राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(सुरक्षित)
अपील संख्या :135/2010
(जिला मंच, बाराबंकी द्धारा परिवाद सं0-127/2007 में पारित निर्णय/ आदेश दिनांक 26.12.2009 के विरूद्ध)
Safedabad Cold Storage, Safadabad, Pargana & Tehsil Nawabganj, District Barabanki through Manager. ..... Appellant/ Opp. Party
Versus
Ram Narain Verma, S/o Sri Fateh Bahadur Verma, R/o Village Kurauli, Pargana & Tehsil Nawabganj, Distt. Barabanki.
……..…. Respondent/ Complainant
समक्ष :-
मा0 श्री रामचरन चौधरी, पीठासीन सदस्य
मा0 श्री गोवर्धन यादव, सदस्य
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्री सुशील कुमार शर्मा
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : श्री आर0के0 मिश्रा
दिनांक : 03-5-2017
मा0 श्री रामचरन चौधरी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
मौजूदा अपील जिला उपभोक्ता फोरम, बाराबंकी द्वारा परिवाद सं0-127/2007 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 26.12.2009 के विरूद्ध योजित की गई है। उक्त निर्णय के द्वारा परिवादी का परिवाद एक पक्षीय रूप से स्वीकार किया गया है।
संक्षेप में केस के तथ्य इस प्रकार है परिवादी ने प्रतिवादी के कोल्ड स्टोरेज में कुल 677 पैकेट आलू भण्डारण हेतु रखा था। जब परिवादी दिनांक 12.7.2007 को प्रतिवादी के यहॉ आलू लेने गया तो प्रतिवादी द्वारा परिवादी के कुछ लाटों को निकलवाया, जिसमें कुल 382 पैकेट आलू मिलना था, परन्तु प्रतिवादी द्वारा परिवादी को मात्र 294 पैकेट आलू दिया गया और किराया मु0 27213.00 रू0 तथा अन्य खर्च मु0 10,000.00 रू0 लिया गया और कहा गया कि 88 पैकेट आलू कम है वह अगली बार पूरा कर देगें तथा रसीद भी बना देगें। परिवादी जब पुन: 24.10.2007 को अपना शेष आलू 231 पैकेट के साथ पहले का बाकी 88 पैकेट व 79 पैकेट
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जो प्रतिवादी द्वारा पहले सडा बता कर नहीं दिया गया था, लेने गया तो प्रतिवादी द्वारा उस पर भी परिवादी को 231 बोरे में से मात्र 134 बोरा सही आलू दिया गया और बताया कि 65 बोरा आलू सड़ गया है और उस समय भी परिवादी से मु0 9,757.00 रू0 आलू भण्डारण व रख-रखाव किराया तथा मु0 5,500.00 रू0 अन्य खर्चा बताकर जमा करा लिया और कहा कि जो 232 बोरे आलू सड़ गया है उसकी भरपाई व रसीदें बाद में आकर ले लेना परिवादी ने कई बार अपने सडे आलू तथा रसीदों के बावत प्रतिवादी से पूंछा तो वह आश्वासन देता रहा, परन्तु जब परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से रजिस्टर्ड नोटिस प्रतिवादी को भेजा तब प्रतिवादी बिगड़ गया और कहा कि अदालत से वसूल लो, जिसके फलस्वरूप परिवादी द्वारा प्रतिवादी से सड़े आलू के 232 पैकेट का कुल मूल्य 92,800.00 रूपये एवं क्षतिपूर्ति का अनुतोष दिलाये जाने हेतु जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया गया है।
जिला उपभोक्ता फोरम के निर्णय से स्पष्ट होता है कि प्रतिवादी के विरूद्ध परिवाद दिनांक 23.02.2008 को एक पक्षीय रूप से अग्रसारित किया गया था तथा प्रतिवादी ने कोई प्रतिवाद पत्र भी दाखिल नहीं किया है।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री सुशील कुमार शर्मा तथा प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री आर0के0 मिश्रा को सुना गया तथा जिला उपभोक्ता फोरम के निर्णय/आदेश दिनांकित 26.12.2009 का अवलोकन किया गया तथा अपील आधार का अवलोकन किया गया।
अपीलार्थी/प्रतिवादी की ओर से यह कहा गया कि उन्हें सुनवाई का मौका नहीं दिया गया है और एक पक्षीय रूप से केस चला है। आधार अपील में यह कहा गया है कि जिला उपभोक्ता फोरम के द्वारा इस केस को प्रीपोण्ड करके सुनवाई की तिथि 05.02.2010 से 16.12.2009 के लिए कर दी गई और अपीलार्थी के अधिवक्ता को कोई नोटिस भी नहीं भी दिया गया और इस प्रकार अपीलार्थी अपने केस में बहस करने में असमर्थ रहा। आधार अपील में यह भी कहा गया है कि प्रत्यर्थी/परिवादी के द्वारा केस
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की सुनवाई को प्रीपोण्ड करने के संबंध में प्रार्थना पत्र दिनांक 27.11.2009, जो आधार अपील के साथ संलग्नक-1 के रूप में संलग्न है, का अवलोकन किया गया, जिसमें लिखा है कि परिवाद में सामान्य तिथि के कारण दिनांक 05.02.2010 नियत हो गई है और परिवाद में कोई शीघ्र की तिथि नियत की जाय। जिला उपभोक्ता फोरम के द्वारा तिथि को दिनांक 16.12.2009 में परिवर्तित कर दिया गया।
केस के तथ्यों परिस्थितियों एवं अपील आधार के पैरा-1 को देखते हुए हम यह पाते हैं कि जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष प्रतिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया और न ही कोई प्रतिवाद पत्र दाखिल किया गया और प्रतिवादी के विरूद्ध एक पक्षीय निर्णय पारित किया गया है, अत: केस के तथ्यों परिस्थितियों में हम यह पाते हैं कि प्रतिवादी को अपना प्रतिवाद पत्र दाखिल करने एवं सुनवाई का अवसर दिया जाना न्यायोचित होगा, इसलिए अपीलार्थी की अपील स्वीकार करते हुए प्रकरण सम्बन्धित जिला उपभोक्ता फोरम को प्रति-प्रेषित किये जाने योग्य है।
आदेश
अपीलार्थी की अपील स्वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्ता फोरम, बाराबंकी द्वारा परिवाद सं0-127/2007 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 26.12.2009 को निरस्त करते हुए प्रकरण जिला उपभोक्ता फोरम को इस निर्देश के साथ प्रति-प्रेषित किया जाता है कि प्रतिवादी को प्रतिवाद पत्र दाखिल करने एवं उभय पक्षों को पुन: साक्ष्य/सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए प्रकरण का निस्तारण गुण-दोष के आधार पर यथाशीघ्र करना सुनिश्चित करें।
दोनों पक्ष जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष सुनवाई हेतु दिनांक 05.6.2017 को उपस्थित हो।
उभय पक्ष अपीलीय व्यय भार स्वयं वहन करेगें।
(रामचरन चौधरी) (गोवर्धन यादव)
पीठासीन सदस्य सदस्य
हरीश आशु.,
कोर्ट सं0-4