(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या: 915/2008
ओरियण्टल इंश्योरेंस कं0 लि0 बनाम राकेश कुमार गुप्ता
समक्ष :-
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य
माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य
उपस्थिति :
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित – सुश्री रेहाना खान।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित- कोई नहीं।
दिनांक : 09.08.2023
माननीय सदस्य श्रीमती सुधा उपाध्याय द्वारा उदघोषित
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी ओरियण्टल इंश्योरेंस कं0 लि0 की ओर से विद्वान जिला आयोग झांसी द्वारा परिवाद संख्या 276/2001 राकेश कुमार गुप्ता व अन्य बनाम दि ओरियण्टल इंश्योरेंस कं0लि0 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 13.03.2008 के विरूद्ध योजित की गयी है।
वाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने उसके स्वामित्व के पंजीकृत ट्रक सं0- यू0पी 093ई-1341, का बीमा विपक्षी बीमा कंपनी से संपूर्ण जोखिम के अधीन बीमा कंपनी के विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत दीपक सेठी को 11034/- रूपये का नगद भुगतान करके कराया था जो दिनांक- 14.1-01, से 13.1.02, तक की अवधि के लिये प्रभावशील था । उपरोक्त संबंध में विकास अधिकारी दीपक सेठी द्वारा कवर नोट सं0- 32307, जारी किया गया था उपरोक्त बीमित ट्रक को जब दिनांक- 28.4.01, को पूना से कानपुर प्रशिक्षित चालक हरनाम सिंह द्वारा यातायात के निर्देशों' का पालन करते हुये आगरा बम्बई राजमार्ग पर पूना से कानपुर लाने के दौरान स्थान सेसई थाना कोलारस जिला शिवपुरी के निकट जीप संख्या – एम.पी.04/4876, के चालक द्वारा जीप को तेजी व लापरवाही
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से विपरीत दिशा की ओर से गलत हांथ पर आकर और जीप को लापरवाही से चलाकर ट्रक में जोरदार टक्कर मारी, जिससे ट्रक का अगला भाग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और ट्रक चलने योग्य नहीं रहा । जीप में बैठी सवारियों में से 1-2 सवारियों की मृत्यु हो गई और अन्य सवारियां गंभीर रूप से घायल हो गई। दुर्घटना की सूचना परिवादी ने अविलंब विपक्षी बीमा कंपनी को देते हुये सर्वेयर नियुक्त कर घटना स्थल, व ट्रक का तुरन्त निरीक्षण कराने बाबत एवं ट्रक से संबंधित समस्त कागजातों को छायाप्रतियां देते हुये निवेदन किया, जिसपर बीमा कंपनी ने ट्रक नुकसानी व जांच हेतु के०के० सुद्धा को नियुक्त किया, जिन्होने ट्रक की जांच कर उसके फोटो निकलवाये और मरम्मत के दौरान क्षतिग्रस्त पुर्जो के फोटो भी उतरवाये। उक्त ट्रक को परिवादी कानूनी क्रिया एवं आवश्यकताओं को पूरा करने के उपरान्त घटना स्थल चड्ढा रोड लाईन्स झांसी के ट्रक सं०- एम0पी0 20जी - 7321, का टोचन करके झांसी लाया गया जिसका भाड़ा 6,000/- रूपये अदा किया गया । झांसी में ट्रक को अलग-अलग मिस्त्रियों को और अलग-अलग जगह मरम्मत कराई गई, जिसमें 1, 43,060/-रूपये का का खर्च आया। असल बिलों को परिवादो ने सर्वेयर कार्यावाही में सहायक होने से विपक्षी के मांगने पर दे दिये । परिवादी द्वारा ट्रक का ओ०डी० क्लेम विपक्षी बीमा कंपनी को समस्त कागजात सौंपते के उपरान्त किया गया । किंतु क्षतिग्रस्त ट्रक का ओ०डी० क्लेम विपक्षी बीमा कंपनी ने अदा नहीं किया और मात्र आश्वासन दिये जाते रहे, जिससे परिवादी को व्यवसायिक एवं आर्थिक क्षति उठानी पड़ी एवं अलावा शारीरिक व मानसिक पीड़ा हुई। ओ0डी0 क्लेम की अदायगी के लिये परिवादी ने विपक्षीको अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक- 16.7.01 को रजिस्टर्ड नोटिस भी प्रेषित किया, किंतु फिर भी