Uttar Pradesh

StateCommission

A/2009/1376

Hariyali Plantation Industries - Complainant(s)

Versus

Ramanand Mishra - Opp.Party(s)

T H Naqvi,R.K. Mishra

26 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2009/1376
( Date of Filing : 19 Aug 2009 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Hariyali Plantation Industries
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Ramanand Mishra
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 26 Sep 2024
Final Order / Judgement

 (मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1376/2009

मैसर्स हरियाली प्‍लान्‍टेशन इण्डिया लिमिटेड

बनाम

श्री रामानन्‍द मिश्रा पुत्र स्‍व0 महाराज मिश्रा

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री आर0के0 मिश्रा, विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं

दिनांक :26.09.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        परिवाद संख्‍या-399/2005, श्री रामानन्‍द मिश्र बनाम मे0 हरियाली प्‍लान्‍टेशन इण्डिया लिमिटेड में विद्वान जिला आयोग, गोरखपुर द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 06.08.2007 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.        जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए अंकन 10,000/-रू0 की राशि 08 प्रतिशत ब्‍याज के साथ अदा करने का आदेश पारित किया है।

3.           परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार दिनांक 18.10.1994 को 5,000/-रू0 हरियाली कंचन योजना के अंतर्गत जमा कराये थे तथा परिपक्‍वता अवधि पर 10,000/-रू0 देने का वायदा किया था, जिसके बदले में एक चेक दिया गया था, परंतु इस चेक का भुगतान नहीं हुआ। इसी तथ्‍य को स्‍थापित मानते हुए जिला उपभोक्‍ता  आयोग ने 10,000/-रू0 की राशि ब्‍याज सहित अदा करने का आदेश पारित किया है।

4.           अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि प्रस्‍तुत केस चेक बाउंस का केस है, इसलिए चेक बाउंस की कार्यवाही की जानी चाहिए थी। यह तर्क विधिसम्‍मत नहीं कहा जा सकता क्‍योंकि चेक बाउंस होने के बावजूद चेक धारक के पास दो विकल्‍प उपलब्‍ध होते हैं प्रथम वह एन0आई0 एक्‍ट की धारा 138/143 के अंतर्गत आपराधिक कार्यवाही के लिए परिवाद प्रस्‍तुत कर सकता है या सिविल प्रक्रिया के तहत अपनी धनराशि वसूल कर सकता है। चूंकि प्रस्‍तुत केस में 5,000/-रू0 जमा कराये गये हैं, इसलिए सेवा प्रदाता एवं उपभोक्‍ता के संबंध मौजूद है। परिपक्‍वता पर 10,000/-रू0 की राशि देय बनती है, जिसको अदा करने का आदेश दिया गया है, जिसमें कोई हस्‍तक्षेप अपेक्षित नहीं है।

आदेश

                अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।

          उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍ताराण हेतु प्रेषित की जाए।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

         

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

 

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

  

 

 

 

 

         

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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