Uttar Pradesh

StateCommission

A/2012/931

Bajaj Finance - Complainant(s)

Versus

Rajesh Kumar Shukla - Opp.Party(s)

Neeraj Kumar & Rishi Saxena

11 Nov 2020

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2012/931
( Date of Filing : 09 May 2012 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Bajaj Finance
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Rajesh Kumar Shukla
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 11 Nov 2020
Final Order / Judgement

सुरक्षित

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोषआयोग, उ0प्र0, लखनऊ ।

अपील संख्‍या931/2012

बजाज फाइनेंस लि0 व अन्‍य बनाम राजेश कुमार शुक्‍ला

मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य द्वारा उदघोषित।

आदेश

           दिनांक- 23-11-2021

प्रस्‍तुत अपील,परिवादसंख्‍या-12 सन2010राजेश कुमार शुक्‍ला बनाम मे0 चतुभुर्ज मोटर्स अधिकृत डीलर बजाज आटो लि0 व एक अन्‍य मेंजिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,उन्‍नाव द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 31-05-2011के विरूद्ध धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

     अपील प्रस्‍तुत करने में हुए विलम्‍ब को क्षमा करने हेतु अपीलार्थी ने एक प्रार्थना पत्र दिनांक 09-05-2012 मय शपथ-पत्र प्रस्‍तुत किया है।

     हमने विलम्‍ब माफी प्रार्थना-पत्र पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री नीरज कुमार को सुना और पत्रावली का सम्‍यक रूप से परिशीलन किया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

     अपीलार्थी ने अपने विलम्‍ब क्षमा प्रार्थना पत्र के साथ संलग्‍न शपथ-पत्र में कहा है कि शपथी बजाज फाइनेंस लि0 की लखनऊ शाखा का कर्मचारी है एवं अपीलार्थी कम्‍पनी का अटार्नी होल्‍डर भी है और उसे समस्‍त तथ्‍यों की पूर्ण जानकारी है। प्रस्‍तुत प्रार्थना में पत्र उसके द्वारा बताया गया है कि इसके तथ्‍य सही हैं। प्रार्थना-पत्र विलम्‍ब क्षमा करने के सम्‍बन्‍ध में है जिसमें कुल 334 दिनों

 

2

का विलम्‍ब है।

     अपीलार्थी ने श्री मोहित वर्मा को एरिया लीगल मैनेजर नियुक्‍त किया था और फिर निर्णय घोषित होने के पश्‍चात श्री मोहित वर्मा ने प्रधान कार्यालय को इसकी सूचना नहीं दी। इसके पश्‍चात वह दिनांक 25-11-2012 को कार्य छोड़कर यहॉं से चले गये। इसके पश्‍चात दूसरे अधिवक्‍ता श्री अभय कुमार सिंह ने भी अपील प्रस्‍तुत नहीं की। अपीलार्थी को सबसे पहले इस आदेश के बारे में जानकारी अप्रैल 2012 में हुयी तब नये एरिया लीगल मैनेजर श्री लोकेश द्धिवेदी विद्वान जिला आयोग गये और आदेश का अवलोकन किया। इसके पश्‍चात अपीलार्थी ने यह मामला अधिवक्‍ता श्री नीरज कुमार सक्‍सेना को दिया तब उन्‍होने अपील प्रस्‍तुत की। अत: निवेदन है कि वर्तमान मामले में विलम्‍ब जानबूझकर नहीं किया गया है और विलम्‍ब क्षमा किया जाए।

     हमने अपीलार्थी द्वारा प्रस्‍तुत विलम्‍ब माफी प्रार्थना पत्र देखा और पत्रावली का परिशीलन करने पर यह पाया कि अपीलार्थी ने जो विलम्‍ब को क्षमा करने हेतु कारण बताया है वह सन्‍तोष जनक नहीं है। विलम्‍ब क्षमा हेतु दिन-प्रतिदिन के विलम्‍ब का कोई उचित स्‍पष्‍टीकरण अपीलार्थी द्वारा नहीं दिया गया है।

     अपीलार्थी की कम्‍पनी का यह अन्‍दरूनी मामला है और वहॉं पर विलम्‍ब किन कारणों से हो रहा है इससे न्‍यायालय का कोई सम्‍बन्‍ध नहीं है। यदि उनके कर्मचारी लापरवाही करते हैं तब नियमानुसार उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी किन्‍तु यह आधार विलम्‍ब क्षमा करने हेतु पर्याप्‍त आधार नहीं है।    

विलम्‍ब के सम्‍बन्‍ध में माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय के निर्णय में कहा गया है कि उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम एक विशिष्‍ट अधिनियम है जिसका उद्देश्‍य

 

3

उपभोक्‍ताओं को त्‍वरित सेवा प्रदान करना है। यहॉं पर अगर लिखित कथन भी निश्चित समय अर्थात 30 दिन के अन्‍दर प्रस्‍तुत नहीं किया जाता है या न्‍यायालय 15 दिन का अतिरिक्‍त समय नहीं देता है तब लिखित कथन विलम्‍ब से प्रस्‍तुत करने पर स्‍वीकार नहीं किया जाता है। इसी कारण से इस अधिनियम का उद्देश्‍य व्‍यापक है। अत: विलम्‍ब क्षमा नहीं किया जाना चाहिए।

विलम्‍ब के सम्‍बन्‍ध में निम्‍नलिखित न्‍यायिक सिद्धांतो को भी देखना आवश्‍य है।

In Mahindra & Mahindra Financial Services Ltd. Vs. Naresh Singh, I(2013) CPJ 407 (NC), where the delay was of 71 days only, it was held by the Hon'ble National Commission that "condonation cannot be a matter of routine and the petitioner is required to explain delay for each and every date after expiry of the period of limitation". In the instant matter, the appellants have not given any explanation of delay for each and every day. In U.P. AvasEvamVikasParishad Vs. Brij Kishore Pandey, IV (2009) CPJ 217 (NC), where the delay was of only 84 days, it was held that "this is enough to demonstrate that there was no reason for this delay, much less a sufficient cause to warrant its condonation." In the instant matter, the cause shown by the appellants has been vehemently denied by the respondent on cogent reasons.  Furthermore, In Anshul Agarwal Vs. New Okhla Industrial Development Authority, IV (2011) CPJ 62 (SC), it was observed by the Hon'ble Apex Court that "it is also apposite to observe that while deciding an application filed in such cases for condonation of delay, the Court has to keep in mind that special period of limitation has been

 

4

prescribed in the Consumer Protection Act for filing appeals and revisions in consumer matter and the objection of expeditious adjudication of consumer disputes will get defeated if this court was to entertain highly belated petition against the orders of Consumer Fora."

      स्‍पष्‍ट है कि विलम्‍ब क्षमा करने के सम्‍बन्‍ध में जो तथ्‍य अपीलार्थी द्वारा लिखे गये हैं वह सन्‍तोषजनक और विश्‍वसनीय नहीं है।  अत: ऐसी स्थिति में प्रस्‍तुत अपील में विलम्‍ब क्षमा होने योग्‍य नहीं है तथा यह अपील कालबाधा के आधार पर निरस्‍त होने योग्‍य है।

विलम्‍ब क्षमा प्रार्थना-पत्र निरस्‍त किया जाता है और वर्तमान अपील, कालबाधित होने के कारण निरस्‍त की जाती है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

 

(सुशील कुमार)                         (राजेन्‍द्र सिंह)

  सदस्‍य                                सदस्‍य

 

कृष्‍णा-आशु०

कोर्ट नं०2.

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.