 11114506697 है क्रय किया। टैक्‍टर में उत्‍पादन दोष था। शिकायत करने पर विपक्षीगण द्वारा कई बार टैक्‍टर में विद्यमान कमियों की मरम्‍मत की गयी । दोष दूर न होने पर दिनांक 31.01.2013 को विपक्षी ने टैक्‍टर का इंजन फरीदाबाद हरियाणा में बनने के लिए भेज दिया । इंजन जब बनकर वापस आ रहा था तो वाणिज्‍य कर विभाग ने गाजियाबाद में टैक्‍टर के इंजन को पकड कर जब्‍त कर लिया और उस पर जुर्माना लगा दिया। ज्‍वांट कमिश्‍नर वाणिज्‍यकर गाजियाबाद के यहां अपील करने पर दिनांक 26.04.13 को इंजन को अवमुक्‍त किया। घर लाने पर टैक्‍टर पुन: खराब हो गया। टैक्‍टर द्वारा कार्य न करने के कारण परिवादी अपना कृषि कार्य सम्‍पादित नहीं कर सका तथा दौड़भाग एवं वकील आदि का अलग से खर्चा करना पड़ा जिससे क्षुब्‍ध होकर जिला मंच के समक्ष परिवाद योजित किया।

 विपक्षी की ओर से पर्याप्‍त तामीला के बावजूद उपस्थित‍ न होने पर उसके विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही करते हुए जिला उपभोक्‍ता फोरम ने टैक्‍टर को बदलकर नया टैक्‍टर देने तथा क्षतिपूर्ति के रूप में 64000.00 रू0 देने का आदेश पारित किया जिससे क्षुब्‍ध होकर यह अपील योजित की गयी है।  

     अपील के आधारों में उल्लिखित किया गया हैकि प्रश्‍नगत टैक्‍टर बदलने से पहले दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया था जिसके कारण उसकी वारण्‍टी समाप्‍त हो गयी थी । इस तथ्‍य को जिला फोरम द्वारा खारिज कर दिया गया था। अपीलार्थी की सेवा में कोई कमी नहीं है।

     हमने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्को को सुना तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य का सम्‍यक अवलोकन किया।

     पत्रावली के अवलोकन से स्‍पष्‍ट है परिवादी ने विपक्षी/अपीलार्थी से एक टैक्‍टर जिसका इंजन नं 1111618 चेसिस नम्‍बर 11114506697 है क्रय किया। परिवादी के कथनानुसार उक्‍त टैक्‍टर में उत्‍पादन दोष था जिसे अपीलार्थी द्वारा ठीक नहीं किया गया । जबकि अपीलार्थी द्वारा उल्लिखित किया गया है कि प्रश्‍नगत टैक्‍टर बदलने से पहले दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया था जिसके कारण उसकी वारण्‍टी समाप्‍त हो गयी थी ।

          हम अपीलार्थी के इस तर्क से सहमत हैं। यदि वाहन दुर्घटनाग्रस्‍त हो जाता है तो उसकी वारण्‍टी स्‍वत: समाप्‍त हो जाती है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता मंच ने इस विधिक बिन्‍दु पर बिना विचार किए प्रश्‍नगत निर्णय पारित कर भूल की है।

          परिणामत: प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

 

आदेश

            अपील स्‍वीकार की जाती है जिला उपभोक्‍ता फोरम कुशीनगर द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 21.05.2014 निरस्‍त किया जाता है।

           उभय पक्ष अपना अपना व्‍यय स्‍वयं वहन करेगें।

            इस निर्णय की प्रति नियमानुसार पक्षकारों को उपलब्‍ध करा दी जाए ।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह यथाशीघ्र इस निर्णय को अपलोड कर दें ।

 

 

(विकास सक्‍सेना)                         (डा0 आभा गुप्‍ता )

    सदस्‍य                                    सदस्‍य

 

 

    संदीप, आशु0 कोर्ट नं0 3

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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