राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2811/1999 (मौखिक)
(जिला उपभोक्ता फोरम, शाहजहॉपुर द्वारा परिवाद संख्या-249/1998 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 02-12-1998 व 20-08-1999 के विरूद्ध)
मेसर्स बाला जी कोल्ड स्टोर गुरगवां- तिलहर जिला- शाहजहॉपुर द्वारा श्रीमती रजनी गुप्ता- पार्टनर- बाला जी कोल्ड स्टोरेज- निवासी- शंकर राइस मिल- किच्छा जिला- उद्धमसिंह नगर।
..अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
राम सरन पुत्र सूबेदार सिंह- निवासी- ग्राम- बैबहा पोस्ट- कटरा जिला शाहजहॉपुर। .....प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठा0 सदस्य।
2. माननीय श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आर0के0 गुप्ता,विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 22-05-2015
माननीय श्री आर0सी0 चौधरी, पीठासीन सदस्य, द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलार्थी ने यह अपील जिला उपभोक्ता फोरम, शाहजहॉपुर द्वारा परिवाद संख्या-249/1998 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 02-12-1998 के विरूद्ध योजित की गयी है, जबकि बाद में अपील मेमो में आदेश सं0- 20-08-1999 भी बढ़ाया गया है। जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा दिनांक 02-12-1998 को निम्न आदेश पारित किया गया है:- विपक्षी को आदेश दिया जाता है कि आदेश के एक माह के अन्दर परिवादी को रूपया 7500/- तथा उस पर दावें की तिथि से भुगतान की तिथि तक 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से ब्याज अदा करें, अन्यथा उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
संक्षेप में केस के तथ्य इस प्रकार से हैं कि परिवादी ने विपक्षी के कोल्ड स्टोरेज में दिनांक 16-03-1997 को 100 बोरे आलू जमा किये तथा रूपया 250-00 रूपये एडवॉस विपक्षी को दिये गये। विपक्षी द्वारा
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आवश्यकता पड़ने पर आलू वापस करने का आश्वासन दिया गया। जुलाई 1997 में जब परिवादी विपक्षी के कोल्ड स्टोरेज में आलू लेने गया तब मालूम हुआ कि विपक्षी की लापरवाही से सारा आलू सड़ गया। परिवादी द्वारा आलू मांगने पर विपक्षी द्वारा आलू वापस नहीं किया गया। विपक्षी द्वारा न तो आलू दिया गया और न मुआवजा दिया गया।
जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष विपक्षी की तरफ से कोई उपस्थित नहीं हुआ, उसके विरूद्ध एक तरफा कार्यवाही हुई। अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री आर0के0 गुप्ता उपस्थित है। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया। पत्रावली का अवलोकन किया गया।
मूल निर्णय दिनांक 2-12-98 के विरूद्ध अपील होने के बाद पुनर्स्थापना प्रार्थना पत्र दिनांक 25-6-99 को आदेश दिनांक 20-8-99 के अन्तर्गत जिला फोरम द्वारा खारिज किया गया है, जिसको चुनौती नहीं दी जा सकती। आदेश दिनांक 20-8-99 के विरूद्ध अपील चलने योग्य नहीं है, जो निरस्त होने योग्य है। केस के तथ्यों परिस्थितियों में हम यह पाते है कि जिला उपभोक्ता फोरम - जो निर्णय/आदेश पारित किया गया है, वह विधि सम्मत् है, उसमें हस्तक्षेप किये जाने की कोई गुंजाइश नहीं है और अपीलकर्ता की अपील खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
अपीलकर्ता की अपील खारिज की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वयं वहन करें।
(राम चरन चौधरी) (राजकमल गुप्ता)
पीठासीन सदस्य सदस्य
आर.सी. वर्मा, आशु. कोर्ट नं 5