Uttar Pradesh

StateCommission

A/1650/2015

President Jila Panchayat - Complainant(s)

Versus

Rakesh Kumar Chaturvedi - Opp.Party(s)

Shiv Prakash Gupta

18 Aug 2015

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1650/2015
(Arisen out of Order Dated 04/06/2015 in Case No. C/53/2015 of District Auraiya)
 
1. President Jila Panchayat
Auraiya
...........Appellant(s)
Versus
1. Rakesh Kumar Chaturvedi
Auraiya
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Virendra Singh PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखन

अपील संख्‍या-1650/2015

                                                   (मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, औरैया द्वारा परिवाद संख्‍या 53/2015 में पारित आदेश दिनांक 04.06.2015 के विरूद्ध)

1. अध्‍यक्ष, जिला पंचायत, औरैया, जनपद-औरैया।

2. अपर मुख्‍य अधिकारी, जिला पंचायत, जिला-औरैया।

                                ................अपीलार्थीगण/विपक्षीगण

बनाम

राकेश कुमार चतुर्वेदी पुत्र श्री बद्रीनाथ निवासी- ग्राम-सरियापुर, परगना व जिला-औरैया।                            ................प्रत्‍यर्थी/परिवादी

 

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री वीरेन्‍द्र सिंह, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्री उदय शंकर अवस्‍थी, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री शिव प्रकाश गुप्‍ता,                                              

                           विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित  : श्री नवीन कुमार तिवारी,                             

                           विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक : 18.08.2015

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री वीरेन्‍द्र सिंह, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

अपीलार्थी द्वारा यह अपील जिला उपभोक्‍ता फोरम, औरैया द्वारा परिवाद संख्‍या 53/2015 में पारित आदेश दिनांक 04.06.2015 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है। विवादित आदेश निम्‍नवत् है:-

'' परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध 8,95,826 रू0 की बसूली हेतु स्‍वीकार किया जाता है। इस धनराशि पर वाद योजन की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक 7 प्रतिशत साधारण ब्‍याज भी देना होगा। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि उपरोक्‍तानुसार धनराशि निर्णय के एक माह में परिवादी को अदा करें। ''        

 

 

 

-2-

हमने श्री शिव प्रकाश गुप्‍ता विद्वान अधिवक्‍ता अपीलार्थी एवं       श्री नवीन कुमार तिवारी विद्वान अधिवक्‍ता प्रत्‍यर्थी को सुना है और अभिलेख का अवलो‍कन किया है। स्‍पष्‍ट रूप से प्रश्‍नगत आदेश विधिसम्‍मत आदेश नहीं है क्‍योंकि परिवादी राकेश कुमार चतुर्वेदी उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं आते हैं क्‍योंकि मार्ग निर्माण की सामग्री आपूर्ति हेतु परिवादी की फर्म के लिए 14.10.2014 को निर्गत 5,74,006/-रू0 की संविधा प्राप्‍त हुई है, जिसमें सामग्री की आपूर्ति के सापेक्ष स्‍वयं परिवादी को पैसा मिलना था अथवा मिलना है न कि परिवादी ने धनराशि देकर कोई वस्‍तु या सेवा खरीदी है। इस सम्‍बन्‍ध में उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा 2 (डी) में प्रदत्‍त उपभोक्‍ता की परिभाषा स्‍पष्‍ट है, जिसमें यह कहा गया है कि उपभोक्‍ता से ऐसा कोई व्‍यक्ति अभिप्रेत है जो ऐसे किसी प्रतिफल के लिए जिसका संदाय कर दिया गया है या वचन दिया गया है या भागत: संदाय किया गया है या भागत: वचन दिया गया है या किसी आस्‍थगित संदाय पद्धति के अधीन किसी माल का क्रय करता है अथवा सेवाओं को भाड़े पर लेता है या उपयोग करता है। प्रश्‍नगत मामले में परिवादी ने कोई प्रतिफल देकर कोई वस्‍तु नहीं खरीदी है और न ही विपक्षीगण से किसी सेवा का उपयोग किया है, बल्कि इसके इतर स्‍वयं परिवादी को सामग्री आपूर्ति करके प्रतिफल अर्थात् सामग्री की कीमत संविधा के अनुसार प्राप्‍त करने की संविधा का यह मामला है, जो कि स्‍पष्‍ट्या उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं आता है। अत: यह अपील स्‍वीकार कर प्रश्‍नगत आदेश अपास्‍त किए जाने योग्‍य है।

 

 

 

 

-3-

आदेश

     अपील उपरोक्‍त स्‍वीकार की जाती है। प्रश्‍नगत आदेश अपास्‍त किया जाता है। तदनुसार परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत किया गया परिवाद भी अस्‍वीकार किया जाता है।

     उभय पक्ष अपीलीय व्‍यय अपना-अपना स्‍वयं वहन करेंगे।             

 

 

 

      (न्‍यायमूर्ति वीरेन्‍द्र सिंह)                 (उदय शंकर अवस्‍थी)       

      अध्‍यक्ष                              सदस्‍य          

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Virendra Singh]
PRESIDENT

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