(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2295/2015
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, अलीगढ़ द्वारा परिवाद संख्या-66/2014 में पारित निणय/आदेश दिनांक 31.08.2015 के विरूद्ध)
अधिशासी अभियन्ता, दक्षिणांचल विद्युत वितरण खण्ड, 3 लाल डिग्गी, अलीगढ़।
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
राम भरोसे शर्मा।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री दीपक मेहरोत्रा, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 13.12.2021
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-66/2014, राम भरोसे शर्मा बनाम अधिशासी अभियन्ता दक्षिणांचल विद्युत वितरण खण्ड में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, अलीगढ़ द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 31.08.2015 के विरूद्ध यह अपील योजित की गई है। इस निर्णय/आदेश द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए विपक्षी को आदेशित किया गया कि वह परिवादी को आबाधित 20 घण्टे की विद्युत आपूर्ति प्रारम्भ की जाए और मानसिक तथा आर्थिक प्रताड़ना की मद में अंकन 2,000/- रूपये तथा वाद व्यय के रूप में अंकन 1,000/- रूपये अदा करने का आदेश दिया गया है।
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2. परिवाद पत्र के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी द्वारा 10 किलोवाट का विद्युत कनेक्शन प्राप्त करने के लिए आवेदन दिया गया। स्टीमेट की राशि अंकन 3,82,829/- रूपये जमा किया गया है, लेकिन विपक्षी द्वारा विद्युत आपूर्ति नहीं की गई, जिसके कारण दवाएं खराब हो गईं और परिवादी मरीजों का इलाज नहीं कर पाया, क्योंकि परिवादी स्वास्थ्य सेवा केन्द्र संचालित करता है। अध्यक्ष/प्रबन्धक उ0प्र0 पावर कारपोरेशन द्वारा भी आदेश दिए गए, उसके बावजूद भी विद्युत आपूर्ति जारी नहीं की गई। दिनांक 04.03.2014 को विद्युत आपूर्ति जारी करने से मना कर दिया गया, इसलिए परिवाद प्रस्तुत कर यह अनुतोष मांगा गया कि परिवादी को आबाधित 20 घण्टे विद्युत आपूर्ति की जाए।
3. विपक्षी का कथन है कि शेड्यूल के अनुसार उपभोक्ता को विद्युत आपूर्ति की गई है। परिवादी ने भ्रामक और असत्य आधारों पर परिवाद प्रस्तुत किया है। किसी भी संयोजन के लिए 24 घण्टे की विद्युत आपूर्ति का उल्लेख नहीं है। शेड्यूल के अनुसार विद्युत आपूर्ति की जा रही है। परिवादी का संयोजन वाणिज्यिक प्रकृति का है, इसलिए उपभोक्ता मंच को सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है।
4. दोनों पक्षकारों की साक्ष्य पर विचार करने के पश्चात विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा उपरोक्त वर्णित निर्णय/आदेश पारित किया गया है।
5. इस निर्णय/आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर निर्णय/आदेश पारित किया गया है। 20 घण्टे विद्युत आपूर्ति करने के लिए कोई आज्ञात्मक आदेश की मांग उपभोक्ता मंच से नहीं की जा सकती है, इसलिए यह आदेश विधि के विरूद्ध है।
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6. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री दीपक मेहरोत्रा उपस्थित आए। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। अत: केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी गई तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
7. परिवादी द्वारा प्रस्तुत किए गए परिवाद में यह अनुतोष मांगा गया है कि परिवादी को सुमेरा (ज्वॉं) उपकेन्द्र से 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति करने का आदेश दिया जाए और आर्थिक प्रताड़ना का प्रतिकर और खर्चे का आदेश दिया जाए। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह बहस की गई है कि 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति का आदेश नहीं दिया जा सकता है, परन्तु परिवाद पत्र के पैरो संख्या-7 में उल्लेख है कि परिवादी को विद्युत आपूर्ति प्रारम्भ ही नहीं की गई और विद्युत आपूर्ति प्रारम्भ करने से मना कर दिया गया, जबकि स्टीमेट जमा करा लिया गया, इसलिए परिवादी का मुख्य अनुतोष स्टीमेट जमा करने के पश्चात विद्युत कनेक्शन जारी करने के संबंध में है। यद्यपि अनुतोष में 24 घण्टे शब्द अंकित है, परन्तु चूंकि 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति जारी करने का आज्ञात्मक आदेश उपभोक्ता मंच द्वारा जारी नहीं किया जा सकता, परन्तु यदि स्टीमेट की राशि जमा करने के पश्चात भी परिवादी को विद्युत कनेक्शन जारी नहीं किया गया है तब विद्युत कनेक्शन जारी करने का आदेश दिया जा सकता है, इसलिए विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित आदेश इस प्रकार परिवर्तित होने योग्य है कि प्रश्नगत आदेश में 20 घण्टे हटाया जाए। अपील तदनुसार आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
8. प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 31.08.2015 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि 20 घण्टे शब्द हटाया जाता है। शेष आदेश पुष्ट किया जाता है।
पक्षकार अपना-अपना अपीलीय व्यय स्वंय वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
निर्णय/आदेश आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2