Uttar Pradesh

StateCommission

A/661/2015

Shriram General Insurance Co. Ltd. - Complainant(s)

Versus

Ramchandra Mittal - Opp.Party(s)

Dinesh Kumar

12 Oct 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/661/2015
(Arisen out of Order Dated 11/02/2015 in Case No. C/02/2014 of District Sonbhadra)
 
1. Shriram General Insurance Co. Ltd.
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Ramchandra Mittal
Sonbhdra
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 12 Oct 2017
Final Order / Judgement

सुरक्षि‍त

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

 

                                                                                             अपील संख्‍या 661/2015

 

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, सोनभद्र द्वारा परिवाद संख्‍या-02/2014 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 11-02-2015 के विरूद्ध)

 

श्रीराम जनरल इंश्‍योरेंश कम्‍पनी लि0 E-8 EPIP, RIICO इण्‍डस्ट्रियल एरिया, सीतापुर, जयपुर (राजस्‍थान) 302022 ब्रांच आफिस 16 चिन्‍तल हाउस, स्‍टेशन रोड, लखनऊ द्वारा मैनेजर।

अपीलार्थी/विपक्षी

 

बनाम

राम चन्‍द्र मित्‍तल पुत्र ईश्‍वर चन्‍द्र मित्‍तल निवासी बीना पोस्‍ट- बीना तहसील दुद्धी जिला सोनभद्र।

                                                                                                                                            प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

 माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :   विद्वान अधिवक्‍ता, श्री दिनेश कुमार।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित :     कोई उपस्थित नहीं।

 

दिनांक: 24-11-2017

 

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

                                                                                                         निर्णय

 

परिवाद संख्‍या 02 सन् 2014 रामचन्‍द्र मित्‍तल बनाम श्रीराम जनरल इश्‍योरेंश कम्‍पनी लि0 व एक अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, सोनभद्र द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 11-02-2015 के विरूद्ध यह अपील धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

 

2

आक्षे‍पि‍त निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुये निम्‍न आदेश पारित किया है:- ‍  

     "परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है तथा विपक्षी संख्‍या 1 शाखा प्रबन्‍धक, श्रीराम जनरल इंश्‍योरेंश कम्‍पनी लि0 शाखा कार्यालय शिवा पार्क अम्बिका मोटर्स के बगल में रेनुकूट, पो0 रेनुकूट जिला सोनभद्र को आदेशित किया जाता है कि वे मु0 124907/- रू0 का भुगतान परिवादी को करें एवं मानसिक एवं शारीरिक क्षति के लिए मु0 3000/- रू० तथा वाद व्‍यय के रूप में मु0 2000/- रू० उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण धनराशि परिवादी को एक माह के अन्‍दर अदा की जाए। यदि एक माह के अन्‍दर उपरोक्‍त धनराशि परिवादी को अदा नहीं की जाती है तो उस पर 06 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज प्राप्‍त करने का हकदार होगा। उपरोक्‍त धनराशि के लिए विपक्षीगण संयुक्‍त रूप से तथा पृथक-पृथक रूप से जिम्‍मेदार होगें।"

जिला फोरम के निर्णय से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षी, श्रीराम जनरल इंश्‍योरेंश कम्‍पनी लि0 की ओर से यह अपील प्रस्‍तुत की गयी है।

अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी/विपक्षी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री दिनेश कुमार उपस्थित आए हैं। प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रत्‍यर्थी पर नोटिस का तामीला आदेश दिनांक           26-08-2016  के द्वारा पर्याप्‍त माना जा चुका है, फिर भी प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है। अत: अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क को सुनकर एवं आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन कर अपील का निरस्‍तारण किया जा रहा है।

    

    

