राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील सं0-301/2014
(जिला उपभोक्ता आयोग, फिरोजाबाद द्वारा परिवाद सं0-15/2012 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 13-01-2014 के विरूद्ध)
मेसर्स पल्लवी कोल्ड स्टोरेज एण्ड आईस फैक्ट्री प्रा0लि0, इन्दरई, मक्खनपुर, जिला-फिरोजाबाद द्वारा शीतगृह स्वामी। ............अपीलार्थी/विपक्षी।
बनाम
राजीव कुमार पचौरी पुत्र श्री दिनेश चन्द्र पचौरी निवासी-ग्राम-सरगवाँ, पोस्ट-दौंकेली, जिला-फिरोजाबाद। ............प्रत्यर्थी/परिवादी।
समक्ष:-
1. मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
2. मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री आर0डी0 क्रान्ति विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री रवि कुमार रावत विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक :- 01-08-2024.
मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
यह अपील, जिला उपभोक्ता आयोग, फिरोजाबाद द्वारा परिवाद सं0-15/2012 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 13-01-2014 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई है।
परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी ने विपक्षी कोल्ड स्टोरेज में 50 किलो वजन के 98 बैग आलू का बीज जमा किया था और प्रत्येक बैग पर '' अंजलि कृषि फार्म सरगवा '' मार्का लगा हुआ था। परिवादी ने अपना आलू वापस लेने के लिए अपीलार्थी/विपक्षी के यहॉं आवश्यक धनराशि जमा करके गेट पास प्राप्त किया और जब वह आलू लेने गया तो उसे वे बैग उपलब्ध नहीं कराये गये, जो उसने जमा किये थे। परिवादी ने अनेक बार विपक्षी से आलू वापस देने के लिए कहा, परन्तु विपक्षी ने मना कर दिया। तब परिवादी को 350/- रू0 प्रति बैग की दर से 35,000/- रू0 का बीज खरीदना पड़ा। परिवादी ने विधिक नोटिस दिनांक 11-11-2011 को
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भेजा तथा इसका रिमाइण्डर भी दिनांक 12-12-2011 को भेजा परन्तु विपक्षी ने कोई ध्यान नहीं दिया। अत: परिवादी ने उपभोक्ता परिवाद प्रस्तुत किया।
विपक्षी का अपने वादोत्तर में कथन इस प्रकार है कि परिवादी ने दिनांक 15-10-2011 को 50 बोरी तथा दिनांक 20-10-2011 को 48 बोरी का केट पास बनवाया था। चूँकि आलू के भाव गिर गये थे, इसलिए आलू उठाने कोई नहीं आया। विपक्षी ने आलू ले जाने के लिए परिवादी से कई बार कहा, किन्तु वह आलू लेने नहीं आया। विपक्षी द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गई।
विद्वान जिला आयोग ने दोनों पक्षों को सुनने एवं सभी तथ्यों व साक्ष्यों को विश्लेषित करते हुए निम्नलिखित आदेश पारित किया :-
'' परिवाद विपक्षी के विरुद्ध स्वीकार किया जाता है। विपक्षी इस आदेश के तीस दिन के अन्दर परिवादी को रू0 34,300/- का भुगतान करे। परिवादी इस धनराशि पर परिवाद प्रस्तुत करने को तारीख 28.01.2012 से वास्तविक भुगतान प्राप्त होने तक नौ प्रतिशत वार्षिक दर से साधारण ब्याज भी प्राप्त करेगा। परिवादी विपक्षी से दो हजार रूपये परिवाद-व्यय के रूप में भी प्राप्त करेगा। ''
उक्त आदेश से क्षुब्ध होकर यह अपील विपक्षी कोल्ड स्टोरेज द्वारा योजित की गई है।
पीठ द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक् रूप से परिशीलन किया गया।
इस मामले में यह तथ्य निर्विवादित है कि अपीलार्थी/विपक्षी कोल्ड स्टोरेज में परिवादी द्वारा कथित आलू रखा गया था, परन्तु अपीलार्थी का यह कथन है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने गेट पास बनवाया और वह आलू लेने नहीं आया। इसके विपरीत प्रत्यर्थी/परिवादी का कथन है कि उसके द्वारा अपीलार्थी
