Uttar Pradesh

StateCommission

A/2009/2248

Yash Automobiles - Complainant(s)

Versus

Ram Dulare Singh - Opp.Party(s)

R Chaddha

16 Apr 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2009/2248
( Date of Filing : 23 Dec 2009 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Yash Automobiles
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Ram Dulare Singh
a
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/2009/1802
( Date of Filing : 16 Oct 2009 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Tata Motors
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Ram Dularey Singh
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 16 Apr 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील सं0 1802/2009

Tata Motors Limited, Jeevan Tara Building, 5

Versus  

Ram Dulare Singh S/O Sri Rammurat Singh & others

एवं

अपील संख्‍या-2248/2009

Yash Auto Mobiles Pvt. Ltd.

Versus   

Ram Dulare Singh Son of Sri Rammurat Singh & others

 समक्ष:-                                                           

1. माननीय सुशील कुमार, सदस्‍य

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

अपीलार्थी टाटा मोटर्स की ओर से उपस्थित :श्री राजेश चड्ढा, विद्धान

                                   अधिवक्‍ता 

प्रत्‍यर्थी परिवादी की ओर से उपस्थित: श्री अम्‍बरीश कौशल, विद्धान

                                                                       अधिवक्‍ता

दिनांक :16.04.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.       परिवाद संख्‍या-02/2009, राम दुलारे सिंह बनाम टाटा मोटर्स लिमिटेड व अन्‍य में विद्धान जिला उपभोक्‍ता आयोग, सोनभद्र द्वारा अपील सं0 1802/2009 एवं अपील सं0 2248/2009 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गयी है। चूंकि उभय पत्रावलियों में विषय-वस्‍तु समान हैं अत: उभय अपीलों का निस्‍तारण एक साथ किया जा रहा है। अपीलार्थी टाटा मोटर्स एवं प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना गया। पत्रावली एवं प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश का अवलोकन किया गया।

2.       अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि सम्‍पूर्ण सम्‍व्‍यवहार मिरजापुर में सम्‍पादित हुआ है, जबकि उपभोक्‍ता परिवाद को सोनभद्र में प्रस्‍तुत किया गया, इसलिए जिला उपभोक्‍ता आयोग, सोनभद्र को सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्‍त नहीं है। परिवादी के विद्धान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क दिया गया है कि विपक्षी सं0 3, विपक्षी सं0 2 का प्रतिनिधि है और वह घर-घर जाकर वाहन विक्रय करने का संविदा करते हैं। विपक्षी सं0 3 का व्‍यापार भी जनपद मिरजापुर में स्थित है। परिवाद पत्र में कहीं पर भी यह उल्‍लेख नहीं है कि विपक्षी सं0 3 ने परिवाद से सोनभद्र में आकर किसी वाहन को विपक्षी सं0 1 की ओर से विक्रय करने का कोई सम्‍पर्क किया हो, इसलिए यह तर्क अभिवचनों के विपरीत है। पैरा सं0 2 में विपक्षी सं0 1 के लिए लिखा गया है कि विपक्षी सं0 1 ने सम्‍पर्क किया। यह कथन नहीं है कि विपक्षी सं0 1 के Behalf पर विपक्षी सं0 3 द्वारा सम्‍पर्क किया गया हो। अत: जनपद सोनभद्र में इस परिवाद के निस्‍तारण का क्षेत्राधिकार कदाचित उत्‍पन्‍न नहीं होता।

3.         प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विद्धान अधिवक्‍ता की ओर से नजीर Fair Air Engineers Pvt. Ltd. & Anr. Versus N.K. Modi III (1996) CPJ 1 (SC) प्रस्‍तुत की गयी है, जो उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा 11 की व्‍याख्‍या नहीं करती है। अत: इन नजीरों का कोई लाभ परिवादी को प्रदान नहीं किया जा सकता। उपरोक्‍त विवेचना से स्‍पष्‍ट है कि जिला उपभोक्‍ता   आयोग, सोनभद्र ने क्षेत्राधिकार विहीन निर्णय/आदेश पारित किया गया है, जो अपास्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

            अपील सं0-1802/2009 एवं अपील सं0-2248/2009 स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्‍त किया जाता है। यद्यपि परिवादी को यह अधिकार होगा कि वह सक्षम क्षेत्राधिकार वाले मंच के समक्ष अपना परिवाद प्रस्‍तुत कर सकते हैं।   

           

            इस निर्णय व आदेश की मूल प्रति अपील सं0-1802/2009 में रखी जाये एवं इसकी प्रमाणित प्रतिलिपि सम्‍बंधित अपील सं0-2248/2009 में रखी जाये। 

           उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

 उपरोक्‍त अपीलों में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

     

        (सुधा उपाध्‍याय)                         (सुशील कुमार)

            सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट नं0-2

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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