(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील सं0 :-308/2010
(जिला उपभोक्ता आयोग, अलीगढ़ द्वारा परिवाद सं0-320/2008 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22/10/2009 के विरूद्ध)
Director, Shivdan Singh Institute of Technology & Management, Mathura Road, Aligarh.
- Appellant
Versus
Ramagya Gupta S/O Sri Lakhpat Prasad Gupta, R/O Santpur Misrauliya, Post Purani Basti, District Basti
समक्ष
- मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य
- मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य
उपस्थिति:
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता:- श्री बृजेन्द्र चौधरी
प्रत्यर्थी की ओर विद्वान अधिवक्ता:- कोई नहीं
दिनांक:-25.09.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- यह अपील जिला उपभोक्ता आयोग, अलीगढ़ द्वारा परिवाद सं0-320/2008 रामाज्ञा गुप्ता बनाम डायरेक्टर शिवदान सिंह इन्स्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22/10/2009 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
- जिला उपभोक्ता आयोग ने छात्र के द्वितीय वर्ष में फेल हो जाने के बावजूद तृतीय वर्ष की फीस के लिए जमा राशि में से परीक्षा शुल्क की कटौती करते हुए अंकन 48,000/-रू0 06 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश पारित किया है।
- जिला उपभोक्ता आयोग ने इस तथ्य को स्थापित माना है कि परिवादी विपक्षी के शैक्षिक संस्थान में बी0टेक0 द्वितीय वर्ष का छात्र था, जिसमें वह फेल हो गया, परंतु इसके बावजूद भी तृतीय वर्ष की फीस जमा करा ली गयी। द्वितीय वर्ष में फेल हो जाने पर तृतीय वर्ष में फीस जमा कराने का कोई औचित्य नहीं था। तदनुसार उपरोक्त वर्णित आदेश पारित किया गया।
- अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि एकतरफा निर्णय पारित किया गया है, परंतु यह तर्क सुसंगत नहीं है क्योंकि अपीलार्थी जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष उपस्थित हुआ, परंतु लिखित कथन के समर्थन में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया। अत: अखण्डनीय साक्ष्य के आधार पर निर्णय/आदेश पारित किया गया।
- अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि शैक्षिक संस्थान के विरूद्ध उपभोक्ता परिवाद संधारणीय नहीं है। यह सही है कि शिक्षा के संबंध में उपभोक्ता परिवाद संधारणीय नहीं है, परंतु प्रस्तुत प्रकरण शिक्षा से संबंधित नहीं है, अपितु अवैध रूप से परिवादी से 48,000/-रू0 की राशि वसूलने से संबंधित है, इस राशि को लौटाने का आदेश विधिसम्मत है।
आदेश
अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2