(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-592/2011
(जिला उपभोक्ता आयोग, कन्नौज द्वारा परिवाद संख्या-493/1994 / के-404/2008 में पारित निणय/आदेश दिनांक 30.10.2010 के विरूद्ध)
यू.पी. पावर कारपोरेशन लि0।
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
1. रामाधीन (मृतक)
1/1. जगदीश चन्द्र।
1/2. आशुतोष कुमार।
1/3. दीप कुमार।
1/4. आनन्द कुमार।
पुत्रगण स्व0 रामाधीन, निवासीगण ग्राम मोहना, पोस्ट सराय प्रयाग, जिला फर्रूखाबाद।
प्रत्यर्थीगण/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री दीपक मेहरोत्रा।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री जे.पी. सक्सेना।
दिनांक: 03.07.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-493/1994 / के-404/2008, रामाधीन (मृतक) द्वारा उत्तराधिकारीगण बनाम उ0प्र0 राज्य विद्युत परिषद में विद्वान जिला आयोग, कन्नौज द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 30.10.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी एवं प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्तागण को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. विद्वान जिला आयोग ने परिवादी के विद्युत कनेक्शन संख्या-1610 को चालू करने और आवश्यकतानुसार फीडर बदलने का आदेश पारित किया है।
3. इस निर्णय/आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि परिवाद संख्या-493/1994 निर्णय तिथि 24.6.1993 के अनुसार दिनांक 25.2.1994 को कनेक्शन पुनर्स्थापित किया जा चुका था, परन्तु परिवादी ने मासिक बिल का भुगतान दिनांक 25.2.1994 के बाद नहीं किया और यह झूठ आधार लिया कि पासबुक न होने के कारण बिल अदा नहीं किया जा सका, जबकि पुरानी पासबुक खोने का कोई कथन नहीं है। ट्रांसफार्मर कभी भी नहीं जला। परिवादी द्वारा ट्रांसफार्मर जलने की असत्य कहानी प्रस्तुत की गई है।
4. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी ने रू0 34,226.10 पैसे के बिल को निरस्त करने, अंकन 21,228/-रू0 की राशि को वापस लौटाने तथा नया ट्रांसफार्मर स्थापित करने के अनुतोष के साथ परिवाद प्रस्तुत किया था।
5. विद्वान जिला आयोग द्वारा केवल विद्युत कनेक्शन जारी करने का आदेश पारित किया है और धनराशि के संबंध में किसी प्रकार का कोई आदेश नहीं दिया गया। चूंकि विद्युत शुल्क की मांग को निरस्त नहीं किया गया है। इसी प्रकार परिवादी से विद्युत शुल्क के रूप में जो राशि वसूली गई है, उसे वापस करने का भी कोई आदेश पारित नहीं किया गया है। अत: इस आदेश से अपीलार्थी को किसी प्रकार की कोई क्षति नहीं है। परिवादी के पक्ष में विद्युत करनेक्शन जारी किया जा सकता है और विद्युत बिल निमयानुसार जारी किया जा सकता है और वसूल किया जा सकता है। तदनुसार प्रस्तुत अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
6. प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
निर्णय/आदेश आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
दिनांक 03.07.2024
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2