Uttar Pradesh

StateCommission

A/877/2022

Devotam Infra Developers Ltd. and another - Complainant(s)

Versus

Rajendra Swaroop Johari - Opp.Party(s)

Vikas Agarwal

21 Mar 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/877/2022
( Date of Filing : 02 Sep 2022 )
(Arisen out of Order Dated 09/11/2020 in Case No. C/2019/153 of District Bareilly-I)
 
1. Devotam Infra Developers Ltd. and another
224 Civil lines Mallvtion Armi road Bareilly
...........Appellant(s)
Versus
1. Rajendra Swaroop Johari
S/o Late Bhagwati Sahai R/o 15 Civil line Near Ram Vatika Colony gate no. 3 Khurram Gotiya marg Bareilly
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 21 Mar 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

(मौखिक)

अपील संख्‍या-877/2022

देवोत्‍तम इन्‍फ्रा डेवलपर्स प्रा0लि0 व एक अन्‍य

बनाम

राजेन्‍द्र स्‍वरूप जौहरी पुत्र स्‍व0 भगवती सहाय

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री वि‍कास अग्रवाल, 

                               विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित : स्‍वयं व श्री संजय कुमार श्रीवास्‍तव, 

                          विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक: 21.03.2024

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता              आयोग-प्रथम, ब‍रेली द्वारा परिवाद संख्‍या-153/2019 राजेन्‍द्र स्‍वरुप जौहरी बनाम देवोत्‍तम इन्‍फ्रा डेवलेपर्स प्रा0लि0 व एक अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 09.11.2020 के विरूद्ध योजित की गयी है।

मेरे द्वारा अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री विकास अग्रवाल एवं प्रत्‍यर्थी श्री राजेन्‍द्र स्‍वरूप जौहरी व उनके विद्वान अधिवक्‍ता श्री संजय कुमार श्रीवास्‍तव को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी द्वारा विपक्षीगण पर विश्‍वास करते हुए उनके द्वारा प्रस्‍तावित कालोनी के प्‍लाट संख्‍या 6 क्षेत्रफल 120 वर्ग गज व प्‍लाट संख्‍या 11 क्षेत्रफल 120 वर्ग गज कुल 240 वर्ग गज की कीमत 6200/-रू0 प्रति वर्ग गज के अनुसार तय हुआ तथा यह कि प्रश्‍नगत प्‍लाट की कीमत 14,88,000/-रू0 में 10 प्रतिशत कम करके  13,39,200/-रू0  में

 

 

-2-

तय हुई। परिवादी द्वारा विपक्षी को चैक दिनांकित 03.02.2015 के माध्‍यम से 7,20,000/-रू0 एवं 6,19,200/-रू0 नगद भुगतान करते हुए भुगतान की रसीद प्राप्‍त की गयी। इस प्रकार परिवादी द्वारा विपक्षी को कुल 13,39,200/-रू0 का भुगतान किया गया। दिनांक 18.02.2015 को परिवादी एवं विपक्षी के बीच एक अनुबन्‍ध भी हुआ।

परिवादी का कथन है कि लगभग चार वर्ष बीत जाने के बाद भी विपक्षी की प्रस्‍तावित कालोनी में कोई निर्माण कार्य विकसित नहीं किया गया तथा प्रश्‍नगत भूमि पर किसानों द्वारा खेती की जा रही थी। परिवादी द्वारा विपक्षी को एक विधिक नोटिस दिया गया तथा व्‍यक्तिगत रूप से व फोन के माध्‍यम से भी लगातार सम्‍पर्क किया गया, परन्‍तु विपक्षी द्वारा न तो प्‍लाट दिया गया तथा न ही धनराशि वापस की गयी। अत: क्षुब्‍ध होकर परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध परिवाद जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख प्रस्‍तुत करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख विपक्षीगण तामीला के बावजूद उपस्थित नहीं हुए, अत: उनके विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही का आदेश पारित किया गया।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवादी के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों/प्रपत्रों पर विचार करने के उपरान्‍त यह पाया गया कि परिवादी द्वारा विपक्षीगण को प्‍लाट हेतु 13,39,200/-रू0 दिया गया, परन्‍तु विपक्षीगण द्वारा परिवादी को न तो पैसा वापस किया गया तथा न ही प्‍लाट दिया गया। तदनुसार विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवाद एकपक्षीय रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया गया:-

''परिवादी का  परिवाद  विपक्षीगण  के  विरूद्ध  इस  प्रकार

 

 

 

