(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2359/2013
Senior Superintendent of Post Office
Versus
Rampal Son of Makrand
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: डा0 उदयवीर सिंह, विद्धान
अधिवक्ता के सहयोगी अधिवक्ता श्री श्रीकृष्ण पाठक
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री ए0के0 जैदी, विद्धान अधिवक्ता
दिनांक :23.09.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-13/2010, रामपाल बनाम सीनियर सुपरिन्टेण्डेंट आफ पोस्ट आफिस में विद्वान जिला आयोग, सहारनपुर द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 25.07.2013 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2 जिला उपभोक्ता आयोग ने ग्रामीण डाक बीमा योजना के अंतर्गत जारी पॉलिसी के संबंध में यह आदेश पारित किया है कि 17 वर्ष की अवधि के बजाए 15 वर्ष पॉलिसी का समय निर्धारित किया जाए तथा छमाही किस्त 1,440/-रू0 प्राप्त की जाए। मानसिक प्रताड़ना के मद में 10,000/-रू0 और परिवाद व्यय के रूप में 2,000/-रू0 अदा करने का भी आदेश 09 प्रतिशत ब्याज के साथ पारित किया गया है।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी ने एक पॉलिसी प्राप्त की थी। विपक्षी ने इसकी अवधि 15 वर्ष बतायी थी तथा छमाही किश्त 1440/-रू0 बतायी थी। दिनांक 18.11.2003 को 1440/-रू0 किश्त जमा की थी। इसी आधार पर जिला उपभोक्ता आयोग ने माना है की किश्त की राशि 1440/-रू0 थी तथा अवधि 15 वर्ष थी, इसलिए 17 वर्ष की अवधि बताने के तथ्य से इंकार करते हुए उपरोक्त वर्णितआदेश पारित किया गया।
4. अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा क्षतिपूर्ति की राशि अत्यधिक उच्च दर से निर्धारित की गयी है तथा इस राशि पर ब्याज अत्यधिक उच्च दर से निर्धारित किया गया है। केस के तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए देय राशि पर ब्याज 09 प्रतिशत के स्थान पर 06 प्रतिशत किया जाना उचित प्रतीत होता है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में ब्याज की देयता 09 प्रतिशत के स्थान पर 06 प्रतिशत की दर से अदा की जाए। शेष निर्णय/आदेश पुष्ट किया जाता है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2