Uttar Pradesh

StateCommission

A/2255/2015

Naresh kumar mishra - Complainant(s)

Versus

Rama Medical Collage Hosipatal & Rearch Centre - Opp.Party(s)

Alok Sinha

14 Mar 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2339/2015
( Date of Filing : 09 Nov 2015 )
(Arisen out of Order Dated 28/09/2015 in Case No. C/425/2011 of District Kanpur Nagar)
 
1. Rama Hospital
Kanpur Nagar
...........Appellant(s)
Versus
1. Naresh Kumar Mishra
Kanpur Nagar
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/2255/2015
( Date of Filing : 28 Oct 2015 )
(Arisen out of Order Dated 28/09/2015 in Case No. c/425/11 of District Kanpur Nagar)
 
1. Naresh kumar mishra
Kanpur Nagar
...........Appellant(s)
Versus
1. Rama Medical Collage Hosipatal & Rearch Centre
Kanpur Nagar
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 14 Mar 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्‍तर प्रदेश, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील सं0-2339/2015  

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग (अस्‍थाई-अतिरिक्‍त पीठ), कानपुर नगर द्वारा परिवाद सं0-425/2011 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 28-09-2015 के विरूद्ध)

 

1. सुपरिण्‍टेण्‍डेण्‍ट रामा मेडिकल कालेज, हास्पिटल एण्‍ड रिसर्च सेण्‍टर, रामा सिटी, जी0टी0 रोड, मन्‍धना, कानपुर नगर।

2. डॉ0 मंजू नेमानी द्वारा रामा मेडिकल कालेज, हास्पिटल एण्‍ड रिसर्च सेण्‍टर, रामा सिटी, जी0टी0 रोड, मन्‍धना, कानपुर नगर।

3. डॉ0 सपना सिंह द्वारा रामा मेडिकल कालेज, हास्पिटल एण्‍ड रिसर्च सेण्‍टर, रामा सिटी, जी0टी0 रोड, मन्‍धना, कानपुर नगर।

 

  ...........    अपीलार्थीगण/विपक्षीगण।    

बनाम

नरेश कुमार मिश्रा पुत्र श्री राज कुमार मिश्रा, निवासी ई-तृतीय 302, गंगागंज पनकी, कानपुर नगर। 

.............. प्रत्‍यर्थी/परिवादी।

 

अपील सं0-2255/2015

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग (अस्‍थाई-अतिरिक्‍त पीठ), कानपुर नगर द्वारा परिवाद सं0-425/2011 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 28-09-2015 के विरूद्ध)

 

नरेश कुमार मिश्रा पुत्र श्री राज कुमार मिश्रा, निवासी ई-तृतीय 302, गंगागंज पनकी, कानपुर नगर। 

...........    अपीलार्थी/परिवादी।

बनाम

1. सुपरिण्‍टेण्‍डेण्‍ट रामा मेडिकल कालेज, हास्पिटल एण्‍ड रिसर्च सेण्‍टर, रामा सिटी, जी0टी0 रोड, मन्‍धना, कानपुर नगर।

2. डॉ0 मंजू नेमानी द्वारा रामा मेडिकल कालेज, हास्पिटल एण्‍ड रिसर्च सेण्‍टर रामा सिटी, जी0टी0 रोड, मन्‍धना, कानपुर नगर।

 

 

 

3. डॉ0 सपना सिंह द्वारा रामा मेडिकल कालेज, हास्पिटल एण्‍ड रिसर्च सेण्‍टर, रामा सिटी, जी0टी0 रोड, मन्‍धना, कानपुर नगर।

....... प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण।

 

समक्ष:-

1.   मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2.   मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।  

 

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित    : श्री एस0के0 श्रीवास्‍तव अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित : श्री आलोक सिन्‍हा अधिवक्‍ता एवं           

                              परिवादी श्री नरेश कुमार मिश्रा स्‍वयं।

प्रत्‍यर्थी डॉ सपना सिंह की ओर से उपस्थित: श्री सुशील कुमार शर्मा 

                                     अधिवक्‍ता।   

 

दिनांक :- 26-04-2023.     