3

अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने उपरोक्‍त परिवाद जिला फोरम के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि वह टीपर यू0पी0 64डी0/0489 का पंजीकृत स्‍वामी है जो मालयान की श्रेणी में आता है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने अपने वाहन का बीमा विपक्षीगण के यहॉं 4,87,000/- रू० मूल्‍य पर कराया था और प्रीमियम की धनराशि 11,000/- रू० अदा की थी। बीमा पालिसी दिनांक 19-01-2013 से दिनांक 18-01-2013 तक वैध थी। परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्‍यर्थी/परिवादी का कथन है कि दिनांक 24-06-2012 को उसका उपरोक्‍त वाहन पटरी पर खड़ा था तभी अज्ञात ट्रक ने धक्‍का मार दिया जिससे वाहन क्षतिग्रस्‍त हो गया। दुर्घटना की सूचना प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने विपक्षी बीमा कम्‍पनी को दिया और विपक्षी बीमा कम्‍पनी के सर्वेयर ने सर्वे किया। प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने आवश्‍यक कागजात उपलब्‍ध कराए और सर्वे के पश्‍चात् विपक्षी बीमा कम्‍पनी ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी से वाहन की मरम्‍मत कराने को कहा तब उसने मरम्‍मत कराया जिसमें 1,44,537/- रू० खर्च हुआ। वाहन की मरम्‍मत में हुए खर्च का बिल उसने विपक्षी बीमा कम्‍पनी को प्रस्‍तुत किया परन्‍तु बीमा कम्‍पनी ने उसे मात्र 19,630/- रू० चेक बुलाकर दिया। प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने चेक लेने से इन्‍कार किया और कहा कि मरम्‍मत में उसका 1,44,537/- रू० व्‍यय हुआ है तब विपक्षी बीमा कम्‍पनी ने कहा कि वह चेक सर्शत स्‍वीकार कर लें तब प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने चेक इस शर्त के साथ स्‍वीकार कर लिया कि शेष धनराशि के सम्‍बन्‍ध में वह वाद न्‍यायालय में दाखिल करने के लिए स्‍वतंत्र होगा।

     परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्‍यर्थी/परिवादी का कथन है कि विपक्षी बीमा कम्‍पनी ने वाहन की मरम्‍मत की सम्‍पूर्ण धनराशि का भुगतान न कर सेवा में त्रुटि की है। अत: उसने परिवाद प्रस्‍तुत कर वाहन के मरम्‍मत की अवशेष

4

धनराशि 1,24,907/- रू० ब्‍याज सहित दिलाए जाने का अनुरोध किया है। साथ  ही मानसिक क्षति के लिए 30,000/- और 10,000/- रू० वाद व्‍यय दिलाए जाने का अनुरोध किया है।

     जिला फोरम के समक्ष विपक्षीगण की ओर से लिखित कथन प्रस्‍तुत कर कहा गया है कि परिवाद मनगढंत, असत्‍य कथन पर आधारित है। परिवादी द्वारा वाहन की दुर्घटना के सम्‍बन्‍ध में क्‍लेम किया गया था जिस पर अधिकृत सर्वेयर से जॉंच करायी गयी और सर्वेयर आख्‍या के अनुसार दावे का निस्‍तारण करते हुए परिवादी के पक्ष में चेक निर्गत किया जा चुका है जिसे प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने स्‍वीकार किया है।

     लिखित कथन में अपीलार्थी/विपक्षीगण की ओर से यह भी कहा गया है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने लालच में आकर गलत कथन के आधार पर परिवाद प्रस्‍तुत किया है। परिवादी के वाहन की मरम्‍मत में कदापि 1,44,537/- रू० व्‍यय नहीं हुआ है।

     उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरान्‍त जिला फोरम ने यह उल्‍लेख किया है कि पत्रावली पर उपलब्‍ध पेपर 8/2 क्‍लेम डिस्‍चार्ज कम सैटिसफैक्‍शन वाउचर पर प्रतिवादी के हस्‍ताक्षर हैं तथा उस पर कोई रेवेन्‍यु स्‍टाम्‍प नहीं लगा है और न ही कोई तारीख पड़ी है। अत: जिला फोरम ने यह निष्‍कर्ष निकाला है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है। अत: जिला फारम ने परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए उपरोक्‍त प्रकार से निर्णय और आदेश पारित किया है।