-3-

स्‍वीकार किया जाता है कि विपक्षीगण परिवादी को उसके द्वारा दी गई धनराशि रु0 13,39,200/-रू0 मय 09 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज सहित 30 दिन मे वापस कर देंगे। ब्‍याज की गणना पैसा जमा करने की तिथि से वापसी की तिथि तक की जायेगी, तथा रुपये 5000/- खर्चा मुकदमा के मद मे भी विपक्षीगण परिवादी को अदा करेंगे। विपक्षीगण द्वारा आदेश का अनुपालन 30 दिन मे किया जायेगा।''

इस न्‍यायालय द्वारा दिनांक 21.12.2022 को निम्‍न आदेश पारित किया गया:-

''21-12-2022

पुकार की गई। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री विकास अग्रवाल को सुना। प्रस्‍तुत अपील को पूर्व से निश्चित तिथि दिनांक 23.02.2023 को सुनवाई हेतु सूचीबद्ध किया जावे।

एक सप्‍ताह में जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किये जाने पर अपीलार्थी के विरूद्ध उत्‍पीड़न की कार्यवाही निश्चित तिथि तक स्‍थगित रहेगी।''

उक्‍त आदेश का अनुपालन भी अपीलार्थीगण द्वारा आज दिनां‍क तक सुनिश्चित नहीं किया गया, जो कि अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री विकास अग्रवाल तथा प्रत्‍यर्थी/परिवादी              श्री राजेन्‍द्र स्‍वरूप जौहरी एवं उनके विद्वान अधिवक्‍ता श्री संजय कुमार श्रीवास्‍तव द्वारा इस न्‍यायालय के सम्‍मुख कथन किया। अपील लम्बित रहने के दौरान अपीलार्थीगण द्वारा मात्र 5,00,000/-रू0 + 1,00,000/-रू0 अर्थात् 6,00,000/-रू0 की धनराशि प्रत्‍यर्थी/परिवादी को प्राप्‍त करायी गयी है।

अपीलार्थीगण द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी को उपरोक्‍त प्राप्‍त करायी गयी धनराशि 6,00,000/-रू0 (छ: लाख रूपये) पर जमा की तिथि से भुगतान की तिथि तक ब्‍याज के रूप में 09 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज, जैसा कि  जिला  उपभोक्‍ता  आयोग  द्वारा

 

 

-4-

आदेशित किया गया है, इस निर्णय की तिथि से एक माह की अवधि में प्राप्‍त कराया जावे तथा बाकी की शेष धनराशि 7,39,200/-रू0 (सात लाख उन्‍तालीस हजार दो सौ रूपये) जमा की तिथि से भुगतान की तिथि तक 09 प्रतिशत  साधारण वार्षिक ब्‍याज सहित मूल व ब्‍याज इस निर्णय की तिथि से एक माह की अवधि में प्राप्‍त करायी जावे।

अपीलार्थीगण द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी को जिला उपभोक्‍ता  आयोग द्वारा आदेशित खर्चा मुकदमा के मद में 5,000/-रू0 (पॉंच हजार रूपये) की धनराशि भी इस निर्णय की तिथि से एक माह की अवधि में प्राप्‍त करायी जावे।

उपरोक्‍त के अलावा अपीलार्थीगण द्वारा इस न्‍यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 21.12.2022 जो कि ऊपर उल्लिखित किया गया है का अनुपालन भी सुनिश्चित नहीं किया गया है अर्थात् इस न्‍यायालय के अन्‍तरिम आदेश का उल्‍लंघन किया गया है, अतएव अपीलार्थीगण के विरूद्ध हर्जाना 1,00,000/-रू0 (एक लाख रूपये) योजित किया जाता है, जो इस निर्णय की तिथि से एक माह की अवधि में प्रत्‍यर्थी/परिवादी को ऊपर उल्लिखित देय धनराशि के साथ प्राप्‍त करायी जावे।

यहॉं यह स्‍पष्‍ट किया जाता है कि अपीलार्थीगण द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी को समस्‍त देय धनराशि यदि उल्लिखित अवधि में प्राप्‍त नहीं करायी जावेगी तब अपीलार्थीगण द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी को एक माह की अवधि के पश्‍चात् प्रतिदिन 5000/-रू0 (पॉंच हजार रूपये) हर्जाना भी देय होगा।

तदनुसार प्रस्‍तुत अपील मय हर्जाना निरस्‍त की जाती है।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थीगण द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की  गयी  हो  तो  उक्‍त  जमा  धनराशि  अर्जित  ब्‍याज  सहित

 

 

 

 

-5-

सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

     (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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