 

 

मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

 

 

इस मामले में परिवादी नरेश कुमार मिश्रा ने विपक्षीगण के विरूद्ध जिला उपभोक्‍ता आयोग (अस्‍थाई-अतिरिक्‍त पीठ), कानपुर नगर के समक्ष एक परिवाद सं0-425/2011 प्रस्‍तुत किया जिसको निर्णीत करते हुए विद्वान जिला आयोग ने निम्‍न आदेश दिनांक 28-09-2015 को पारित किया :-

‘’ परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। विपीक्षण इस निर्णय के 30 दिन के अंदर परिवादी की पत्‍नी श्रीमती मीनाक्षी मिश्रा को रू0 5,00,000.00 (पॉंच लाख रू0) क्षतिपूर्ति तथा उस पर आपरेशन के दिनांक 24.01.2010 के प्रभाव से 09 प्रतिशत की दर से ब्‍याज का भुगतान करें।उपरोक्‍त धनराशि का भुगतान 30 दिन के अंदर न करने पर ब्‍याज की दर 09 प्रतिशत के बजाय 12 प्रतिशत होगी।

इस निर्णय के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण परिवादी को रू0 5000.00 परिवाद व्‍यय तथा मानसिक क्‍लेश की क्षतिपूर्ति हेतु भी रू0 5000.00 अदा करें। ‘’

      उक्‍त निर्णय से व्‍यथित होकर परिवाद के विपक्षीगण द्वारा अपील सं0-2239/2015 उक्‍त निर्णय एवं आदेश को अपास्‍त किए जाने हेतु एवं परिवादी नरेश कुमार मिश्रा द्वारा अपील सं0-2255/2015 उक्‍त निर्णय एवं आदेश को संशोधित करते हुए अनुतोष में वृद्धि हेतु योजित की गई है।

चूँकि ये दोनों अपीलें एक ही परिवाद में पारित एक ही निर्णय के विरूद्ध योजित की गई हैं अत: इन दोंनों अपीलों का निस्‍तारण साथ-साथ किया जा रहा है। इस हेतु अपील सं0-2339/2015 अग्रणी होगी। 

अपील सं0-2339/2015 के अपीलार्थीगण का संक्षेप में कथन है कि परिवादी का आरोप है कि उसकी सहमति का दुरूपयोग करके परिवादी की पत्‍नी का अनावश्‍यक रूप से ट्यूबेक्‍टोमी आपरेशन बच्‍चे की डिलीवरी के समय कर दिया गया जिससे अब भविष्‍य में बच्‍चे पैदा होना सम्‍भव नहीं रह गया। अपीलार्थी ने कहा कि उसने अपन जवाब प्रस्‍तुत किया और बताया कि बेबी गर्ल की डिलीवरी सफल हुई थी और परिवादी की सहमति लेने के पश्‍चात् ही कथित आपरेशन किया गया किन्‍तु विद्वान जिला आयोग ने इस पर विचार नहीं किया। प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश असत्‍य, अनुचित और विधि विरूद्ध है। विद्वान जिला आयोग द्वारा इस सम्‍बन्‍ध में किसी अन्‍य अस्‍पताल से जांच कराते हुए आख्‍या मांगी जानी चाहिए थी। परिवादी कल लिखित सहमति आपरेशन के पूर्व ली गई थी क्‍योंकि प्‍लेसेण्‍टा का दृव्‍य निकल जाने के कारण सामान्‍य डिलीवरी सम्‍भव नहीं थी और आपरेशन के  समय पाया गया कि प्‍लेसेण्‍टा यूटरस से सटा हुआ था और उसे हटाने में उसके टुकड़े-टुकड़े करके निकाले गए। प्‍लेसेण्‍टा आंशिक रूप से निकालागया। अपीलार्थी की कोई उपेक्षा या लापरवाही इसमें नहीं है। विद्वान जिला आयोग ने समस्‍त तथ्‍यों और साक्ष्‍यों को नहीं देखा। अत: मा0 राज्‍य आयोग से निवेदन है कि विद्वान जिला आयोग का प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश अपास्‍त होने एवं अपील स्‍वीकार होने योग्‍य है।