     उल्‍लेखनीय है कि वर्तमान अपील आदेश दिनांक 01-05-2015 के द्वारा इस शर्त पर पंजीकृत की गयी है कि विलम्‍ब माफी प्रार्थना पत्र पर अपील की

 

5

अंतिम सुनवाई के समय प्रत्‍यर्थी  अपनी आपत्ति प्रस्‍तुत कर सकता है परन्‍तु प्रत्‍यर्थी की ओर से नोटिस के तामीला के बाद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ है और अपीलार्थी ने विलम्‍ब का कारण दर्शित किया है। अत: अपील में हुआ विलम्‍ब क्षमा करते हुए अपील का निस्‍तारण गुण-दोष के आधार पर किया जा रहा है।

     अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने सर्वेयर आख्‍या के आधार पर पूर्ण और अंतिम भुगतान के रूप में 19,630/- रू० का भुगतान प्राप्‍त किया है और डिस्‍चार्ज वाउचर पर हस्‍ताक्षर किया है। अत: प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद ग्राह्य नहीं है। जिला फोरम ने उसे स्‍वीकार कर गलती की है। अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने वाहन की मरम्‍मत में व्‍यय हुयी धनराशि को बहुत बढा-चढ़ाकर बताया है।

     अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने अपने तर्क के समर्थन में मा0 राष्‍ट्रीय आयोग द्वारा निम्‍न नजीरें प्रस्‍तुत की हैं:-

1-   ASHISH KUMAR JAISWAL Versus ICICI LOMBARD GENERAL INSURANCE  COMPANY LTD. & ORS I(2017) CPJ 529 (NC).

2-   RADHA KINKARI KEJRIWAL Versus JET AIRWAYS INDIA LTD. & ORS I(2017) CPJ 533 (NC).

     मैंने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क पर विचार किया है।

     अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता  ने सर्वेयर आख्‍या बहस के समय दिखाया जिससे यह स्‍पष्‍ट है कि सर्वेयर ने वाहन की कुल क्षति की धनराशि का आकलन 35,173/- रू० किया है जिसमें बीमा कम्‍पनी ने कटौती कर 19,630/- रू० का भुगतान प्रत्‍यर्थी/परिवादी को किया है। सर्वेयर आख्‍या में

6

वाहन में हुई क्षति का विवरण भी अंकित है। इसके साथ ही सर्वेयर आख्‍या में वाहन की मरम्‍मत हेतु बीमाधारक द्वारा प्रस्‍तुत स्‍टीमेट का भी उल्‍लेख है जिसके अनुसार वाहन की मरम्‍मत में 80,000/- रू० का खर्च बताया गया है। सर्वेयर ने वाहन के मरम्‍मत में हुये खर्च के प्रस्‍तुत बिल के सम्‍बन्‍ध में कोई टिप्‍पणी नहीं की है और यह उल्‍लेख नहीं किया है कि यह बिल अधिकृत रिपेयरकर्ता द्वारा प्रस्‍तुत हैं अथवा नहीं।  अत: प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत

बिल को बनावटी व फर्जी मानने हेतु उचित आधार नहीं है। सर्वेयर ने वाहन की मरम्‍मत में हुयी क्षति के आकलन की जो धनराशि निर्धारित की है उसके सन्‍दर्भ में किसी गैरेज के मिस्‍त्री का कोई आगड़न नहीं लिया है, स्‍वत: निर्धारित किया है। सर्वेयर आख्‍या से स्‍पष्‍ट है कि सर्वेयर ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत  बिल के सम्‍बन्‍ध में कोई प्रतिकूल टिप्‍पणी नहीं की है और मात्र अपना अनुमान अंकित किया है। सर्वेयर आख्‍या में वाहन की क्षति का जो विवरण प्रस्‍तर 14 में अंकित है उसके आधार पर प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत बिल के अनुसार स्‍टीमेट की धनराशि 80,000/- रू० युक्तिसंगत प्रतीत होती है। इसके साथ ही उल्‍लेखनीय है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा 80,000/- रू० के स्‍टीमेट के विरूद्ध सर्वेयर ने 35,173/- रू० की धनराशि आकलित की है। इसके साथ ही 24,000/- रू० लेबर के मद में अलग से धनराशि आकलित की है जिसके आधार पर सर्वेयर द्वारा निर्धारित क्षति की धनराशि 69,173/- रू० होती है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत स्‍टीमेट व सर्वेयर आख्‍या पर विचार  करने के उपरान्‍त मैं इस मत का हॅूं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने वाहन की मरम्‍मत में निश्चित रूप से सर्वेयर द्वारा निर्धारित धनराशि 35,173/- रू० से काफी अधिक धनराशि खर्च हुयी है और जिला फोरम के निर्णय से यह स्‍पष्‍ट है कि जिला फोरम के समक्ष जो अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी ने डिस्‍चार्ज कम

