1.परिवादीगण ने विपक्षीगण के कोल्ड स्टोरेज में आलू का भण्डारण किया था और माह सितम्बर में आलू की वापसी के बारे में टालमटोल करना शुरु कर दिया और आलू का बेजा इस्तेमाल कर अमानत में खयानत कर दिया। संचारित भण्डारण आलू निम्न प्रकार है-
(क) महीपाल सिह –112 कट्टे कीमत रु. 72200/ व 114 कट्टे कीमत रु.73400/
(ख) मनोज कुमार- 110कट्टे कीमत रु.66000/ व 49 कट्टे कीमत रु.29400/
(ग) कृपाल सिह- 18कट्टे कीमत रु.10800/
(घ) भगवती प्रसाद- 81कट्टे कीमत रु.48600/
(ड) अमर सिह- 53 कट्टे कीमत रु.31800/ व 84 कट्टे कामत रु.50400/
(च) मुकेश कुमार- 71कट्टे कीमत रु.42600/ व 41 कट्टे कीमत रु.24600/
(छ) उमेश कुमार- 26 कट्टे कीमत रु.15600/
(ज) महेश चन्द्र- 13 कट्टे कीमत रु.7800/ व 63 कट्टे कीमत रु.35800/
उपरोक्त कीमत 600/रु. प्रति कट्टे के हिसाब से बनती है जिसमे 1300/रु. अग्रिम धनराशि के रुप में जमा की गयी है जिसे वापसी के समय हिसाब में समायोजित किया जाना है। आलू की बुवाई के समय विपक्षी गण माह अक्टूबर में वापिस करने के लिये वाध्य थे। अतः आलू भण्डारण की कुल कीमत 668600/ रु., फसल की बुवाई में व्यवधान उत्पन्न करने से क्षतिपूर्ति हेतु रु.500000/, शारीरिक, आर्थिक क्षति हेतु रु.200000/ व वाद व्यय रु.5000/ विपक्षी गण से भुगतान कराया जाये।
2.. विपक्षी सं. 1 प्रतिवाद पत्र में कथन किया है कि वह माया कोल्ड स्टोरेज फर्म का ना तो मलिक है ना प्रबंधक है ना ही भागीदार है ।विपक्षी सं. 2 ने कथन किया है कि उसने इस फर्म में कभी काम नहीं किया है।
3. पक्षकारो ने अपने-अपने केस के समर्थन में शपथ पत्र एवं प्रलेख दाखिल किये है।
4. पक्षकारो की ओर से तर्क सुने गये तथा पत्रावली का अवलोकन किया।
5. प्रथम प्रश्न यह निहित है कि क्या परिवादीगण कोई अनुतोष पाने के अधिकारी है।
6. परिवादी गण द्वारा माया कोल्ड स्टोरेज में आलू का भण्डारण करने का कथन किया गया है जिसके सम्बन्ध में विपक्षी सं. 1 व 2 ने माया कोल्ड स्टोरेज से सम्बन्ध होने से इंकार किया है लेकिन इतना अवश्य विदित हो जाता है कि माया कोल्ड स्टोरेज में आलू का भण्डारण किया गया था जो एक फर्म है जिसके द्वारा भण्डारित आलू की वापिसी के लिये फर्म उत्तरदायी है भले ही विपक्षी सं. 1 व 2 का फर्म से सम्बन्ध ना रहा हो अतः परिवादी गण माया कोल्ड स्टोरेज फर्म से भण्डारित आलू की कीमत व मानसिक आर्थिक कष्ट के लिये क्षतिपूर्ति तथा वाद व्यय पाने का अधिकारी है।
7.प्रश्न परिवादी गण के पक्ष में निर्णीत किया जाता है।
8. विपक्षी माया कोल्ड स्टोरेज फर्म को आदेशित किया जाता है कि परिवाद में दर्शाये गये विवरण के अनुसार प्रत्येक परिवादी आलू की कीमत, मानसिक व शारीरिक कष्ट के लिये क्षतिपूर्ति रु.5000/ व वाद व्यय रु1000/ एक माह के अन्दर भुगतान करे। अन्यथा आदेश का अनुपालन ना किये जाने की दशा में उसे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 72 के अंर्तगत कारावास अथवा अर्थदंड से दण्डित किया जा सकता है।
9. परिवाद में यदि कोई प्रार्थना पत्र लम्बित है तब निर्णय के अनुसार निस्तारित किया जाता है।
10. निर्णय की प्रति पक्षकारो को नियमानुसार प्राप्त करायी जाये और आयोग की वेबसाइट पर पक्षकारो के अवलोकनार्थ निर्णय को नियमानुसार अपलोड किया जाये।
11. पत्रावली को निर्णय की प्रति सहित अभिलेखागार भेजा जाये।