''राष्ट्रीय लोक अदालत''
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील संख्या-575/2003
मै0 मैगमा लीजिंग लिमिटेड बनाम राम चन्द्र कटियार (मृतक) सरला कटियार आदि
दिनांक: 21.05.2023
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील आज इस न्यायालय के सम्मुख ''राष्ट्रीय लोक अदालत'' की कार्यवाही के अन्तर्गत सूचीबद्ध है।
प्रस्तुत अपील इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, कानपुर देहात द्वारा परिवाद संख्या-933/1994 श्री रामचन्द कटियार बनाम डाईरेक्टर मे0 इण्डस्ट्रियल क्रेडिट एण्ड डेवलपमेण्ट सिन्डीकेट लि0 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 20.07.2001 के विरूद्ध योजित की गयी।
जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा उपरोक्त निर्णय में निम्न आदेश पारित किया गया:-
''परिवादपत्र स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि इस निर्णय की तिथि से 60 दिन के अन्दर परिवादी को रू0 24,180/- एवं उस पर दिनांक 21.1.93 से भुगतान की तिथि तक का 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज क्षतिपूर्ति के रूप में एवं रू0 1000/- परिवाद व्यय के रूप में भुगतान करें।''
उक्त आदेशानुसार अपीलार्थी को प्रत्यर्थी/परिवादी को कुल धनराशि 24,180/-रू0, जिस पर दिनांक 21.01.1993 से भुगतान की तिथि तक का 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की गणना करते हुए क्षतिपूर्ति के रूप में एवं परिवाद व्यय 1000/-रू0 प्रदान किया जाना था। चूँकि उपरोक्त परिवाद में पारित आदेश के विरूद्ध योजित अपील में इस न्यायालय द्वारा अन्तरिम आदेश पारित करते हुए उपरोक्त मूल धनराशि जमा किये जाने का आदेश दिनांक 10.03.2003 को पारित किया गया, जिसके अनुपालन
-2-
में उपरोक्त धनराशि जमा की गयी होगी।
अपीलार्थी मै0 मैगमा लीजिंग लिमिटेड, जो वर्तमान में पूनावाला फिनकार्प लिमिटेड के नाम से पंजीकृत है, की ओर से श्री अमित त्रिपाठी, विधिक प्रबन्धक उपस्थित हुए एवं उनके द्वारा इस न्यायालय के सम्मुख कथन किया कि अपीलार्थी जिला उपभोक्ता आयोग के आदेश का शत-प्रतिशत अनुपालन करने हेतु सहर्ष तैयार है।
तदनुसार प्रस्तुत अपील अन्तिम रूप से निस्तारित की जाती है।
जिला उपभोक्ता आयोग के आदेश का शत-प्रतिशत अनुपालन 06 सप्ताह की अवधि में अपीलार्थी द्वारा सुनिश्चित किया जावे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1