राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील सं0-६५१/२००२
(जिला फोरम/आयोग, अलीगढ़ द्वारा परिवाद सं0-२९८/१९९७ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १२-०२-२००२ के विरूद्ध)
१. यूनियन आफ इण्डिया द्वारा जनरल मैनेजर रेल मिनिस्ट्री, रेल भवन, नई दिल्ली एवं दो अन्य।
........... अपीलार्थीगण/विपक्षीगण।
बनाम
१. राकेश अग्रवाल पुत्र श्री हरिशंकर अग्रवाल निवासी १३/३०३, मामू भान्जा स्ट्रीट, अलीगढ़। ............प्रत्यर्थी/परिवादी।
समक्ष:-
१- मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
२- मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री पी0 पी0 श्रीवास्तव विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक :- ०६-०९-२०२१ .
मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
१. यह अपील, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम १९८६ के अन्तर्गत जिला फोरम/आयोग, अलीगढ़ द्वारा परिवाद सं0-२९८/१९९७, राकेश अग्रवाल बनाम यूनियन आफ इण्डिया व अन्य में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १२-०२-२००२ के विरूद्ध योजित की गयी है।
२. हमने अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी। पत्रावली का अवलोकन किया। प्रत्यर्थी/परिवादी पर नोटिस की तामील पर्याप्त है परन्तु उसकी ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
३. अपील पर केवल इस सीमा तक बल दिया गया है कि अंकन ५०,०००/- रू० क्षतिपूर्ति के रूप में अदायगी का आदेश अत्यधिक उच्च श्रेणी का है। यह भी बहस की गई कि रेलवे आम जनता को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से कार्य करता है न कि लाभ कमाने के उद्देश्य से, इसलिए अंकन ५०,०००/- रू० की जैसी उच्च श्रेणी की क्षतिपूर्ति देने का आदेश नहीं दिया जाना चाहिए।
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४. केस के तथ्यों के अनुसार परिवादी जिस समय ट्रेन में यात्रा कर रहा था तब रेलवे द्वारा प्रदत्त किए गए खाने में कोंक्रोच निकला था, इसलिए क्षतिपूर्ति का आदेश तो विधि सम्मत है परन्तु अंकन ५०,०००/- रू० की राशि अत्यधिक उच्च श्रेणी की प्रतीत होती है। क्षतिपूर्ति के रूप में अंकन ५०,०००/- रू० के स्थान पर अंकन २५,०००/- रू० किया जाना उचित प्रतीत होता है। तद्नुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
५. अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला फोरम/आयोग, अलीगढ़ द्वारा परिवाद सं0-२९८/१९९७ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १२-०२-२००२ इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि जिला फोरम/आयोग द्वारा क्षतिपूर्ति के रूप में आदेशित अंकन ५०,०००/- रू० के स्थान पर अंकन २५,०००/- रू० देय होगा। शेष आदेश की यथावत् पुष्टि की जाती है।
६. अपील व्यय उभय पक्ष अपना-अपना वहन करेंगे।
७. उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
८. वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुशील कुमार) (विकास सक्सेना)
सदस्य सदस्य
निर्णय आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (विकास सक्सेना)
सदस्य सदस्य
प्रमोद कुमार
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट नं.-२.