Uttar Pradesh

StateCommission

A/2008/2057

Firm Chunni Lal Bachhu Lal - Complainant(s)

Versus

Ramesh - Opp.Party(s)

Alok Ranjan

13 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2008/2057
( Date of Filing : 31 Oct 2008 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Firm Chunni Lal Bachhu Lal
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Ramesh
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 13 Sep 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-2057/2008

Firm Chunni Lal Bachhu Lal Sarraf

Versus  

Sri Ramesh aged about 63 years & others

समक्ष:-                                                             

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री आलोक रंजन 

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित:- कोई नहीं

दिनांक :13.09.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.            परिवाद संख्‍या-20/2007, फर्म चुन्‍नीलाल बाबूलाल बनाम रॉयल गुड्स ट्रांसपोर्ट कंपनी व अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, ललितपुर द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 27.09.2008 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना गया। प्रत्‍यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
  2.        परिवाद इस आधार पर खा‍रिज कर दिया गया है कि दीवानी न्‍यायालय का मामला बनता है क्‍योंकि साक्ष्‍य की विस्‍तृत व्‍याख्‍या की आवश्‍यकता है, परंतु प्रस्‍तुत परिवाद केवल कैरियर द्वारा गंतव्‍य स्‍थान पर सामान न पहुंचने का विवाद है। इस बिन्‍दु पर जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा सुगमता से सहज साक्ष्‍य ग्रहण की जा सकती है। दीवानी न्‍यायालय मे सुनवाई का आदेश देने मात्र से पलायन वाद की प्रकृति जाहिर होती है। जिला जज स्‍तर के अधिकारी से यह अपेक्षा नहीं की जा सकती कि वह कैरियर द्वारा माल गुम हो जाने के बिन्‍दु पर जिला उपभोक्‍ता आयोग के अध्‍यक्ष के रूप में साक्ष्‍य की व्‍याख्‍या नहीं कर सकते। अत: यह निर्णय/आदेश अपास्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

        प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता  आयोग द्वारा परिवाद सं0-20/2007 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 27.09.2008 अपास्‍त जाता है तथा प्रकरण सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता  आयोग को इस आग्रह के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग उपरोक्‍त परिवाद सं0-20/2007 को अपने पुराने नम्‍बर पर पुनर्स्‍थापित कर उभय पक्ष को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्‍तारण करना सुनिश्चित करें। 

           पक्षकार दिनांक 05.11.2024 को जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष उपस्थित हों।         

         उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

    आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

          

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

  

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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