Uttar Pradesh

StateCommission

A/987/2015

Sri Ram Transport Finance - Complainant(s)

Versus

Ramesh Kumar Rathore - Opp.Party(s)

Manu dixit

06 Dec 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/987/2015
( Date of Filing : 26 May 2015 )
(Arisen out of Order Dated 27/04/2015 in Case No. C/91/2013 of District Kanpur Nagar)
 
1. Sri Ram Transport Finance
Kanpur Nagar
...........Appellant(s)
Versus
1. Ramesh Kumar Rathore
Kanpur Nagar
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 06 Dec 2022
Final Order / Judgement

(मौखिक)

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-987/2015

श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेन्‍स कंपनी लिमिटेड, सिटी सेंटर 6th फ्लोर, मालरोड, कानपुर नगर, द्वारा अथराइज्‍ड रिप्रिंजेंटेटिव।

                             अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम्  

रमेश कुमार राठौर पुत्र स्‍व0 छेदी लाल राठौर, निवासी मकान नं0-0-19/17, ई.डब्‍ल्‍यू.एस., गंगापुर कालोनी, यशोदा नगर, थाना नौबस्‍ता, कानपुर नगर।

                      प्रत्‍यर्थी/परिवादी

 

समक्ष:-                                                              

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य

2. माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित   : श्री मनु दीक्षित, विद्वान अधिवक्‍ता

                                                की सहायक अधिवक्‍ता सुश्री पूजा त्रिपाठी।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित           : कोई नहीं।

दिनांक:  06.12.2022 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.                    परिवाद संख्‍या-91/2013, रमेश कुमार राठौर बनाम श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेन्‍स प्रा0लि0 में विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग, कानपुर नगर द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 27.04.2015 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। इस निर्णय एवं आदेश द्वारा विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए अपीलार्थी को आदेशित किया है कि परिवादी से अंकन 2,057/- रूपये नकद/बैंकर्स चेक/डिमांड ड्राफ्ट प्राप्‍त करते हुए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करें तथा परिवाद व्‍यय के रूप में अंकन 05 हजार रूपये एवं मानसिक प्रताड़ना की मद में अंकन 05 हजार रूपये भी अदा करें।

2.          इस निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि परिवादी  को  अंकन  1,35,000/- रूपये का ऋण विक्रय लोडर संख्‍या यू.पी. 35

 

-2-

एच. 3168 क्रय करने के लिए दिया गया था, जिसका भुगतान अंकन 6,168/- रूपये मासिक किस्‍तों में होना था, परन्‍तु परिवादी द्वारा नियमित रूप से भुगतान

नहीं किया गया, इसलिए ब्‍याज राशि में बढ़ोत्‍तरी होती रही, परन्‍तु विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवादी पर बकाया राशि के संबंध में कोई विचार नहीं किया और अपीलार्थी के विरूद्ध अनापत्ति प्रमाण पत्र देने का आदेश पारित कर दिया तथा एक मामूली रकम जमा करने के लिए परिवादी को आदेशित किया।

3.          अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री मनु दीक्षित की सहायक अधिवक्‍ता सुश्री पूजा त्रिपाठी उपस्थित हैं। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। प्रत्‍यर्थी पर नोटिस की तामील आदेश दिनांक 07.02.2017 द्वारा पर्याप्‍त मानी जा चुकी है। अत: केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता की सहायक अधिवक्‍ता को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

4.          अपीलार्थी की ओर से अपील के ज्ञापन के साथ प्रस्‍तुत किए गए शपथ पत्र के अनेक्‍जर संख्‍या-5 में परिवादी के ऋण खाते से संबंधित विवरण पत्र प्रस्‍तुत किया है, जिसके अवलोकन से जाहिर होता है कि परिवादी द्वारा अंकन 6,168/- रूपये की किस्‍त राशि का नियमित रूप से भुगतान नहीं किया गया तथा दिनांक 10.11.2011 के पश्‍चात से किसी भी राशि का भुगतान बंद कर दिया, इसलिए नियमित रूप से भुगतान न करने क कारण परिवादी पर ब्‍याज राशि बकाया हो गई। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने इस बिन्‍दु पर निर्णय पारित करते समय कोई विचार नहीं किया और केवल एक मामूली रकम जमा करने के लिए आदेशित किया है। अत: स्‍पष्‍ट है कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्‍य के विपरीत है, जो अपास्‍त होने और अपील स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

5.          प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 27.04.2015 अपास्‍त किया जाता है।

            उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय स्‍वंय वहन करेंगे।

-3-

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

(विकास सक्‍सेना)                        (सुशील कुमार)

   सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

 

लक्ष्‍मन, आशु0,   

   कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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