( सुरक्षित )
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या:454/2022
(जिला उपभोक्ता आयोग, हापुड़ द्वारा परिवाद संख्या- 53/2021 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 11-02-2022 के विरूद्ध)
फ्यूचर जनरली इण्डिया इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड।
.अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
राम अवतार पुत्र मैनपाल सिंह, निवासी-ग्राम मीरापुर, तहसील धौलाना जिला हापुड़।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष :-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
उपस्थिति :
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- विद्वान अधिवक्ता श्री प्रसून श्रीवास्तव
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित- विद्वान अधिवक्ता श्री आर0 डी0 क्रांति
दिनांक : 01-03-2023
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी फ्यूचर जनरली इण्डिया इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड द्वारा परिवाद संख्या-53/2021 राम अवतार बनाम फ्यूचर जनरली इण्डिया इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड में जिला उपभोक्ता आयोग, हापुड़ द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 11-02-2022 के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986 के अन्तर्गत इस न्यायालय के सम्मुख योजित की गयी है।
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विद्वान जिला आयोग ने परिवाद एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है :-
जिला आयोग के आक्षेपित निर्णय व आदेश से क्षुब्ध होकर परिवाद के विपक्षी की ओर से यह अपील प्रस्तुत की है।
अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने अपने खेत में राज्य सरकार के उद्यान विभाग की पोली ग्रीन हाऊस योजना के तहत अपने खेत संख्या-428 स्थित ग्राम मीरापुर तहसील धौलाना जिला हापुड़ में स्थापित किया जिसकी स्थापना परिवादी ने मु0 51,30,000/-रू० लागत लगाकर राज्य सरकार के मानकों के आधार पर किया था। परिवादी ने अपने इस उपरोक्त पोली हाऊस का बीमा बैंक से अनुबंधित विपक्षी कम्पनी से कराया था तथा उपरोक्त विपक्षी कम्पनी ने पोली हाऊस का पूर्ण सर्वे करने के पश्चात ही उपरोक्त पोली हाऊस का सर्वे किया तथा परिवादी ने सभी मदों को जोड़ते हुए मु0 20,914/-रू० का भुगतान अपने बैंक खाते से दिनांक 21-05-2019 को कर दिया। विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी के
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पोली हाऊस को दिनांक 25-05-2019 को पालिसी संख्या-F0658321-SFR से बीमित किया गया जिसकी बीमित अवधि दिनांक 21-05-2019 से 20-05-2020 तक थी। इसमें विपक्षी कम्पनी द्वारा पोली हाऊस के सम्पूर्ण निर्माण के आधार पर रू० 33,76,000/- के जोखिम का पूर्ण दायित्व लिया था। उक्त पालिसी देते समय विपक्षी द्वारा परिवादी को यह आश्वासन देते हुए पत्र जारी किया गया था कि वह परिवादी को बेहतर सर्विस उपलब्ध करायेगें।
परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का कथन है कि उसके पोली हाऊस में तीन बार नुकसान हुआ और परिवादी द्वारा तीन क्लेम विपक्षी कम्पनी के समक्ष प्रस्तुत किये गये जिनमें से विपक्षी कम्पनी द्वारा प्रथम क्लेम का भुगतान नुकसान के अनुरूप नहीं किया गया। विपक्षी कम्पनी की पालिसी अवधि के दौरान ही दिनांक 10-05-2020 को अचानक आई भारी ऑंधी, तूफान से परिवादी को करीब 26 लाख रूपये का नुकसान हुआ जिसके लिए उसके द्वारा दिनांक 11-05-2020 को विपक्षी कम्पनी को सूचित किया गया जिससे बैंक ने प्राकृतिक आपदा होने के वजह से एक सामूहिक इन्टीमेशन भी दिनांक 16-05-2020 को विपक्षी के कर्मचारी को प्राप्त करा दिया तथा विपक्षी कम्पनी ने परिवादी का क्लेम, क्लेम नम्बर-F0019744 दर्ज कर लिया। विपक्षी कम्पनी द्वारा सर्वे किया गया तथा सर्वे के समय ही समस्त जरूरी कागजात परिवादी से प्राप्त कर लिये गये। परिवादी ने अपने पोली हाऊस के नुकसान का आंकलन करते हुए अपने पोली हाऊस को ठीक कराने के लिए मु० 25,98,639/-रू० का स्टीमेट कम्पनी में जमा कराते हुए
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विपक्षी कम्पनी के समक्ष क्लेम प्रस्तुत किया, परन्तु दिनांक 10-05-2020 से अभी तक परिवादी के क्लेम की राशि का भुगतान नहीं किया गया है।
