(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2654/2007
प्रोपराइटर श्री शंकर आभूषण भंडार
बनाम
राकेश कुमार सिंह पुत्र श्री परमानन्द सिंह
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री रामसेवक उपाध्याय, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित:- श्री संजय कुमार वर्मा, विद्धान अधिवक्ता
दिनांक :21.10.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- परिवाद संख्या-218/2004, राकेश कुमार सिंह बनाम प्रोपराइटर श्रीशंकर आभूषण भण्डार में विद्वान जिला आयोग, देवरिया द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 06.11.2007 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
- जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए ए0डी0 सैट की कीमत अंकन 1,220/-रू0, घर्षण मूल्य अंकन 220/-रू0 घटाकर अवशेष राशि वापस लौटाने का आदेश पारित किया है।
- परिवाद के तथ्यों के अनुसार अक्टूबर 2003 में परिवादिनी ने विपक्षी से ए0डी0 सैट हार अंकन 1,220/-रू0 में क्रय किया था, जिसे चांदी का बना होने की गारण्टी दी गयी थी दो-तीन बार हार उपयोग मे लाने के बाद हार बीच में टूट गया। तदनुसार आभूषण केन्द्र पर बनवाने पर ज्ञात हुआ कि यह हार चांदी का नहीं है, अन्य धातु का बना हुआ है, जिसकी कीमत अंकन 300/-रू0 से अधिक नहीं है।
- जिला उपभोक्ता आयोग ने साक्ष्य से यह तथ्य स्थापित माना है कि परिवादी द्वारा एक ए0डी0 सैट क्रय किया गया था, जिसकी कीमत 1,220/-रू0 अदा की गयी है और जो डिफेक्टिव पाया गया, इसलिए इसकी कीमत को अदा करने का आदेश पारित किया गया।
- अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि पृष्ठ सं0 17 पर अपीलार्थी के लेटर पैड पर एक आभूषण के विक्रय की रसीद है। यद्यपि इस पर क्रेता का नाम मौजूद है, परंतु यह दस्तावेज श्री शंकर आभूषण भण्डार के लेटर पैड का दस्तावेज है, इसलिए इस विक्रय की रसीद मानकर कोई चूक पारित नहीं की गयी है। अत: जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है, सिवाय इसके कि परिवाद व्यय अंकन 1,000/-रू0 समाप्त किया जाना उचित प्रतीत होता है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में परिवाद व्यय अंकन 1,000/-रू0 के संबंध में पारित आदेश अपास्त किया जाता है। शेष निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2