अपील सं0-2255/2015 में अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि परिवादी के दो बच्‍चे, एक पुत्र और एक पुत्र हैं। उसकी पत्‍नी पुन: गर्भवती हुई जिसको रामा मेडिकल कालेज, हास्पिटल एण्‍ड रिसर्च सेण्‍टर में दिनांक 24-01-2010 को बच्‍चे की डिलीवरी के भर्ती किया गया। जांच में यह मालूम हुआ कि सब कुछ सामान्‍य है लेकिन बाद में विपक्षी ने सीजेरियन आपरेशन किया और उसी समय विपक्षी ने बिना परिवादी की सहमति के उसकी पत्‍नी का बन्‍ध्‍याकरण कर दिया। परिवादी मानसिक रूप से असन्‍तुलित हो गया और अब परिवादी का वंश आगे नहीं चल सकता। विपक्षी द्वारा की गई यह कमी धन के माध्‍यम से पूरी नहीं हो सकती।

विपक्षी की इस उपेक्षा और लापरवाही से क्षुब्‍ध होकर परिवादी ने प्रश्‍नगत परिवाद जिला आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत किया। विद्वान जिला आयोग ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरान्‍त उपरोक्‍त निर्णय एवं आदेश पारित किया।

अपीलार्थी/परिवादी के अनुसार प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश विधि विरू8 है। प्‍लेसेण्‍टा और सीजेरियन आपरेशन के बारे में कही गई बात गलत है। विद्वान जिला आयोग ने उसकी कही हुई बातों पर ध्‍यान नहीं दिया और उसके द्वारा मांगे गए अनुतोष को भी नहीं देखा। अत: मा0 राज्‍य आयोग से निवेदन है कि विद्वान जिला आयोग का प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश को संशोधित होने एवं अपील स्‍वीकार होने योग्‍य है।

हमने अपीलार्थीगण हास्पिटल एवं अन्‍य डॉक्‍टरों की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री एस0के0 श्रीवास्‍तव तथा श्री सुशील कुमार शर्मा एवं प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से उसके विद्वान अधिवक्‍ता श्री आलोक सिन्‍हा तथा परिवादी श्री नरेश कुमार मिश्रा को व्‍यक्तिगत रूप से विस्‍तार से सुना। पत्रावलियों पर उपलब्‍ध समस्‍त अभिलेखों/साक्ष्‍यों तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश का सम्‍यक रूप से परिशीलन किया।

अपील सं0-2339/2015 की पत्रावली का हमने अवलोकन किया जिसमें GRAVE CONSENT पत्र की एक फोटोप्रति उपलब्‍ध है जिसमें निम्‍नवत् लिखा हुआ है :-

‘’ मुझे बता दिया गया है कि मेरे मरीज के पेट में पूरे दिन का बच्‍चा जो कि कम घूम रहा है और बच्‍चा उल्‍टा है तथा तीन दिन से नीचे के रास्‍ते से पानी जा रहा है इसलिए उसका आपरेशन करना पड़ेगा बेहोशी की हालत में जिसके सारे खतरे मुझे बता दिय गए हैं। इसी सारी जिम्‍मेदारी मेरी होगी। इसी के साथ बच्‍चा बन्‍द करने का भी आपरेशन करेंगे। मेरी पत्‍नी का बच्‍चे बन्‍द करवाने का आपरेशन (नसबन्‍दी) करवाने के लिए मैं तैयार हूँ। मुझे समझा दिया गया है कि इसके बाद मेरे और बच्‍चे नहीं हो सकेंगे लेकिन कभी-2 ये आपरेशन फेल भी हो सकता है। ‘’

