Uttar Pradesh

StateCommission

A/2008/1882

N I A Co - Complainant(s)

Versus

Ram Avtar Sharma - Opp.Party(s)

Dinesh Kumar

05 Jul 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2008/1882
( Date of Filing : 01 Oct 2008 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. N I A Co
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Ram Avtar Sharma
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 05 Jul 2024
Final Order / Judgement

                                               (सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1882/2008

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, (द्वितीय) आगरा द्वारा परिवाद संख्‍या-328/1999 में पारित निणय/आदेश दिनांक 23.8.2008 के विरूद्ध)

 

दि न्‍यू इण्डिया एश्‍योरेन्‍स कंपनी लिमिटेड, 37/168 ए दयालबाग रोड, आगरा (यू.पी.) द्वारा आफिसर-इन-चार्ज लीगल सेल दि न्‍यू इण्डिया एश्‍योरेन्‍स कं‍0लि0, 94 एम.जी. मार्ग, हजरतगंज, लखनऊ।

अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम

राम औतार शर्मा पुत्र श्री जय नारायण शर्मा, निवासी स्‍टेट बैंक के पास बाह, जिला आगरा (यू.पी.)।

                                      प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-                         

1. माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित      : श्री दिनेश कुमार।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित        : श्री उमेश कुमार श्रीवास्‍तव।

दिनांक:   05.07.2024  

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य  द्वारा उद्घोषित                                                 

निर्णय

1.        परिवाद संख्‍या-328/1999, रामावतार बनाम मण्‍डल प्रबंधक, मण्‍डलीय कार्यालय द्वितीय न्‍यू इ‍ंडिया एश्‍योरेंस कंपनी लिमिटेड में विद्वान जिला आयोग, (द्वितीय) आगरा द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 23.8.2008 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई अपील पर उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.        विद्वान जिला आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए बीमित वाहन की मरम्‍मत में खर्च राशि अंकन 72,404/-रू0 6 प्रतिशत ब्‍याज के साथ अदा करने का आदेश पारित किया है।

3.        परिवाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी वाहन संख्‍या सीआईजी 2131 का मालिक है, जिसका बीमा दिनांक 8.4.1996 से दिनांक 7.4.1997 तक विपक्षी बीमा कंपनी से कराया गया। बीमित अवधि के दौरान दिनांक 2.7.1996 को यह गाड़ी दुर्घटनाग्रस्‍त हो गई, जिसकी सूचना बीमा कंपनी को दी गई। बीमा कंपनी द्वारा सर्वे कराया गया। सभी दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराए गए, लेकिन बीमा क्‍लेम नहीं दिया गया। परिवादी ने दुर्घटनाग्रस्‍त गाड़ी को स्‍वंय सही कराया, जिसमें अंकन 72,404/-रू0 खर्च हुए हैं, इसकी सूचना भी बीमा कंपनी को दे दी गई थी, लेकिन बीमा क्‍लेम का निस्‍तारण नहीं किया गया।

4.        बीमा कंपनी का कथन हे कि सर्वेयर श्री संजीव गुप्‍ता तथा इसके बाद दुर्घटना स्‍थल की जांच श्री एम.एल. सिंघल से कराई गई। दोनों की रिपोर्ट में यह आशंका प्रकट की गई कि बीमित गाड़ी दुर्घटनाग्रस्‍त नहीं हुई है और दुर्घटना का मूल्‍यांकन शून्‍य है, जिसकी सूचना दिनांक 17.12.1996 को परिवादी को दे दी गई और नो क्‍लेम के संबंध में बताया गया। यद्यपि एक सर्वेयर श्री एस.के. मित्‍तल द्वारा अंकन 9,500/-रू0 का नुकसान बताया गया, लेकिन परिवादी ने मरम्‍मत कराए जाने का कोई बिल जमा नहीं किया तथा औपचारिकताएं भी पूर्ण नहीं की, इसलिए यह राशि अदा नहीं की जा सकी।

5.        विद्वान जिला आयोग ने साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात यह निष्‍कर्ष दिया कि वाहन दुर्घटनाग्रस्‍त हुआ है। एक सर्वेयर द्वारा भी अंकन 9,500/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आंकलन किया गया है। परिवादी द्वारा जो रसीद प्रस्‍तुत की गई है, उसके आधार पर अंकन 72,404/-रू0 06 प्रतिशत ब्‍याज के साथ अदा करने का आदेश दिया गया।

6.        अपीलार्थी बीमा कंपनी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि IRDA द्वारा अधिकृत सर्वेयर द्वारा केवल 9,500/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आंकलन किया गया है, इसके बावजूद बगैर किसी सबूत के अंकन 72,404/-रू0 अदा करने का आदेश विद्वान जिला आयोग ने पारित कर दिया, इसलिए यह आदेश अनुचित तथा मनमाना है।

6.        प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि परिवादी द्वारा कुल 72,404/-रू0 मरम्‍मत में खर्च की रसीद प्रस्‍तुत की गई है, इसलिए परिवादी इस राशि को प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है।

7.        पत्रावली के अवलोकन से स्‍पष्‍ट है कि विद्वान जिला आयोग ने सर्वेयर की रिपोर्ट पर कोई विचार नहीं किया, जिनके द्वारा कुल 9,500/-रू0 की क्षति का आंकलन किया गया। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के पैरा सं0-3 में दुर्घटना का उल्‍लेख किया है, इस विवरण के अनुसार वाहन दिनांक 2.7.1996 को राज कुमार के पेट्रोल पम्‍प बाह कचौरा मार्ग आगरा पर दुर्घटनाग्रस्‍त हुआ, जिसके कारण काफी नुकसान हुआ। इस पैरे में दुर्घटना का तरीका नहीं बताया गया। यह भी उल्‍लेख नहीं किया गया कि दुर्घटना आमने-सामने के वाहने से हुई, सामने वाले वाहन का नम्‍बर क्‍या था और सामने वाले वाहन की प्रकृति क्‍या थी, इसलिए इस विवरण से जाहिर होता है कि परिवादी द्वारा दुर्घटना के तरीके को छिपाया गया और विद्वान जिला आयोग के समक्ष दुर्घटना के सही तरीके का उल्‍लेख नहीं किया गया। यही कारण है कि इस संबंध में सर्वेयर द्वारा भी मौके पर दुर्घटना होने के तथ्‍य को सही नहीं पाया गया, परन्‍तु चूंकि एक सर्वेयर द्वारा अंकन 9,500/-रू0 की क्षति का आंकलन किया गया है। अत: प्रस्‍तुत केस में केवल 9,500/-रू0 की क्षतिपूर्ति सर्वे रिपोर्ट के अनुसार अदा करने का आदेश दिया जाना चाहिए था। अंकन 72,404/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश मनमाना है तथा इस बिन्‍दु पर विचार किए बिना पारित किया गया है कि परिवादी ने दुर्घटना के तरीके को, दुर्घटना करने वाले वाहन या साधन का कोई हवाला अपने परिवाद पत्र में नहीं दिया है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।   

आदेश

8.        प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 23.08.2008 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि परिवादी केवल 9,500/-रू0 की क्षतिपूर्ति प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है, जिस पर 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्‍याज परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक देय होगा तथा परिवाद व्‍यय के रूप में राशि विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित आदेश के अनुसार देय होगी।

          प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

          आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

 

(सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

 

निर्णय/आदेश आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

 

(सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

दिनांक  05.07.2024

  लक्ष्‍मन, आशु0,

      कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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