(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2595/2002
मैसर्स जायसवाल कोल्ड स्टोरेज एण्ड आईस फैक्ट्री, गोला बाजार, जिला गोरखपुर द्वारा प्रोपराइटर जितेन्द्र कुमार जायसवाल उर्फ पप्पू जायसवाल तथा एक अन्य।
अपीलार्थीगण/विपक्षीगण
बनाम
राम निवास राय पुत्र स्व0 श्री गोरख राय, निवासी ग्राम व पोस्ट विशुनपुर, तप्पा पचीसी, परगना भोवापार, तहसील बॉसगांव, जिला गोरखपुर।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय डा0 आभा गुप्ता, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से : श्री बी0के0 उपाध्याय, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से : श्री एम0एच0 खान, विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 07.06.2022
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
परिवाद संख्या-638/1997, राम निवास राय बनाम मैसर्स जायसवाल कोल्ड स्टोरेज एण्ड आइस फैक्ट्री तथा अन्य में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, गोरखपुर द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 30.09.2002 के विरूद्ध यह अपील केवल इस बिन्दु तक सीमित की गई है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने आलू की कीमत अवैध रूप से 500/- रूपये प्रति बोरा अदा करने का आदेश दिया है।
दोनों पक्षकारों के विद्वान अधिवक्तागण को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि वर्ष
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1997 में आलू की कीमत 100/- रूपये प्रति कुण्टल थी। इसी दर से आलू की कीमत अदा करने का आदेश दिया जाना चाहिए था। अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क किया गया है कि उनके द्वारा इस आयोग के आदेश के अनुपालन में अंकन 10,000/- रूपये विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष जमा किए गए थे। चूंकि किसी राशि का लेन-देन करने के लिए बाध्य न होना पड़े, इसलिए यह राशि यद्यपि अधिक है, परन्तु इस राशि पर भी अंतिम रूप से प्रतिकर स्वीकार किया जा सकता है।
प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि वर्ष 1997 में आलू की कीमत अंकन 100/- रूपये होने का कोई सबूत नहीं दिया गया है, जबकि इस पीठ द्वारा प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता से यह प्रश्न किया गया कि वह अपने स्तर से तत्समय प्रचलित आलू की कीमत की सूची दाखिल कर सकते हैं या विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष दाखिल की गई होगी, उसकी ओर पीठ का ध्यान आकृष्ट करा सकते हैं तब प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तत्समय प्रचलित आलू के भाव के संबंध में कोई सबूत उपलब्ध न होने से इंकार किया। अत: इस स्थिति में भी नजीर जवाहर कोल्ड स्टोरेज एण्ड आइस फैक्ट्री बनाम प्रमोद कुमार II (2007) CPJ 40 (NC) में दी गई व्यवस्था को विचार में लेना सुसंगत है। इस केस के तथ्यों के अनुसार वर्ष 1997 में आलू शीतगृह में रखा गया था और तत्समय आलू की कीमत 100/- रूपये सुनिश्चित की गई थी। अत: स्पष्ट है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष तत्समय आलू का भाव 500/- रूपये प्रति बोरा होने का कोई सबूत नहीं है। अत: विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने सबूत विहीन निर्णय पारित किया है और इस नजीर के आलोक में अंकन 100/- रूपये की कीमत सुनिश्चित की जाती है,
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परन्तु अपीलार्थीगण द्वारा इस राशि से भी अधिक यानि अंकन 10,000/- रूपये इस आयोग के आदेश के अनुपालन में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग में जमा कराए गए हैं, इस राशि के भुगतान पर अपील के निस्तारण के लिए वह सहमत हैं। अत: अपील तदनुसार आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 30.09.2002 इस रूप में परिवर्तित किया जाता है कि अपीलार्थीगण द्वारा इस आयोग के आदेश दिनांक 24.10.2002 के अनुपालन में अंकन 10,000/- रूपये जमा किए गए हैं, अर्जित ब्याज सहित केवल यह राशि ही प्रतिकर की राशि सुनिश्चित मानी जाएगी।
पक्षकार अपना व्यय स्वंय वहन करेंगे।
पत्रावली दाखिल दफ्तर की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुशील कुमार) (डा0 आभा गुप्ता)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2