(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या : 602/2016
(जिला उपभोक्ता फोरम, बाराबंकी द्वारा परिवाद संख्या-35/2008 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 30-01-2016 के विरूद्ध)
Bindra Cold Store Pvt. Ltd., Bindrapuram, Gonda Road, Crossing, Faizabad Road, Barabanki. ......अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम्
Rameshwar Prasad, S/o Ghirau, R/o Village Tuslipur, Post-Udauli, Pargana-Pratapganj, Tahsil-Nawabganj, Distt. Barabanki.
.....प्रत्यर्थी/परिवादी
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- श्री अदील अहमद।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित- कोई नहीं।।
समक्ष :-
- मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
- मा0 श्री महेश चन्द, सदस्य।
दिनांक : 24-07-2018
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित निर्णय
परिवाद संख्या-35/2008 रामेश्वर प्रसाद बनाम् प्रबंधक श्री बिन्द्रा कोल्ड स्टोरेज (प्रा0 लि0) में जिला उपभोक्ता फोरम, बाराबंकी द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय एवं आदेश दिनांक 30-01-2016 के विरूद्ध यह अपील धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गई है।
जिला फोरम ने आक्षेपित निर्णय के द्वारा परिवाद स्वीकार करते हुए निम्नलिखित आदेश पारित किया है :-
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‘’ परिवादी का परिवाद पत्र विपक्षी के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी को निर्देश दिया जाता है कि इस निर्णय व आदेश की तिथि से 45 दिवस के अंदर परिवादी को आलू का मूल्य 28,500/-रू0 अदा करे। परिवादी इस धनराशि पर निर्णय की तिथि से अदायगी तक 09 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज भी विपक्षी से पाने का अधिकारी होगा। परिवादी, मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति हेतु 2,000/-रू0 एवं वाद व्यय 1,000/-रू0 भी विपक्षी से पाने का अधिकारी होगा।’’
जिला फोरम के निर्णय से क्षुब्ध होकर परिवाद के अपीलार्थी/विपक्षी Bindra Cold Store Pvt. Ltd ने यह अपील प्रस्तुत की है।
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री अदील अहमद उपस्थित आए। प्रत्यर्थी की ओर से नोटिस तामीला के बाद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ है।
हमने अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्तुत किया है कि उसने वर्ष-2007 में अपीलार्थी/विपक्षी के कोल्ड स्टोरेज में 75 कट्टा आलू वजन 39 कुन्तल जमा किया था, जिसमें से उसने 41 कट्टा आलू प्राप्त किया, शेष आलू अपीलार्थी/विपक्षी ने दूसरे दिन देने को कहा, परन्तु जब वह शेष 34 कट्टा आलू अपीलार्थी/विपक्षी से लेने गया तो अपीलार्थी/विपक्षी ने उसका 34 कट्टी आलू नहीं दिया। प्रत्यर्थी/परिवादी ने अधिवक्ता के माध्यम से अपीलार्थी/विपक्षी को नोटिस भी भेजा, फिर भी अपीलार्थी/विपक्षी ने न तो प्रत्यर्थी/परिवादी को आलू दिया और न ही आलू का मूल्य ही उसे दिया। अत: विवश होकर परिवादी/प्रत्यर्थी ने परिवाद जिला फोरम, बाराबंकी के समक्ष प्रसतुत किया है।
विद्धान जिला फोरम के समक्ष अपीलार्थी/विपक्षी ने लिखित कथन प्रस्तुत किया है, जिसमें उसने कहा है कि मार्च, 2007 में प्रत्यर्थी/परिवादी ने 75 कट्टा आलू रखा था जिसका वजन 39 कुन्तल था, परन्तु उसने अपनी आवश्यकता के समय कोल्ड स्टोरेज में ही व्यापारी को बेचकर उक्त आलू निकाल लिया और अपीलार्थी/विपक्षी को निर्धारित किराया अदा कर रसीद प्राप्त कर लिया।
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लिखित कथन में अपीलार्थी/विपक्षी की ओर से कहा गया है कि तौल की पर्ची आदि जो माल रखने वाले व्यक्ति को दी जाती है उसे माल वापस ले जाने पर मूल रसीद किराया आदि के साथ माल ले जाने वाला कोल्ड स्टोरेज में देता है जिसके आधार पर उसका माल वापस किया जाता है।
लिखित कथन में अपीलार्थी/विपक्षी की ओर से कहा गया है कि परिवाद गलत कथन के साथ प्रस्तुत किया गया है।
लिखित कथन में अपीलार्थी/विपक्षी की ओर से यह भी कहा गया है कि परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत ग्राह्य नहीं है।