क्षतिग्रस्त ट्रक का ओ0डी0 क्लेम अर्थात मरम्मत क्षतिपूर्ति राशि अदा नहीं को गई जो विपक्षी की अनुचित व्यापारिक प्रक्रिया एवं त्रुटिपूर्ण सेवा के अन्तर्गत आता है। अतः इस शिकायत में यह सहायता चाही गई है कि परिवादी को चूंकि परिवादी की मृत्यु दिनांक- 9.10.02 को हो जाने से मृतक परिवादी के स्थान पर रिकार्ड पर लाये गये परिवादी के वारिसान को विपक्ष के उपरोक्त ट्रक की क्षतिपूर्ति राशि 1, 43,060/-रूपये, व्यवसायिक आर्थिक क्षति 50,000/-रुपये, मानसिक आर्थिक आघात के लिये 5,000/-रुपये को क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय हेतु 2,000/- रुपये भी दिलाया जाये ।
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विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा प्रपत्र सं0-14, अनुसार प्रस्तुत जवाबदावे में यह तथ्य स्वीकृत है कि मृतक परिवादी राकेश कुमार ट्रक सं0- यू0पी093ई0- 1341 का पंजीकृत स्वामी है। यह भी स्वीकृत है कि ट्रक को दुर्घटना एवं क्षतिग्रस्त होने की सूचना बीमा कंपनी को दी गई थी और क्षतिग्रस्त ट्रक का आंकलन सर्वेयर के0के0 सुद्दा द्वारा किया गया था। स्वीकृत तथ्यों से अन्यथा जवाबदावे में परिवाद में अंकित तथ्यों को नकारते हुये परिवाद का विरोध इन आधारों पर किया गया है कि विपक्षी उत्तरदाता बीमा कंपनी के विभागीय रिकार्ड के अनुसार कवर नोट सं0- 32307, के द्वारा एसबस मोपेड सं0- यू0पी0 93 /बी-130, वाहन स्वामी को व्ही0 के0 जैन की दिनांक- 25.1.01, से दिनांक- 24.1.02 तक की अवधि के लिये बीमित है जिसका 60/-रूपये प्रीमियम धनराशि बीमा कंपनी में प्राप्त हुआ, जिसकी रसीद सं0- 0372503 है । परिवादों के प्रश्नगत ट्रक सं0- यू0पी093 / ई0- 1341, का कोई मुबलिग 11,034 /- रूपया प्रीमियम धनराशि बीमा कंपनी में प्राप्त नहीं हुआ है । इस कारण विपक्षी उत्तरदाता बीमा कंपनी के प्रश्नगत ट्रक में हुई किसी भी प्रकार की क्षतिपूर्ति अदायगी के लिये उत्तरदायी नहीं है। परिवादी के प्रश्नगत ट्रक कथित दुर्घटनाओं में हुई क्षति की सूचना प्राप्त होते पर विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा बीमा प्रावधानों के अनुसार क्षति अंकलन हेतु के0 के0 सुद्दा सर्वेयर एवं लॉस असेसर को नियुक्त किया गया, जिन्होने अपनी रिपोर्ट दिनांक- 18.6.01, में परिवादी के ट्रक में मुबलिग 59.029/-रूपये की क्षति अंकलन कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है । जिसमें ट्रक में 1,43,060 /- रूपये की क्षति होना गलत एवं बेबुनियाद है। परिवादी द्वारा प्रश्नगत ट्रक के मरम्मत एवं पार्ट्स के कोई बिल पेश नहीं किये गये हैं। परिवादी द्वारा अधिवक्ता के माध्यम से प्रेषित नोटिस का जवाब भी विपक्षी बीमा कंपनी की ओर अधिवक्ता रमाकांत राव द्वारा दिनांक- 17.8.01 को परिवादों के अधिवक्ता विपिन कुमार पुरोहित को दिया गया है। परिवादी विपक्षी से किसी मद में कोई क्षतिपूर्ति पाने का पात्र नहीं है क्योंकि विपक्षी बीमा कंपनी की कोई मुबलिग ।।,034/-रूपये प्रीमियम धनराशि प्राप्त नहीं हुई । इस कारण बीमा कंपनी को क्षतिपूर्ति अदायगी बाबत कोई जिम्मेदारी नहीं बनती है । विकल्प में यदि जिम्मेदारी बनती है तो उक्त सर्वेयर की क्षति आंकलन रिपोर्ट अनुसार 59,029 /- रूपये की सीमा तक के लिये विपक्षी बीमा कंपनी उत्तरदायी है । प्रश्नगत वाहन के बीमाकर्ता विकास अधिकारी श्री दीपक सेठी जिनकी सांठगांठ से परिवादी ने अनुचित रूप से कवर
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नोट सं0- 32037, की प्रति हासिल कर ली है को पक्षकार नहीं बनाया है । इस कारण दावे में आवश्यक पक्षकारों के संयोजन का दोष है व परिवाद चलनसार नहीं है । विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा कोई त्रुटि व बिलंब नहीं किया गया है उक्त आधारों पर परिवाद चलनसार न होने ते परिवाद हर्जा सहित निरस्त करने का निवेदन किया गया है ।
