पत्रावली आदेशार्थ पेश हुयी, आदेशार्थ पत्रावली का अवलोकन किया गया। निस्तारण प्रार्थना पत्र कागज सं0-3/1 ता 3/3 व आपत्ति कागज संख्या-12 यह प्रार्थना पत्र प्रार्थी देवराज सिंह की ओर से इस आशय रो प्रस्तुत किया गया है कि इजरा वाद सं0-13 सन् 2021 में पारित एकपक्षीय आदेश के तहत इजरा किया गया है। एकपक्षीय आदेश की जानकारी दिनांक 3.8.2023 को प्राप्त हुई, जब जरिये अधिवक्ता पत्रावली का निरीक्षण कराया गया। जरिये सदर अमीन दिनांक 2.8.2023 को जानकारी हुई कि परिवाद में पारित एकपक्षीय निर्णय दिनांकित 16.5.2019 के अनुपालन में इजरा दाखिल है। पत्रावली के निरीक्षण से ज्ञात हुआ कि जरिये सम्मन रजिस्ट्री पत्र प्रार्थी पर तामीला नहीं हुयी है। तामीला कराये जाने के लिये दैनिक समाचार पत्र "न्यू वाणी" में प्रकाशन करा कर एकपक्षीय रूप से निर्णीत कर दिया गया। परिवाद उत्तर प्रदेश कोल्ड स्टोरेज विनियमन अधिनियम 1976 के अन्तर्गत ही चलेगा। आयोग को क्षेत्राधिकार नहीं है, अतः परिवाद सं०-144 रान् 2014 राजू द्विवेदी बनाम देवराज सिंह आदि में पारित आदेश दिनांकित 16.05.2019 को निरस्त करके गुण दोष के आधार पर सुनकर निस्तारित किया जाय। आपत्ति कागज सं0-12 प्रस्तुत की गयी है कि प्रार्थना पत्र विलम्ब से दिया गया है। प्रार्थी को सम्मन रजिस्ट्री भेजे गये थे। उपस्थित नहीं हुआ। गुण-दोष के आधार पर पारित आदेश को निरस्त करने का कोई अधिकार नहीं है। विधि अनुसार अपील की जा सकती है। प्रकीर्ण वाद कालातीत है, निरस्त किया जाय। मूल पत्रावली मॅगाई गयी। मूल पत्रावली परिवाद सं0-144 सन् 2014 राजू द्विवेदी द्वारा देवराज लोधी व अन्य 2 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी थी। विपक्षीगण को नोटिस आदि जारी किये जाने पर तामीला मानी गयी किन्तु उपस्थित न होने के कारण विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही जारी की गयी और दिनांक 16.05.2019 को परिवाद स्वीकार करते हुए निर्णय/आदेश पारित किया गया। निर्मेंणय दिनांक 16.05.2019 के अनुपालन में इजरा वाद सं0-13 सन् 2021 राजू द्विवेदी बनाम देवराज सिंह लोधी प्रस्तुत किया गया जो लम्बित है। प्रार्थी देवराज सिंह की ओर से यही कहा गया है कि उसे सम्मन नोटिस प्राप्त नहीं हुआ जबकि रजिस्ट्री नोटिस भेजी गयी थी। उपस्थित न होने पर समाचार पत्र में प्रकाशन भी कराया गया। उपस्थित न होने पर एकपक्षीय कार्यवाही जारी की गयी। प्रार्थी का कथन यही है कि परिवाद आयोग में चलने योग्य नहीं है किन्तु उपभोक्ता अधिनियम के अन्तर्गत इस प्रकार की कोई बाधा दर्शित नहीं की गयी है। जहाँ तक एकपक्षीय निर्णय / आदेश को वापस लिये जाने का प्रश्न है. उपभोक्ता अधिनियम के अन्तर्गत एकपक्षीय निर्णय / आदेश को वापस लेने का अधिकार जिला आयोग को नहीं है। ऐसी स्थिति में प्रकीर्ण वाद सं0-29 रान 2023 चलने योग्य नहीं है अतः प्रकीर्ण वाद सं0-29 सन 2023 देवराज सिंह आदि बनाम राजू द्विवेदी निरस्त किये जाने योग्य है। आदेश प्रकीर्ण वाद सं0-29 सन् 2023 देवराज सिंह आदि बनाम राजू द्विवेदी निरस्त किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो। |