( मौखिक )
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या :691/2021
(जिला उपभोक्ता आयोग, प्रथम बरेली द्वारा परिवाद संख्या-119/2020 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 18-11-2021 के विरूद्ध)
1-मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 द्वारा चीफ इंजीनियर, विद्युत वितरण कार्यालय, काटजू मार्ग, बरेली।
2- मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 द्वारा एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, विद्युत वितरण मण्डल, ग्रामीण एरिया कार्यालय, काटजू मार्ग, बरेली।
3- मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 द्वारा एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, ग्रामीण एरिया, विद्युत वितरण ख्ण्ड-3 कार्यालय, बहेडी, बरेली।
- मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 द्वारा जूनियन इंजीनियर, विद्युत वितरण सब स्टेशन, 33.11 के.वी. कार्यालय बहेडी, बरेली।
- मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 द्वारा सब डिवीजनल आफीसर, विद्युत वितरण खण्ड-।, कार्यालय बहेडी, बरेली।
अपीलार्थी/विपक्षीगण
बनाम्
1-रामपाल सिंह पुत्र श्री नरायन सिंह निवासी ग्राम चंगोसी पो0 मानपुर परगना सरसावा तहसील बेहड़ी जिला बरेली।
प्रत्यर्थी/परिवादी
2-स्टेट आफ यू0पी0 द्वारा जिलाधिकारी, बरेली।
प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-5
समक्ष :-
1-मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
उपस्थिति :
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- श्री मनोज कुमार।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित- श्री करन सिंह कन्नौजिया
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दिनांक : 24-11-2022
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय
परिवाद संख्या-119/2020 रामपाल सिंह बनाम मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 व अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग, प्रथम बरेली द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 18-11-2021 के विरूद्ध यह अपील उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986 के अन्तर्गत इस न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत की गयी है।
‘’आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है :-
जिला आयोग के आक्षेपित निर्णय व आदेश से क्षुब्ध होकर परिवाद के विपक्षीगण की ओर से यह अपील प्रस्तुत की है।
अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार है कि परिवादी के पास ग्राम चंगासी, परगना संरसावा, तहसील बहेड़ी, जिला बरेली में उसके नाम गाटा संख्या-218/2 रकबई 1,6614 हे0 संक्रमणीय अधिकार की कृषि भूमि है जिसमें परिवादी कृषि का कार्य करता है। इस खेत में परिवादी के नाम सिंचाई हेतु विद्युत कनेक्शन भी है। वर्ष 2017 में परिवादी के खेत में
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नीलख ईख की फसल बोई गयी थी और गन्ना मिल में पिराई शुरू होने पर गन्ने की फसल कटने को तैयार थी कि खेत सं0-218 रकबा 1.614 हे0 कृषि भूमि में विपक्षीगण द्वारा दोषपूर्ण तरीसे से अनुरक्षित संचालित 11 के0वी0 सजीव लाइन का पोल खड़ा हुआ था। इस 11 के0वी0 लाइन के खेत में खड़े पोल से दिनांक 15-10-2017 को समय लगभग 1.00 बजे दोपहर एक चिंगारी निकली और वह गन्ने की सूखी पत्तियों पर गिरी जिससे गन्नी की खड़ी फसल में आग लग गयी और परिवादी का 1.614 हे0 खेत में खड़ा गन्ना जल गया और हवा तेज चलने के कारण आग फैलकर पड़ौसी काश्तकार राधा सिंह ऊर्फ राधारानी व वेदिका व कौशकी के गन्ने के खेत में चली गयी जिससे उक्त काश्तकारों की खड़ी गन्ने की फसल जल गयी। विपक्षीगण द्वारा जर्जर लाइन को समय रहते ठीक नहीं करने के कारण ऐसा हुआ है।
परिवादी द्वारा विद्युतीय दुर्घटना की सूचना विपक्षीगण एवं फायर बिग्रेड को दी गयी तब लाइन की सप्लाई बंद की गयी और अग्निशमन विभाग बहेड़ी ने परिवादी व राधा सिंह कौशकी वेदिका के खेतों में खड़ी फसल की आग बुझायी लेकिन तब तक फसल पूरी तरह नष्ट हो गयी थी। दुर्घटना की सूचना विद्युत सुरक्षा निदेशक बरेली को दी गयी जिस पर उनके द्वारा जॉंच की गयी और जॉंचोपरान्त विद्युत सजीव 11 के0वी0 लाईन की अनुरक्षण करने का दोषी विपक्षीगण को बताया गया तथा नुकसान की भरपाई राजस्व विभाग के आंकलन अनुसार किये जाने हेतु विपक्षीगण को जॉंच रिपोर्ट भेजी गयी। प्रकरण की जॉंच राजस्व विभाग द्वारा भी उसी दिन की गयी और नुकसान का आंकलन राजस्व विभाग द्वारा किया गया। सभी औपचारिकताऍं जनवरी, 2020 तक पूर्ण कराने के बाद भी विपक्षीगण द्वारा नुकसान की भरपाई नहीं
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की गयी और बार-बार आग्रह करने पर मात्र आश्वासन ही देते रहे और अन्तत अंतिम सप्ताह फरवरी, 2020 में प्रतिकर देने से मौखिक रूप से इंकार कर दिया। जो कि विपक्षीगण की सेवा में कमी का द्योतक है। अत: विवश होकर परिवादी ने परिवाद जिला आयोग के समक्ष योजित किया है।
विपक्षीगण ने अपना उत्तर पत्र 12 प्रस्तुत किया तथा कथन किया कि परिवाद पत्र का पैरा-2 साक्ष्य पर आधारित है तहसील बहेड़ी की कोई आख्या परिवादी द्वारा पत्रावली में दाखिल नहीं की गयी है। विद्युत विभाग की किसी भी लापरवाही से परिवादी काश्तकार राधा सिंह ऊर्फ राधा रानी, वेदिका एवं कौशिकी के गन्ने के खेत में आग नहीं लगी है। परिवादी द्वारा जो लगभग 500,500/-रू0 का नुकसान आंकलित किया गया है तथा इस संबंध में तहसील बहेड़ी जिला बरेली द्वारा कोई भी आख्या विभाग को नहीं दी गयी है।
विद्धान जिला आयोग द्वारा उभयपक्ष को सुनकर तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का भली-भॉंति परिशीलन करने के उपरान्त विपक्षीगण की सेवा में कमी पाते हुए 3,50,350/-रू0 क्षति का आंकलन करते हुए परिवादी को अदा किया जाना न्यायोचित पाया है तदनुसार निम्न विस्तृत आदेश पारित किया है जिसका उल्लेख ऊपर जा चुका है।
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी के विद्धान अधिक्ता श्री मनोज कुमार उपस्थित आए। प्रत्यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री करन सिंह कन्नौजिया उपस्थित आए।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्य एवं विधि के विरूद्ध है। अत: अपील
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स्वीकार करते हुए जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश को अपास्त किया जावे।
प्रत्यर्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्य एवं विधि के अनुसार है अत: अपील निरस्त किये जाने योग्य है।
मेरे द्वारा उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्तागण को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।
पत्रावली के परिशीलन एवं उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्ता को सुनने के पश्चात मैं इस मत का हूँ कि विद्धान जिला आयोग द्वारा समस्त तथ्यों का गहनतापूर्वक विश्लेषण करने के उपरान्त विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया है जिसमें हस्तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है। तदनुसार अपील निरस्त किये जाने योग्य है।
आदेश
अपील निरस्त की जाती है। विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
प्रदीप मिश्रा , आशु0 कोर्ट नं0-1