इस पर नरेश कुमार मिश्रा के हस्‍ताक्षर हैं जिसने अपनी पत्‍नी की ओर से इस पर हस्‍ताक्षर किए हैं। विद्वान जिला आयोग ने लिखा है कि नसबंदी आपरेशन के लिए कोई भी सहमति पत्र प्रस्‍तुत नहीं किया गया है किन्‍तु उक्‍त पत्र को देखने से स्‍पष्‍ट होता है कि यह सहमति पत्र प्रस्‍तुत किया गया है।

इसके अतिरिक्‍त कोई भी डॉक्‍टर यह नहीं चाहेगा कि उसके द्वारा कोई ऐसा कार्य किया जाए जिससे उसके या उसके अस्‍पताल की बदनामी हो। अगर प्‍लेसेण्‍टा यूटरस से चिपका हेाता है तब बच्‍चे की सुरक्षा के लिए सीजेरियन आपरेशन किया जाता है। ऐसा आपरेशन करते समय प्‍लेसेण्‍टा के साथ-साथ गर्भाशय भी निकाल दिया जाता है जिससे बच्‍चे या उसकी मॉं पर कोई विपरीत असर न पड़े। यह एक सामान्‍य प्रक्रिया है और इस मामले में किसी प्रकार की उपेक्षा सिद्ध नहीं होती है।

विद्वान जिला आयोग को चाहिए था कि इस सम्‍बन्‍ध में चिकित्‍सीय लेखों और चिकित्‍सीय सन्‍दर्भों को देखते तब यह स्‍पष्‍ट होता कि ऐसी स्थिति आती है कि जब डॉक्‍टर को बच्‍चे और मॉं के बचाव के लिए यह कार्य करना पड़ता है। इस प्रकार अपीलार्थीगण की इसमें कोई उपेक्षा नहीं है।

विद्वान जिला आयोग को इस सम्‍बन्‍ध में समस्‍त तथ्‍यों को देखना चाहिए था किन्‍तु ऐसा नहीं किया। अत: उपरोक्‍त समस्‍त तथ्‍यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए इस निष्‍कर्ष पर पहुँचते हैं कि विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश विधि सम्‍मत नहीं है और अपास्‍त होने योग्‍य है। तदनुसार अपील सं0-2339/2015 स्‍वीकार किए जाने एवं अपील सं0-2255/2015 निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।

आदेश

वर्तमान अपील सं0-2339/2015 स्‍वीकार की जाती है तथा अपील सं0-2255/2015 निरस्‍त की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग (अस्‍थाई-अतिरिक्‍त पीठ), कानपुर नगर द्वारा परिवाद सं0-425/2011 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 28-09-2015 अपास्‍त किया जाता है।  

अपील व्‍यय उभय पक्ष पर।

इस निर्णय की मूल प्रति अग्रणी अपील सं0-2339/2015 में रखी जाए तथा एक प्रमाणित प्रलिलिपि अपील सं0-2255/2015 में रखी जाए।

यदि अपीलार्थीगण द्वारा अपील सं0-2339/2015 में उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा-15 के अन्‍तर्गत इस राज्‍य आयोग में कोई धनराशि जमा की गई हो तो वह सम्‍पूर्ण धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित एक माह के अन्‍तर्गत अपीलार्थीगण के पक्ष में विधि अनुसार अवमुक्‍त की जाए। 

      उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

      वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

         (सुशील कुमार)                       (राजेन्‍द्र सिंह)

            सदस्‍य                                  सदस्‍य                    

 

निर्णय आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

 

         (सुशील कुमार)                       (राजेन्‍द्र सिंह)

            सदस्‍य                                 सदस्‍य                    

 

दिनांक : 26-04-2023.

 

 

प्रमोद कुमार

वैय0सहा0ग्रेड-1,

कोर्ट नं.-2.     

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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