(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-980/2024
पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि0
बनाम
राम अवतार पुत्र श्री इंदौर सिंह
दिनांक:-14.10.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, सम्भल द्वारा परिवाद संख्या-122/2022 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 11.6.2024 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई है।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री ए0के0 जैदी को विस्तार पूर्वक सुना गया तथा पत्रावली का परिशीलन व परीक्षण किया गया।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्ध साक्ष्य पर विस्तार से विचार करने के उपरांत परिवाद को स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है:-
''परिवाद संख्या 122 सन् 2022 स्वीकार किया जाता है। विपक्षी पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, के अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड, चन्दौसी को आदेशित किया जाता है कि, वह परिवादी के विद्युत संयोजन खाता संख्या 3794342924 के सम्बन्ध में माहू जून, 2021 से दि0 10.08.2021 तक के विद्युत देय के बावत माह मई 2021, से पूर्व के तीन, माह के औसत विद्युत बिल के आधार पर बकाया विद्युत बिल के सम्बन्ध में कार्यालय ज्ञापन जारी करें।
विपक्षी द्वारा जारी कार्यालय ज्ञापन दिनाँक 29.06.2022 निरस्त किया जाता है।
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यह भी आदेशित किया जाता है कि विपक्षी परिवादी द्वारा जमा प्रतिभूति धनराशि को नियमानुसार परिवादी को वापस करें अथवा परिवादी के जिम्मे बकाया विद्युत बिल में समायोजित करें।
इसके अलावा विपक्षी परिवादी को मुबलिग 5,000/- (पाँच हजार) रू0 मानसिक कष्ट व आर्थिक हानि के मद में तथा 5,000/- (पाँच हजार) रू0, वाद व्यय के मद में भी अदा करेगीं।"
जिला उपभोक्ता आयोग के प्रश्नगत निर्णय/आदेश से क्षुब्ध होकर अपीलार्थी/विपक्षी की ओर से प्रस्तुत अपील योजित की गई है।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार है कि प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा विद्युत कनेक्शन सं0-3794342924 का उपयोग नहीं किया जा रहा था, इसलिए मई, 2021 के महीने में प्रत्यर्थी/परिवादी ने स्थायी विच्छेदन के लिए आवेदन करने का निर्णय लिया और इस संबंध में दिनांक 28.5.2021 को प्रत्यर्थी/परिवादी ने उपरोक्त विद्युत कनेक्शन की पूरी बकाया राशि रु0 6,346.00 जमा कर दी और बाद में दिनांक 30.6.2021 को प्रत्यर्थी/परिवादी ने स्थायी विच्छेदन शुल्क रु0 300.00 रसीद संख्या 379434232767 तथा रु0 54.00 रसीद संख्या 629631105415 के द्वारा जमा किया। प्रत्यर्थी/परिवादी कई बार अपीलार्थी/विपक्षी के कार्यालय गया और अपीलार्थी/विपक्षी के कर्मचारियों को सूचित किया कि उसने पहले ही स्थायी विच्छेदन शुल्क जमा कर दिया है, परन्तु फिर भी अपीलार्थी/विपक्षी मीटर को हटाने और प्रत्यर्थी/परिवादी को कार्यालय ज्ञापन/अंतिम बिल प्रदान करने में विफल रहा और हर बार अपीलार्थी/विपक्षी के कर्मचारियों द्वारा आश्वासन दिया गया कि मीटर जल्द ही हटा दिया जाएगा। प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा किए गए कई अनुरोध के बाद दिनांक 10.8.2021 को अपीलार्थी/विपक्षी के कर्मचारियों द्वारा अंततः बिजली का मीटर हटा
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दिया गया और मीटर सीलिंग प्रमाण पत्र संख्या 6326 अपीलार्थी/विपक्षी के कर्मचारियों द्वारा जारी किया गया। कुछ दिनों के बाद प्रत्यर्थी/परिवादी को पुन: बिजली के बिल प्राप्त होने लगे। प्रत्यर्थी/परिवादी हैरान रह गया और अपीलार्थी/विपक्षी के कार्यालय गया और अपीलार्थी/विपक्षी के कार्यकारी अभियंता को सूचित किया कि अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा भुगतान की गई सुरक्षा राशि भी वापस नहीं की है। प्रत्यर्थी/परिवादी ने अपीलार्थी/विपक्षी से दिनांक 03.6.2021 तक कार्यालय ज्ञापन/अंतिम बिल जारी करने और उसके बाद के बिलों को रद्द करने का अनुरोध किया और दिनांक 26.5.2022 को अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा प्रत्यर्थी/परिवादी को कार्यालय ज्ञापन/अंतिम बिल रद्द करने से इनकार कर दिया। इस दौरान प्रत्यर्थी/परिवादी को अनावश्यक कठिनाई और पीड़ा सहनी पड़ रही है अत्एव विवश होकर परिवाद जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख प्रस्तुत किया गया।
निर्विवादित रूप से प्रत्यर्थी/परिवादी के विरूद्ध विद्युत देय कुल धनराशि रू0 41,172.00 देय थी जिसका माहवार विवरण अपीलार्थी द्वारा प्रश्नगत अपील में उल्लिखित किया गया। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा अपीलार्थी के कथन को स्वीकार करते हुए आदेश पारित करते हुए प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा देय विद्युत बिल को तीन माह के औसत, विद्युत बिल के आधार पर बकाया विद्युत बिल को जमा किये जाने का आदेश भी पारित किया, परन्तु उपरोक्त आदेश पारित करने के उपरांत आदेश के अंत में अपीलार्थी को मु0 5,000.00 रू0 मानसिक कष्ट व आर्थिक हानि एवं 5,000.00 रू0 वाद व्यय हेतु अदा करने का भी आदेश पारित किया है। उपरोक्त हर्जाना धनराशि रू0 5,000.00+ वाद व्यय
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हेतु 5,000.00= अर्थात रू0 10,000.00 के विरूद्ध प्रश्नगत अपील योजित की गई है।
मेरे द्वारा प्रश्नगत निर्णय/आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरांत यह पाया गया कि निर्णय/आदेश विधि के अनुसार पारित किया गया है व प्रत्यर्थी/परिवादी पर विद्युत की देयता भी निर्धारित की गई है तब उस स्थिति में मानसिक आर्थिक कष्ट हेतु हर्जाना व वाद व्यय के रूप में धनराशि की देयता निर्धारित किया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है, तद्नुसार प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 11.6.2024 में मात्र संशोधन वास्ते हर्जाना धनराशि मानसिक आर्थिक कष्ट हेतु रू0 5,000.00 एवं वाद व्यय हेतु रू0 5,000.00 को समाप्त किया जाता है, तद्नुसार प्रश्नगत अपील अंतिम रूप से निस्तारित की जाती है।
प्रस्तुत अपील को योजित करते समय यदि कोई धनराशि अपीलार्थी द्वारा जमा की गयी हो, तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
हरीश आशु.,
कोर्ट नं0-1