के यहॉं '' अंजलि कृषि फार्म सरगवा '' मार्का लगे बोरों में अपना आलू का बीज रखा था, मांगे जो जाने पर अपीलार्थी द्वारा नहीं दिया गया। इस प्रकार
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यह भी तथ्य निर्विवादित है कि प्रत्यर्थी/परिवादी को आलू प्राप्त नहीं हुआ। यदि किसी व्यक्ति को अपना माल शीत भण्डारण गृह से उचित गुणवत्ता के साथ ठीक अवस्था में प्राप्त नहीं होता है तो इसे कोल्ड स्टोरेज द्वारा सेवा में कमी माना जाएगा।
इस मामले में मुख्य विवाद आलू की कीमत के सम्बन्ध में है। निर्विवादित रूप से परिवादी द्वारा 50 किलो के कुल 98 बोरा अर्थात् कुल 49 कुन्तल आलू रखा गया था। अपीलार्थी की ओर से सचिव, कृषि उत्पादन मण्डी समिति, फिरोजाबाद के पत्र दिनांकित 22-02-2014, जो जिला उद्यान अधिकारी, फिरोजाबाद को प्रेषित किया गया है, की फोटोप्रति पीठ के सम्मुख प्रस्तुत की गई, जिसके अवलोकन से स्पष्ट होता है कि माह अक्टूबर, 2011 में आलू का भाव (औसत) प्रति कुन्तल 325/- रू0 था।
अत: विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश विधि सम्मत है, जिसमें किसी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है, परन्तु विद्वान जिला आयोग ने प्रश्नगत आलू की कीमत परिवादी के कथनानुसार 350/- रू0 प्रति बैग के हिसाब से दिलायी गयी है जो सचिव, कृषि उत्पादन मण्डी समिति, फिरोजाबाद के पत्र दिनांकित 22-02-2014, के परिप्रेक्ष्य में उचित नहीं है। तत्समय बाजारू मूल्य 400/- रू0 दर्शाया गया है। अत: विद्वान जिला आयोग द्वारा आदेशित 34,300/- रू0 की धनराशि अधिक प्रतीत होती है, जिसे संशोधित करते हुए सचिव, कृषि उत्पादन मण्डी समिति के अनुसार आलू की कीमत 325/- रू0 प्रति कुन्तल के हिसाब से अंकन 15,925/- (49 x 325) रू0 दिलाया जाना न्यायोचित होगा। विद्वान जिला आयोग ने आलू की कीमत पर 09 प्रतिशत की अदायगी का आदेश दिया है, जो पीठ के अभिमत में अधिक प्रतीत होता है। अत: आलू की कीमत पर 09 प्रतिशत के स्थान पर 07 प्रतिशत वार्षिक की दर से साधारण ब्याज दिलाया जाना उचित होगा। विद्वान जिला आयोग ने परिवाद व्यय हेतु
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2,000/- रू0 की अदायगी का आदेश दिया गया है, जो पीठ के अभिमत में उचित प्रतीत होता है।
तदनुसार वर्तमान अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
वर्तमान अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग, फिरोजाबाद द्वारा परिवाद सं0-15/2012 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 13-01-2014 मात्र इस सीमा तक संशोधित करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि विद्वान जिला आयोग द्वारा आदेशित आलू की कीमत 34,300/- रू0 के स्थान पर कुल अंकन 15,925/- रू0, परिवाद दाखिल करने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक 07 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज के साथ प्रत्यर्थी/परिवादी को अदा करना सुनिश्चित करे। निर्णय के शेष भाग की पुष्टि की जाती है। इस आदेश का अनुपालन इस निर्णय के 60 दिन के अन्दर किया जाना सुनिश्चित हो।
अपील व्यय उभय पक्ष अपना-अपना स्वयं वहन करेंगे।
अपीलार्थी द्वारा यदि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-15 के अन्तर्गत कोई धनराशि जमा की गई हो तो वह सम्पूर्ण धनराशि मय अर्जित ब्याज के सम्बन्धित जिला आयोग को विधि अनुसार शीघ्रातिशीघ्र प्रेषित कर दी जाए ताकि विद्वान जिला आयोग द्वारा प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश के सन्दर्भ में उक्त धनराशि का विधि अनुसार निस्तारण किया जा सके।
उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुधा उपाध्याय) (विकास सक्सेना)
सदस्य सदस्य
दिनांक :- 01-08-2024.
प्रमोद कुमार,वैय0सहा0ग्रेड-1,कोर्ट नं.-3.