विद्धान जिला फोरम ने उभयपक्ष के अभिकथन एवं उपलब्ध साक्ष्यों पर विचार करने के उपरान्त यह निष्कर्ष अंकित किया है कि अपीलार्थी/विपक्षी ने प्रत्यर्थी/परिवादी का 34 कट्टा आलू वापस नहीं किया है। जिला फोरम ने अपने निर्णय में उल्लेख किया है कि अपीलार्थी/विपक्षी ने प्रत्यर्थी/परिवादी को 41 कट्टा आलू ही वापस किया है और 34 कट्टा आलू वापस नहीं किया है। अत: जिला फोरम ने रू0 1,000/- प्रति कुन्तल के हिसाब से 34 कट्टा आलू का मूल्य रू0 34,000/- निर्धारित किया है, जिसमें से कोल्ड स्टोरेज का किराया व बोरी का मूल्य रू0 5500/- कम करते हुए अवशेष धनराशि अपीलार्थी/विपक्षी से प्रत्यर्थी/परिवादी को निर्णय की तिथि से अदायगी की तिथि तक 09 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज के साथ दिलाया है साथ ही मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति हेतु रू0 2000/- व वाद व्यय हेतु रू0 1,000/- और दिलाया है।
अपीलार्थी/विपक्षी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम का निर्णय साक्ष्य और विधि के विरूद्ध है। प्रत्यर्थी/परिवादी अपना पूरा आलू ले गया है और उसने पूरे आलू का किराया जमा किया है जिसकी रसीद अपीलार्थी/विपक्षी की ओर प्रस्तुत की गयी है।
हमने अपीलार्थी/विपक्षी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क पर विचार किया है।
अपीलार्थी ने कोल्ड स्टोरेज का किराया रू0 3900/- की फोटोप्रति दाखिल की है परन्तु इस रसीद पर प्रत्यर्थी/परिवादी का कहीं हस्ताक्षर नहीं है और न ही इस
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रसीद के आधार पर यह कहा जा सकता है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने अपना पूरा आलू प्राप्त कर लिया है।
उभयपक्ष के अभिकथन और सम्पूर्ण तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के उपरान्त प्रत्यर्थी/परिवादी को प्रश्नगत 34 कट्टा आलू अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा प्राप्त कराया जाना प्रमाणित नहीं है। अत: जिला फोरम ने जो यह निष्कर्ष अंकित किया है कि 34 कट्टा आलू प्रत्यर्थी/परिवादी को अपीलार्थी/विपक्षी ने वापस नहीं किया है वह उचित है और उसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
जिला फोरम ने 34 कट्टा आलू का वजन 34 कुन्तल माना है जो स्पष्टया त्रुटिपूर्ण है। परिवाद पत्र से ही स्पष्ट है कि 75 कट्टा आलू का वजन 39 कुन्तल था, इस प्रकार एक कट्टा आलू का औसत वजन 50 किलोग्राम होता है इस प्रकार 34 कट्टा आलू का वजन 17 कुन्तल होगा। अत: जिला फोरम द्वारा निर्धारित आलू के मूल्य रू0 1,000/- प्रति कुन्तल के हिसाब से प्रत्यर्थी/परिवादी के आलू का मूल्य रू0 17,000/- होता है जिसमें से कोल्ड स्टोरेज का किराया और बोरी का मूल्य रू0 5500/- कम करने पर अवशेष धनराशि रू0 11,500/- बचती है। अत: जिला फोरम का निर्णय और आदेश संशोधित करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी से प्रत्यर्थी/परिवादी को यह धनराशि रू0 11,500/- जिला फोरम द्वारा स्वीकृत ब्याज दर पर दिलाया जाना उचित है। जिला फोरम ने जो मानसिक, शारीरिक व आर्थिक कष्ट हेतु रू0 2,000/- और वाद व्यय हेतु रू0 1,000/- दिलाया है वह उचित है और उसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश संशोधित करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह जिला फोरम के निर्णय के अनुसार प्रत्यर्थी/परिवादी को रू0 11,500/- निर्णय की तिथि से अदायगी की तिथि तक 09 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज सहित एक माह के अंदर अदा करे, इसके साथ ही प्रत्यर्थी/परिवादी को जिला फोरम द्वारा प्रदान की गयी मानसिक, शारीरिक व आर्थिक कष्ट की क्षतिपूर्ति रू0 2000/- और वाद व्यय रू0 1000/- भी उक्त अवधि में अपीलार्थी/विपक्षी अदा करे।
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उपरोक्त अवधि में अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा आदेशित धनराशि का भुगतान न करने पर प्रत्यर्थी/परिवादी विधि के अनुसार उसकी वसूली हेतु कार्यवाही करने हेतु स्वतंत्र होगा।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत अपीलार्थी द्वारा अपील में जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित जिला फोरम को इस निर्णय के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान) (महेश चन्द)
अध्यक्ष सदस्य
कोर्ट नं0-1 प्रदीप मिश्रा, आशु0