( मौखिक )
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या-684/2024
नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड
बनाम
राकेश कुमार तिवारी व अन्य
एवं
अपील संख्या : 711/2024
डैमलर फाइनेंसियल सर्विसज इण्डिया प्रा0लि0
बनाम्
राकेश कुमार तिवारी व अन्य
समक्ष :-
1-मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
दिनांक : 25-11-2024
मा0 न्यायमूर्ति श्रीअशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय
उपरोक्त दोनों अपीलें परिवाद संख्या-225/2022 राकेश कुमार तिवारी बनाम नेशनल इं0कं0लि0 व एक अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग, बस्ती द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांकित 12-02-2024 के विरूद्ध अपीलार्थी जो परिवाद के विपक्षीगण है, की ओर से अलग-अलग योजित की गयी है अर्थात उपरोक्त दोनों हीं अपीलें एक ही निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध अपीलार्थीगण जो परिवाद के विपक्षीगण है की ओर से इस न्यायालय के सम्मुख उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत अलग-अलग योजित की गयी है।
आक्षेपित निर्णय एवं आदेश के द्वारा विद्धान जिला आयोग ने परिवाद परिवादी के पक्ष में तथा विपक्षी संख्या-1 नेशनल इं0कं0लि0 के विरूद्ध एकपक्षीय सव्यय निर्णीत करते हुए निम्नलिखित निर्णय एवं आदेश पारित किया है।
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प्रस्तुत परिवाद, परिवादी के पक्ष में तथा विपक्षी संख्या-1 के विरूद्ध एकपक्षीय सव्यय निर्णीत किया जाता है।
विपक्षी संख्या-1 को निर्देश दिया जाता है कि इस निर्णय के पारित होने के 60 दिन के अंदर परिवादी के ट्रक वाहन संख्या-यू0पी0 51 एटी:6466 की बीमित धनराशि मु0 28,00,000/-रू0 पर परिवादी के वाहन चोरी की तिथि 29-10-2020 से 08 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज के साथ, वास्तविक भुगतान की तिथि तक परिवादी को भुगतान करे।
विपक्षी संख्या-1 को यह भी निर्देश दिया जाता है कि परिवादी को हुए पत्राचार व भाग-दौड़ में व्यय मु0 20,000/-रू0 तथा बीमित वाहन क्लेम को सेटिल न करने की दशा में परिवादी को मानसिक व शारीरिक पीड़ा व आर्थिक क्षति हेतु क्षतिपूर्ति मु0 2,50,000/-रू0 अधिवक्ता शुक्ल 20,000/-रू0 एवं वाद व्यय हेतु मु0 10,000/-रू0 उक्त अवधि के अन्तर्गत परिवादी को भुगतान करें।
प्रस्तुत परिवाद विपक्षी संख्या-2 के विरूद्ध निरस्त किया जाता है।‘’
अपील की सुनवाई के समय बीमा कम्पनी की ओर से विद्धान अधिवक्ता सुश्री रेहाना खान तथा डैमलर फाइनेन्सियल सर्विसेज इण्डिया लि0 की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री अंग्रेज नाथ शुक्ला उपस्थित आए। जब कि परिवादी राकेश कुमार तिवारी स्वयं उपस्थित आए।
अपीलार्थीगण/विपक्षी संख्या-1 व 2 की ओर से उपस्थित विद्धान अधिवक्तागण एवं परिवादी जो स्वयं उपस्थित है, को विस्तारपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का भली-भॉंति परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।
बीमा कम्पनी की ओर से उपस्थित विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा जो निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है वह विधि विरूद्ध है और विद्धान जिला आयोग द्वारा समस्त तथ्यों का परिशीलन किये बिना विपक्षी संख्या-1 के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है, जिस कारण से वह अपना पक्ष जिला आयोग के सम्मुख प्रस्तुत नहीं कर सकी अत: उसे एक अवसर साक्ष्य एवं सुनवाई का प्रदान किया जावे जिससे वह अपना पक्ष विस्तारपूर्वक जिला आयोग के सम्मुख प्रस्तुत कर सके।
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उभयपक्ष को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का सम्यक परिशीलन एवं परीक्षण करने के उपरान्त मैं इस मत का हूँ कि विद्धान जिला आयोग द्वारा समस्त तथ्यों पर गहनतापूर्वक विचार किये बिना विधि विरूद्ध ढंग से विपक्षी संख्या-1 के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है जो विधि विरूद्ध है। अत: मेरे विचार से न्यायहित में प्रस्तुत वाद को पुन: विस्तार से सुनवाई हेतु जिला आयोग को भेजा जाना उचित प्रतीत होता है। तदनुसार उपरोक्त दोनों अपीलें स्वीकार की जाती है और विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश अपास्त किया जाता है तथा पत्रावली जिला आयोग को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित की जाती है कि जिला आयोग उभयपक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का निस्तारण गुणदोष के आधार पर 06 माह की अवधि में किया जाना सुनिचित करें। पुन: स्थगन किसी भी दशा में स्वीकार नहीं किया जावेगा।
उभयपक्ष विद्धान जिला आयोग के समक्ष दिनांक 10-01-2025 को उपस्थित होंगे।
अपीलें योजित करते समय अपीलार्थीगण द्वारा अपीलों में जमा धनराशि (यदि कोई हो) तो नियमानुसार अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थीगण को विधि अनुसार निस्तारण हेतु यथाशीघ्र प्रेषित की जावे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
प्रस्तुत अपीलों में मुख्य अपील संख्या-684/2024 है और इससे संबंधित एक अन्य अपील संख्या-711/2024 है मुख्य अपील संख्या-684/2024 में पारित निर्णय की एक प्रति संबंधित अपील संख्या-711/2024 में सुरक्षित रखी जावे।
अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-2 डैमलर फाइनेंसियल सर्विसेज/फाइनेंस कम्पनी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी से किसी भी प्रकार की कोई वसूली की कार्यवाही वाद के लम्बित रहते नहीं करेगा।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
प्रदीप मिश्रा, आशु0 कोर्ट नं0-1