( मौखिक )
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या :151/2021
टाटा मोटर्स फाइनेंस लिमिटेड
बनाम्
राम किशोर व एक अन्य
दिनांक : 09-02-2023
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय
परिवाद संख्या-134/2016 राम किशोर बनाम टाटा मोटर्स फाइनेंस लि0 व एक अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग, उन्नाव द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 09-05-2019 के विरूद्ध यह अपील उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत इस न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत की गयी है।
आक्षेपित निर्णय एवं आदेश के द्वारा विद्धान जिला आयोग ने परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है :-
‘’ अत: उपभोक्ता परिवाद संख्या-134/2016 राम किशोर बनाम टाटा मोटर्स फाइनेंस लि0 आदि एतद्द्धारा आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या-1 को निर्देशित किया जाता है कि परिवादी के ऊपर शेष धनराशि जो बची है तथा उस पर 06 प्रतिशत वार्षिक ब्याज जोड़कर उसे परिवादी से लेकर उसके नाम पंजीकृत वाहन आदेश प्राप्ति के 45 दिन के अंदर परिवादी को हस्तगत करा दें। इसके अतिरिक्त शारीरिक, मानसिक व आर्थिक क्षति के लिए 3,000/-रू0 की धनराशि तथा परिवाद व्यय के लिए 2,000/-रू0 की धनराशि परिवादी विपक्षी संख्या-1 से प्राप्त करेगा। जो धनराशि परिवादी के ऊपर विपक्षी संख्या-1 की शेष बचती है वह धनराशि उसमें समायोजित कर ली जायेगी।
-2-
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री राजेश चड्ढा उपस्थित। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
हमारे द्वारा अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।
विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश के परिशीलन से यह विदित होता है कि जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश के द्धितीय पृष्ठ के क्रमांक/प्रस्तर-4 में यह उल्लिखित किया गया है कि- (विपक्षी संख्या-1 की ओर से कोई लिखित कथन प्रस्तुत नहीं किया गया है। यद्धपि उनके अधिवक्ता उपस्थित रहे हैं।)
उक्त उल्लिखित तथ्य के संबंध में अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा इस पीठ का ध्यान परिवाद पत्र के साथ उपलब्ध प्रपत्र के पृष्ठ-45 जो कि प्रश्नोत्तरी है की ओर आकर्षित किया गया जिसमें अपीलार्थी द्वारा जिला आयोग के सम्मुख यह प्रश्नोत्तर करते हुए उल्लेख किया है कि :-
क्रम सं0 | प्रश्न | उत्तर |
1 | क्या उपरोक्त वाद संख्या-134/2016 राम किशोर बनाम टाटा मोटर्स फाइनेंस लिमिटेड आदि में प्रतिवादी संख्या-1 की तरफ से वकालतनामा दाखिल किया गया है। | जी नहीं। |
जिला आयोग द्वारा जारी प्रश्नोत्तरी में उत्तर के कालम में ‘’जी नहीं’’ का उल्लेख किया गया है।
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अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि वह जिला आयोग के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं कर सका अत: उसे न्यायहित में एक अवसर साक्ष्य और सुनवाई का प्रदान किया जावे।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का सुनने तथा उक्त तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए हमारे विचार से अपीलार्थी को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का एक अवसर दिया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है।
तदनुसार प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है तथा विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 09-05-2019 निरस्त किया जाता है तथा पत्रावली जिला आयोग को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित की जाती है कि जिला आयोग परिवाद को अपने पुराने नम्बर पर पुर्नस्थापित करते हुए उभयपक्ष को साक्ष्य और सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का निस्तारण 06 माह की अवधि में गुणदोष के आधार पर किया जाना सुनिश्चित करें।
उभयपक्ष जिला आयोग के सम्मुख दिनांक 22-03-2023 को उपस्थित होंवे।
चूंकि प्रत्यर्थी/विपक्षीगण की ओर से अपील की सुनवाई के समय कोई उपस्थित नहीं है अत: प्रत्यर्थी/विपक्षीगण को नियत तिथि की सूचना नियमानुसार प्रेषित की जावे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) ( विकास सक्सेना )
अध्यक्ष सदस्य
प्रदीप मिश्रा , आशु0 कोर्ट नं0-1