मौखिक
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ
(जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग, रामपुर द्वारा परिवाद संख्या 19 सन 1999 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 22.11.1999 के विरूद्ध)
अपील संख्या 3577 सन 1999
यूनियन आफ इण्डिया (नार्दन रेलवे) द्वारा जनरल मैनेजर, नार्दन रेलवे, नई दिल्ली एवं अन्य ।
....अपीलार्थीगण
-बनाम-
रजनीश श्रीवास्तव पुत्र श्री रमेश चन्द्र श्रीवास्तव निवासी राजद्वारा रोड, जिला रामपुर उ0प्र0
....प्रत्यर्थी
समक्ष:-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष ।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - कोई नहीं।
प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - कोई नहीं।
दिनांक:- 15.12.2021
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील वर्ष 1999 से लम्बित है जो जिला उपभोक्ता आयोग, रामपुर द्वारा परिवाद संख्या 19 सन 1999 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 22.11.1999 के विरूद्ध योजित की गयी है। जिसके द्वारा विद्वान जिला फोरम ने परिवाद स्वीकार करते हुए अपीलार्थी यूनियन आफ इण्डिया (नार्दन रेलवे) द्वारा जनरल मैनेजर, नार्दन रेलवे, नई दिल्ली को आदेश दिया कि वह आदेश के दिनांक से 02 माह की अवधि में परिवादी को रू0 10 हजार क्षतिपूर्ति के रूप में तथा 15 सौ रू0 परिवाद के व्यय के रूप में अदा करेगा। उल्लिखित अवधि में भुगतान न करने की दशा में 12 प्रतिशत ब्याज भी देय होगा।
वाद पुकारा गया। अपीलार्थी अनुपस्थित है। मेरे द्वारा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का परिशीलन किया गया तथा पाया गया कि विद्वान जिला फोरम द्वारा समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए तथा पत्रावली पर उपलब्ध प्रपत्रों के परीक्षण एवं परिशीलन के उपरांत जो निर्णय पारित किया है, वह विधि-सम्मत है और उसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
अत: प्रस्तुत अपील निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है तथा आदेशित किया जाता है कि अपीलार्थी जिला फोरम के आदेश का अनुपालन 60 दिन की अवधि में सुनिश्चित करे। अन्यथा की स्थिति में ब्याज की धनराशि भी देय होगी जैसा कि विद्वान जिला फोरम द्वारा आदेशित किया गया है।
उभयपक्ष इस अपील का अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
सुबोल श्रीवास्तव
पी0ए0(कोर्ट नं0-1)