जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या
उपभोक्ता वाद संख्या-633/2009
श्रीमती प्रेमा देवी पत्नी श्री सूर्यपाल वर्मा निवासी 118/113 कौषलपुरी कानपुर नगर।
................परिवादिनी
बनाम
सहकारी आवास समिति लि0 मुख्यालय 128/11/155 सौ फिट रोड देवकी नगर निकट बाई पास, कानपुर नगर।
...........विपक्षी
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 08.07.2009
निर्णय की तिथिः 23.02.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःः एकपक्षीय-निर्णयःःः
1. परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी सोसाइटी द्वारा बेंचा गया प्लाट सं0-194 रकबा 83 वर्ग गज स्थित स्वास्तिक सहकारी आवास समिति लि0 128/155 सौ फिट रोड देवकी नगर कानपुर नगर का कब्जा व दखल दिलाया जाये तथा समय पर कब्जा व दखल न देने से परिवादिनी को पहुॅची क्षति रू0 100000.00 दिलायी जाये तथा कथित प्लाट न दे पाने पर उसकी मौजूदा कीमत दिलायी जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादिनी द्वारा विपक्षी के उक्त सोसाइटी से एक किता प्लाट सं0-194 रकबा 83 वर्ग गज का रू0 11,250.00 में खरीदा गया था। विपक्षी सोसाइटी के सचिव द्वारा परिवादिनी को सोसाइटी का रू0 100.00 जमा कराकर दिनांक 30.11.97 को पंजीकृत सदस्य बनाया तथा दिनांक 30.11.97 को ही प्लाट आवंटन प्रमाण पत्र रू0 1116.00 लेकर दिया है। परिवादिनी द्वारा उक्त प्लाट किष्तों में खरीदा गया है, जिसका कुल रू0 11460.00, 23 किष्तों में परिवादिनी द्वारा विपक्षी के यहां जमा किया जा
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चुका है। अब उक्त प्लाट का कोई रूपया षेश नहीं रह गया है। परिवादिनी द्वारा प्लाट का पूरा पैसा अदा करने के बावजूद विपक्षी द्वारा प्रष्नगत प्लाट का कब्जा व दखल परिवादिनी को नहीं दिया गया और न ही उक्त प्लाट का जमा धन वापस किया गया है। जिससे परिवादिनी को रू0 25000.00 सामाजिक, रू0 25000.00 आर्थिक, 25000.00 मानसिक तथा रू0 25000.00 षारीरिक क्षति कारित हुई है। कुल मिलाकर रू0 100000. है, जिसकी भरपाई विपक्षी से कराया जाना अतिआवष्यक है। विपक्षी द्वारा अपने कर्तव्य का पालन न करके सेवा में कमी कारित की गयी है। अतः विवष होकर परिवादिनी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आया। अतः विपक्षी पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 05.10.15 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादिनी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 07.07.09 व 16.04.12 व 03.01.17 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-1 के साथ संलग्न कागज सं0-1/1 लगायत् 1/25 दाखिल किया है।
निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
6. परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादिनी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र व एकपक्षीय साक्ष्य षपथपात्र एवं कागज सं0-1/1 लगायत् 1/25 दाखिल किये गये है। जबकि विपक्षी की ओर से बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादिनी की
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ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी दषा में प्रस्तुत षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य अखण्डनीय हैं। परिवादी की ओर से यह स्पश्ट नहीं किया गया है कि प्रष्नगत प्लाट वर्तमान में खाली पड़ा है या विपक्षी द्वारा किसी अन्य के पक्ष में आवंटित किया जा चुका है। इसलिए परिवादिनी को मात्र अपने द्वारा जमा की गयी धनराषि मय ब्याज दिलाया जाना न्यायसंगत होगा।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों तथा उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादिनी का प्रस्तुत एपकक्षीय व आंषिक रूप से, परिवादिनी को, उसके द्वारा जमा की गयी धनराषि रू0 11,460.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली दिलाये जाने हेतु तथा तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादिनी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादिनी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादिनी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय व आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी, परिवादिनी को, उसके द्वारा जमा की गयी धनराषि रू0 11,460.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली अदा करे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
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आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।