विपक्षी कम्पनी को दिनांक 10-08-2021 को रजिस्ट्री संख्या- RU76072597 IN से कानूनी नोटिस निर्गत किया गया और यह हिदायत करते हुए कि वह परिवादी को क्लेम की राशि रू0 25,98,639/- का भुगतान नोटिस प्राप्ति के 15 दिन के अदंर करें अन्यथा परिवादी वाद दायर करने का अधिकारी होगा, किन्तु बीमा कम्पनी द्वारा क्लेम धनराशि का भुगतान नहीं किया गया, जो कि विपक्षी द्वारा सेवा में की गयी घोर कमी है, अत: विवश होकर परिवादी ने परिवाद जिला आयोग के समक्ष योजित किया है।
विपक्षीगण को नियमानुसार समन/नोटिस निर्गत किये गये तथा तामीला विपक्षी पर पर्याप्त होने के पश्चात उन्हें उपस्थित होने के लिए पर्याप्त समय दिया गया, परन्तु विपक्षीगण द्वारा तामीला होने के बाद भी उपस्थित होकर अपना लिखित कथन दाखिल नहीं किया गया जिस कारण जिला आयोग द्वारा अपने आदेश दिनांक 25-11-2021 में विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही संचालित की गयी।
विद्धान जिला आयोग ने परिवादी को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध प्रपत्रों का परिशीलन करने के उपरान्त अपने निष्कर्ष में यह मत अंकित करते हुए कथन किया कि परिवादी द्वारा राज्य सरकार की उद्यान विभाग की पोली ग्रीन हाऊस योजना के तहत एक पोली हाऊस का निर्माण अपने खेत संख्या-428 स्थित ग्राम मीरापुर तहसील धौलाना जिला हापुड़ में विपक्षी कम्पनी फ्यूचर जनरली इं0कं0लि0 से इंश्योरेंस
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करा कर लिया था तथा मु० 51,30,000/-रू० की लागत लगाकर राज्य सरकार के मानकों के आधार पर किया था। प्रोजेक्ट रिपोर्ट का विश्लेषण करने से स्पष्ट हो जाता है यह रिपोर्ट जिला उद्यान अधिकारी हापुड़ प्रभारी औद्योगिक सचल दल हापुड़ द्वारा प्रति हस्ताक्षरित होकर जारी की गयी है। परिवादी की पालिसी F0658321-SFR है जिसकी अवधि दिनांक 21-05-2019 से दिनांक 20-05-2020 तक है तथा प्राकृतिक आपदा के कारण हुआ नुकसान बीमित अवधि के अन्तर्गत आता है क्योंकि दिनांक 10-05-2020 को आई प्राकृतिक आपदा के कारण परिवादी के पोली हाऊस में नुकसान हुआ है। बीमा पालिसी को देखते से स्पष्ट होता है कि तूफान, ऑंधी, बाढ़ चक्रवात आदि विपक्षी की पालिसी के अन्तर्गत कवर होते हैं। विद्धान जिला आयोग द्वारा विपक्षी की सेवा में कमी पाते हुए परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए उपरोक्त निर्णय एवं आदेश पारित किया है।
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी बीमा कम्पनी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री प्रसून श्रीवास्तव उपस्थित हुए। प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री आर० डी० क्रांति उपस्थित हुए।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्य एवं विधि के विरूद्ध है अत: अपील स्वीकार करते हुए जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश निरस्त किया जावे।
प्रत्यर्थी/परिवादी के विद्धान अधिवकता का तर्क है कि विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्य एवं विधि के अनुसार है, अत: प्रस्तुत अपील निरस्त की जावे।
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मेरे द्वारा उभय-पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्क को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का अवलोकन किया गया। जिला आयोग द्वारा किये गये विस्तृत विवेचन से मैं पूर्णत: सहमत हूँ।
उभय-पक्ष के विद्धान अधिवक्ताद्व्य को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का भली-भॉंति परिशीलन एवं परीक्षण करने के उपरान्त मैं इस मत का हूँ कि विद्धान जिला आयोग द्वारा समस्त तथ्यों पर गहनतापूर्वक विचार करने के उपरान्त विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया है जिसमें किसी हस्तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है, तदनुसार अपील निरस्त किये जाने योग्य है।
आदेश
अपील निरस्त की जाती है। विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश 11-02-2022 की पुष्टि जाती है।
अपीलार्थी द्वारा धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत अपील में जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित जिला आयोग को विधि अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जावे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।....
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
कृष्णा–आशु0 कोर्ट नं0 1