उभयपक्ष को सुनने के उपरांत विद्वान जिला आयोग द्वारा निम्न निर्णय व आदेश पारित किया गया- परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए मृतक परिवादी राकेश कुमार के वारिसान के पक्ष में तथा विपक्षी बीमा कंपनी के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-14(1) (डी) के अधीन यह आदेश पारित किया जाता है कि विपक्षी बीमा कंपनी मृतक राकेश कुमार के वारिसान को ट्रक संख्या- यू0पी0 93 ई0 1341, के बीमा अवधि में दिनांक 28.04.01 को हुयी दुर्घटना में होने से संबंधित क्षति के लिए ट्रक मरम्मत की क्षतिपूर्ति के रूप में विपक्षी बीमा कंपनी सर्वेयर के0के0 सुद्दा की सर्वेयर रिपोर्ट प्रपत्र संख्या- 26/7 अनुसार निर्धारित 59,029/-रू0 की राशि सर्वेयर रिपोर्ट दिनांक 18.06.01 के पर्याप्त क्षति आंकलन हेतु लगाये जाने वाले समय अर्थात तीन माह की अवधि उपरांत दिनांक 18.09.01 से ताअदायगी तक 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित एवं इसके अलावा परिवादी के इस परिवाद का व्यय 800/-रू0 को उक्त राशि में जोड़ते हुए अदा करें और विपक्षी स्वयं का प्रतिवाद व्यय वहन करेगी। निर्णय का पालन आदेश दिनांक से 30 दिवस के अंदर किया जाये।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने प्रश्नगत निर्णय व आदेश से व्यथित होकर परिवाद के विपक्षी की ओर से यह अपील प्रस्तुत की गयी है।
हमारे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता सुश्री रेहाना खान को विस्तार से सुना। प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध सभी अभिलेखों का अवलोकन किया गया।
परिवादी ने अपने पंजीकृत ट्रक सं0- यू0पी 093ई-1341, का बीमा विपक्षी बीमा कंपनी से दिनांक- 14.1-2001, से 13.1.2002, तक की अवधि के लिये कराया था। दिनांक- 28.4.2001, को पूना से कानपुर के दौरान स्थान सेसई थाना कोलारस जिला शिवपुरी के निकट जीप संख्या – एम.पी.04/4876 से टकराने के कारण ट्रक
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का अगला भाग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और उक्त ट्रक चलने योग्य नहीं रह गया। क्षतिग्रस्त होने पर विपक्षी बीमा कंपनी को इसकी सूचना दी गयी। विपक्षी द्वारा सर्वेयर नियुक्त किया गया तथा सर्वेयर द्वारा 59.029/-रूपये की क्षति निर्धारित की गयी। पत्रावली के अवलोकन से यह भी स्पष्ट है कि सर्वेयर की रिपोर्ट के विपरीत कोई भी अन्य अभिलेख या साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं। विपरीत साक्ष्य या अभिलेख के अभाव में प्रश्नगत मामले में सर्वेयर द्वारा निर्धारित की धनराशि 59.029/-रूपये औचित्यपूर्ण मानी जा सकती है। अत: जिला उपभोक्ता आयोग का निर्णय व आदेश संशोधित किये जाने और अपील आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय व आदेश दिनांक 13.03.2008 इस प्रकार संशोधित किया जाता है कि अपीलार्थी द्वारा परिवादी को धनराशि 59.029/-रूपये पर 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के स्थान पर 08 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज वाद योजन के तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक अदा किया जाये। जिला आयोग के शेष निर्णय व आदेश की पुष्टि की जाती है। इस आदेश का अनुपालन आदेश की तिथि से 3 माह के अंदर किया जाये।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाये।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुधा उपाध्याय)
सदस्य सदस्य
शोभना त्रिपाठी- आशु0 कोर्ट नं0 3