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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 29 सन् 2017
प्रस्तुति दिनांक 08.02.2017
निर्णय दिनांक 04.02.2019
गंगासागर त्रिपाठी उम्र तखo 48 साल पुत्र स्वo रामनयन त्रिपाठी साकिन- पक्खेपुर, पोस्ट- रौनापार, थाना- रौनापार, तहसील- सगड़ी, जिला- आजमगढ़।
......................................................................................परिवादी।
बनाम
- रामसमुझ गैस एजेन्सी जरिये प्रबन्धक टाउन एरिया बिलरियागंज पोस्ट व थाना बिलरियागंज जिला- आजमगढ़।
- इण्डेन गैस कo द्वारा क्षेत्रीय प्रबन्धक इण्डेन गैस बाईपास गोरखपुर उoप्रo।
..................................................................................विपक्षीगण।
उपस्थितिः- अध्यक्ष- कृष्ण कुमार सिंह, सदस्य- राम चन्द्र यादव
अध्यक्ष- “कृष्ण कुमार सिंह”-
याची ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसने विपक्षी संख्या 01 से एक गैस कनेक्शन दिनांक 02.04.2014 को लिया, जिसमें उन्होंने सिलेण्डर व गैस पाइप भी दिया था और उसका उपयोग परिवादी कर रहा है। परिवादी दिनांक 10.01.2016 को नया सिलेण्डर ले गया। 17.01.2016 को लगभग 09.30 बजे उक्त नया सिलेण्डर खाना बनाने के लिए लगाया गया तो तुरन्त ही सिलेण्डर से गैस लीकेज होने के कारण ज्योंहि चूल्हा जलाया आग लग गयी। तब गांव के लोगों ने प्रयास करके बुझाया और उसका लगभग एक लाख रुपये का नुकसान हो गया। आग लगने की सूचना उसने अग्निशमन विभाग थाना रौनापार एवं तहसील के एस.डी.एम. को दिया। दूसरे दिन थाना रौनापार को घटना की सूचना लिखित रूप से दिया। उसने विपक्षी संख्या 01 के कार्यालय पर दिनांक 19.01.2016 को जरिये डॉक सूचना भेजा। इसी बीच सगड़ी तहसील के कानूनगो उसके घर आकर मौके का मुआइना किये और क्षतिग्रस्त सामानों की सूची तैयार किये। जिसमें कुल क्षितग्रस्त सामानों का मूल्य 1,17,000/- रुपया
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आंका गया। विपक्षी गण द्वारा उस पर कोई कार्यवाही नहीं किया गया। उसका पुनः 30.03.2016 को जरिये रजिस्ट्री डॉक से सूचना भेजा। जिससे 2 - 3 माह बाद इण्डेन कम्पनी द्वारा एक सर्वेयर भेजा गया। जिसने क्षतिग्रस्त सामान की कीमत 51,000/- रुपये के बाबत भेजा था। विपक्षी गण ने यह कहा कि यह सब उसकी चूकवश हुआ है। क्षति होने से वह तथा उसका परिवार मानसिक रूप से परेशान है। अतः विपक्षीगण से उसे 1,72,000/- रुपये मय 18% ब्याज दिलवाया जाए।
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी द्वारा कागज संख्या 6/1 कनेक्शन का सबूत, कागज संक्या 6/2 भिन्न भिन्न तिथियों पर लिए गए सिलेण्डर के अंकन की छायाप्रति, कागज संख्या 6/3 रौनापार को दी गयी सूचना, कागज संख्या 6/5, 6/6 विपक्षी संख्या 01 को भेजी गयी नोटिस की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।
विपक्षी संख्या 01 ने चूंकि अपना जवाबदावा 45 दिन के पश्चात प्रस्तुत किया था अतः आदेश दिनांक 09.01.2019 के अनुसार उसका जवाबदावा अंगीकृत नहीं किया गया था। इस प्रकार जहां तक विपक्षी संख्या 02 का प्रश्न है उसके द्वारा कोई जवाबदावा प्रस्तुत नहीं किया गया है।
चूंकि परिवादी द्वारा परिवाद पत्र में प्रस्तुत अभिकथन और उसके समर्थन में प्रस्तुत शपथ पत्र अखण्डित हैं। अतः परिवाद स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवाद स्वीकार किया जाता है। चूंकि परिवादी ने अपने अनुतोष में 1,72,000/- रुपये की मांग किया है, लेकिन नोटिस में उसने यह लिखा है कि उसका 1,00,000/- रुपये का नुकसान हुआ था। विपक्षी संख्या 01 को आदेशित किया जाता है कि वह अन्दर 30
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दिन परिवादी को मुo 1,00,000/- (एक लाख रुपया) रुपया अदा करें। जिस पर परिवाद दाखिला की तिथि से 09% वार्षिक ब्याज देय होगा।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 04.02.2019
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)