(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-768/2010
Iffco Tokio Gen. Insurance Co. Ltd.
Versus
Ram Babu Yadav S/O Sri Kunwarlal Yadav
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री अशोक मेहरोत्रा, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री एस0के0 वर्मा, विद्धान अधिवक्ता
दिनांक :04.09.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-38/2009, रामबाबू यादव बनाम श्रीमान मण्डलीय प्रबन्धक, इफको टोकियो जनरल इं0कं0लि0 में विद्वान जिला आयोग, ललितपुर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 03.09.2008 एवं दिनांक 07.09.2009 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि परिवादी द्वारा दिनांक 15.06.2007 से दिनांक 14.06.2008 तक की अवधि के लिए एक बीमा पॉलिसी प्राप्त की गयी। यह पॉलिसी इस आधार पर जारी की गयी थी कि परिवादी ने पूर्व में प्राप्त की गयी एक पॉलिसी की प्रति बीमा कम्पनी को प्राप्त करायी गयी थी, जिसमें 14.02.2007 को पॉलिसी समाप्त होने के बावजूद दिनांक 14.06.2007 को पॉलिसी समाप्त होना दर्शाया था, परंतु जांच के दौरान ज्ञात हुआ कि यथार्थ में पॉलिसी दिनांक 14.02.2007 को समाप्त हो चुकी थी और समयावधि के अंतर्गत लाने के लिए दिनांक 14.02.2007 की अवधि को दिनांक 14.06.2007 दर्शाया गया है। एनेक्जर सं0 3, पृष्ठ 14 पर जो पॉलिसी मौजूद है, उसके अवलोकन से स्पष्ट होता है कि इस पॉलिसी की तिथि में कटिंग की गयी है। अत: स्पष्ट है कि बीमा पॉलिसी धोखा देकर प्राप्त की गयी है। धोखे पर आधारित संविदा की पूर्ति के लिए बीमा कम्पनी उत्तरदायी नहीं है। अत: जिला उपभोक्ता आयोग का यह आदेश विश्वसनीय नहीं है कि क्षतिपूर्ति की राशि बीमा कम्पनी द्वारा निर्धारित की जाए। यद्यपि बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी से लिये गये प्रीमियम 07 प्रतिशत के साथ वापस लौटाया जायेगा।
आदेश
अपील आंशिक रूप से इस प्रकार स्वीकार की जाती है कि बीमा कम्पनी द्वारा केवल प्रत्यर्थी/परिवादी से लिये गये प्रीमियम की राशि 07 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस लौटाये। शेष निर्णय/आदेश अपास्त किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2