(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-3081/2016
श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेन्स कंपनी लिमिटेड, संजय प्लेस आगरा, अथराइज्ड रिप्रिजेंटेटिव।
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम्
रक्षापाल सिंह पुत्र मौजीराम, निवासी मोहल्ला अम्बे नगर, सांती रोड, सैयाई, थाना रामगढ़, जिला फिरोजाबाद।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री मनु दीक्षित, विद्वान अधिवक्ता की
सहायक अधिवक्ता सुश्री पूजा त्रिपाठी।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री आलोक कुमार सिंह, विद्वान
अधिवक्ता।
दिनांक: 20.12.2022
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-46/2016, रक्षापाल सिंह बनाम श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कं0लि0 में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, फिरोजाबाद द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 29.11.2016 के विरूद्ध यह अपील विपक्षी की ओर से प्रस्तुत की गई है। इस निर्णय एवं आदेश द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवादी द्वारा क्रय किया गया वाहन फाइनेन्सर द्वारा जब्त करने के पश्चात परिवादी को वापस लौटाने का आदेश नहीं दिया है, अपितु केवल यह आदेश पारित किया है कि वाहन को फाइनेन्सर द्वारा कब्जे में लेने की तिथि दिनांक 21.07.2012 के पश्चात का टैक्स तथा बकाया किस्त का भुगतान विपक्षी करेगा।
2. इस निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि परिवादी द्वारा अपीलार्थी से ऋण प्राप्त कर वाहन क्रय किया गया, परन्तु किस्तों का भुगतान नियमित रूप से नहीं किया गया, इसलिए वाहन को कब्जे में लिया
-2-
गया। इस वाहन की जो बकाया किस्ते हैं, उसको वसूल करने का अधिकार अपीलार्थी को प्राप्त है।
3. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री मनु दीक्षित की सहायक अधिवक्ता सुश्री पूजा त्रिपाठी तथा प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री आलोक कुमार सिंह को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
4. चूंकि प्रश्नगत वाहन दिनांक 21.07.2012 से परिवादी के कब्जे से अपीलार्थी द्वारा प्राप्त कर लिया गया है। अत: यह आदेश देना विधिसम्मत है कि इस तिथि के पश्चात इस वाहन से संबंधित टैक्सो का भुगतान विपक्षी या वाहन का पश्चातवर्ती क्रेता करेगा। वाहन का कब्जा प्राप्त करने की तिथि से टैक्स का भुगतान करने के लिए परिवादी उत्तरदायी नहीं है। अत: आदेश के इस भाग में हस्तक्षेप करने का कोई अवसर नहीं है।
5. विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा दूसरा आदेश यह पारित किया गया है कि बकाया किस्तों का भुगतान भी विपक्षी करेगा, परन्तु चूंकि वाहन कब्जे में लेने की तिथि दिनांक 21.07.2012 से पूर्व का जो ऋण बकाया है, उस ऋण राशि को वसूल करने का अधिकार अपीलार्थी को प्राप्त है। अत: इस तिथि से पूर्व के बकाया के संबंध में यह आदेश पारित नहीं किया जा सकता है कि इसका भुगतान भी विपक्षी करेगा। अत: इस संबंध में पारित किया गया आदेश संशोधित होने योग्य है। तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
6. प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश इस प्रकार संशोधित किया जाता है कि दिनांक 21.07.2012 से पूर्व की जो ऋण राशि बकाया है, उसको वसूलने का अधिकार विपक्षी/अपीलार्थी को प्राप्त है। शेष निर्णय/आदेश पुष्ट किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय स्वंय वहन करेंगे।
-3-
अपील प्रस्तुत करते समय अपील में जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित विधि अनुसार एक माह में संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2