राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील सं0- 2646/2003
Mahindra & Mahindra Ltd. Mahindra Towers, Worli 13, Mumbai, through its Area Manager, Farm Equipment Sector, Block-B-2, 4th Floor, PICCUP Building, Gomati Nagar, Lucknow.
…….Appellant
Versus
1(a). Ramjimal, Son of Puran Singh.
1(b). Smt. Kailaso wife of Ramjimal.
1(c). Ram Singh, Son of Hari Singh.
All are Residents of Shekhupur Khas, Tahsil- Bilari, Police Station Kundarki, District Moradabad.
1(d). Bhure Son of Ramcharan, Resident of Village Sarthal, Tahsil Bilari, Distt. Moradabad.
2. M/s Jain Bros Rampur road, Moradabad.
……….Respondents
समक्ष:-
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री काशीनाथ शुक्ला,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं0- 1 की ओर से उपस्थित : श्री वी0एस0 बिसारिया,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं0- 2 की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक:- 16.12.2022
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0- 111/2002 रामजीमल व तीन अन्य बनाम जैन ब्रदर्स व 01 अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग प्रथम, मुरादाबाद द्वारा पारित आदेश दि0 08.07.2003 के विरुद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है।
2. जिला उपभोक्ता आयोग ने ट्रैक्टर की मरम्मत कराने का आदेश देने के साथ-साथ क्षतिपूर्ति के रूप में 10,000/-रू0 और वाद व्यय के रूप में 1,000/-रू0 दिया है।
3. हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री काशीनाथ शुक्ला एवं प्रत्यर्थी सं0- 1 के विद्वान अधिवक्ता श्री वी0एस0 बिसारिया को सुना। प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का सम्यक परिशीलन किया। प्रत्यर्थी सं0- 2 की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
4. प्रत्यर्थी सं0- 1/परिवादीगण द्वारा ट्रैक्टर 575 डीआई 3,08,000/-रू0 में खरीदा गया था जो क्रय करने के पश्चात से ही खराब हो गया। इसलिए खराब ट्रैक्टर को दुरुस्त कराने का दायित्व परिवाद के विपक्षीगण पर डाला गया। इस आदेश में किसी प्रकार की अवैधानिकता नहीं है, परन्तु 10,000/-रू0 क्षतिपूर्ति के मद में पारित आदेश उचित प्रतीत नहीं होता है। इस मद में 5,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश पर्याप्त माना जा सकता है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
5. अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि क्षतिपूर्ति के मद में 5,000/-रू0 की धनराशि देय होगी। शेष निर्णय व आदेश की पुष्टि की जाती है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 3