7

सैटिसफैक्‍शन वाउचर प्रस्‍तुत किया है वह सन्‍देहास्‍पद ढंग से तैयार किया गया प्रतीत होता है। अत: जिला फोरम ने उस पर विश्‍वास न कर कोई गलती नहीं की है। ऐसी स्थिति में अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी को अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा सन्‍दर्भित उपरोक्‍त नजीरों का लाभ अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी को वर्तमान वाद के तथ्‍यों के परिप्रेक्ष्‍य में नहीं दिया जा सकता है।

     सम्‍पूर्ण तथ्‍यों, साक्ष्‍यों और परिस्थितियों पर विचार करने के उपरान्‍त मैं इस मत का हॅूं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी के वाहन में हुयी क्षति की पूर्ति हेतु प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी से 1,20,000/- रू० की धनराशि दिलाया जाना उचित है और उपरोक्‍त विवरण से यह स्‍पष्‍ट है कि अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी को 19,630/- रू० की धनराशि पहले ही अदा कर दी है, अत: प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी से 1,00,000/- रू० क्षतिपूर्ति की और धनराशि दिलाया जाना उचित है। जिला फोरम ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी को मानसिक और शारीरिक कष्‍ट के रूप में 3,000/- रू० क्षतिपूर्ति प्रदान किया है जिसे अपास्‍त किया जाना उचित प्रतीत होता है परन्‍तु जिला फोरम ने जो 2000/- रू० वाद व्‍यय प्रत्‍यर्थी/परिवादी को प्रदान किया है वह उचित है। जिला फोरम ने जो डिक्रीशुदा धनराशि एक माह के अन्‍दर अदा न करने पर 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से प्रत्‍यर्थी/परिवादी को ब्‍याज दिया है वह भी उचित है।

     उपरोक्‍त निष्‍कर्ष के आधार पर अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश को संशोधित करते हुए अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी को आदेशित किया जाता है कि वह 1,00,000/- रू० की धनराशि वाहन की मरम्‍मत में हुये क्षति की पूर्ति हेतु प्रत्‍यर्थी/परिवादी को इस निर्णय की तिथि से

8

एक माह के अन्‍दर अदा करें। साथ ही वह प्रत्‍यर्थी/परिवादी को जिला फोरम द्वारा प्रदान की गयी वाद व्‍यय की धनराशि 2,000/- रू० और अदा करें। यदि

इस निर्णय की तिथि से एक माह के अन्‍दर प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी उपरोक्‍त धनराशि का भुगतान नहीं करता है तो प्रत्‍यर्थी/परिवादी इस निर्णय की तिथि से अदायगी की तिथि तक 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज भी पाने का अधिकारी होगा।

     जिला फोरम ने जो प्रत्‍यर्थी/परिवादी को 3,000/- रू० मानसिक और शारीरिक कष्‍ट हेतु क्षतिपूर्ति दिलाया है उसे अपास्‍त किया जाता है।

धनराशि 25,000/- रू० अर्जित ब्‍याज सहित जिला फोरम को इस निर्णय के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)

अध्‍यक्ष

            

कृष्‍णा, आशु0

कोर्ट 01

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.