राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-1439/2004
लक्ष्मी कोल्ड स्टोरेज एण्ड आइस फैक्ट्री व तीन अन्य।
.....अपीलार्थीगण@विपक्षीगण
बनाम
श्री रमेश कुमार मिश्रा पुत्र पंडित बालमुकुन्द मिश्रा निवासी
बेहटा काला परगना सरेनी तहसील लालगंज, जिला रायबरेली।
.......प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अशोक मेहरोत्रा, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक 27.02.2023
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या 311/98 रमेश कुमार मिश्र बनाम लक्ष्मी कोल्ड स्टोरेज एवं अन्य में पारित निर्णय व आदेश दिनांक 26.05.2004 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है। जिला उपभोक्ता मंच ने परिवाद स्वीकार करते हुए विपक्षी/अपीलार्थी को आदेशित किया है कि परिवादी द्वारा जमा किए गए आलू की कीमत रू. 5100/- बोरे की कीमत रू. 1200/- क्षतिपूर्ति रू. 5000/- तथा वाद व्यय रू. 3000/- अदा करने के लिए आदेशित किया गया है।
2. इस निर्णय व आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि परिवादी द्वारा कभी भी उनके कोल्ड स्टोरेज में आलू नहीं रखा गया। जो रसीदें दाखिल की गई है वह केवल आलू रखने का एक टोकन के
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आधार पर है, परन्तु परिवादी आलू लेकर कोल्ड स्टोरेज में नहीं आया
और उनके द्वारा आलू जमा करने की कोई रसीद कभी भी जारी नहीं की गई।
3. जिला उपभोक्ता मंच ने अपने निर्णय में यह उल्लेख किया है कि राजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी द्वारा ट्रैक्टर से आलू कोल्ड स्टोरेज में रखा गया और किराया प्राप्त किया गया, इसकी रसीद प्रस्तुत की गई है तथा आलू उतारने का जो खर्च दिया गया है उसकी रसीद दाखिल की गई है, परन्तु यथार्थ में आलू कोल्ड स्टोरेज के अंदर जमा करने की रसीद दाखिल नहीं है तथा ट्रैक्टर चालक या मजदूरों द्वारा जारी रसीद का तात्पर्य यह नहीं है कि यथार्थ में परिवादी का आलू कोल्ड स्टोरेज के अंतर्गत रखा गया है। कोल्ड स्टोरेज के आमद पंजिका में भी परिवादी का आलू रखने का कोई उल्लेख नहीं है। जिला उपभोक्ता मंच ने जिन रसीदों पर अपना निर्णय पारित किया है, वे रसीदें कोल्ड स्टोरेज द्वारा जारी नहीं की गई हैं, इसलिए अपीलार्थी के कोल्ड स्टोरेज में आलू रखे जाने का तथ्य साबित नहीं था, इसके बावजूद आलू की कीमत अदा करने का आदेश पारित किया गया है, जो अपास्त होने योग्य है।
आदेश
4. अपील स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय व आदेश अपास्त किया जाता है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को
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आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार) सदस्य सदस्य
राकेश, पी0ए0-2
कोर्ट-3