Uttar Pradesh

StateCommission

A/430/2019

Ex. Engg. Vidyut Vitran Khand - Complainant(s)

Versus

Rajendra Singh - Opp.Party(s)

Deepak Mehrotra

25 May 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/430/2019
( Date of Filing : 28 Mar 2019 )
(Arisen out of Order Dated 07/02/2019 in Case No. C/149/2017 of District Bareilly-II)
 
1. Ex. Engg. Vidyut Vitran Khand
Bareilly
...........Appellant(s)
Versus
1. Rajendra Singh
S/O Sri Ranjeet Singh R/O Vill. Hurhuri Tehsil and P.S. meerganj Distt. Bareilly
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 25 May 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

(मौखिक)

अपील संख्‍या-430/2019

(जिला उपभोक्‍ता आयोग-द्वितीय, बरेली द्वारा परिवाद संख्‍या 149/2017 में पारित आदेश दिनांक 07.02.2019 के विरूद्ध)

एक्‍जीक्‍यूटिव इंजीनियर, विद्युत वितरण खण्‍ड बरेली व दो अन्‍य

........................अपीलार्थीगण/विपक्षीगण

बनाम

राजेन्‍द्र सिंह पुत्र श्री रंजीत सिंह

........................प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य। 

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री दीपक मेहरोत्रा के सहयोगी                 

                               श्री मनोज कुमार, 

                               विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री अशोक कुमार वर्मा,                                                     

                          विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक: 25.05.2023

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1. परिवाद संख्‍या-149/2017 राजेन्‍द्र सिंह बनाम अधिशाषी अभियन्‍ता विद्युत वितरण खण्‍ड बरेली व दो अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 07.02.2019 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गयी है।

2.   जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍नलिखित आदेश पारित किया है:-

     ''परिवाद प्रतिपक्षीगण के विरुद्ध इस प्रकार स्‍वीकार किया जाता है कि प्रतिपक्षीगण को यह निर्देश दिया जाता है कि प्रतिपक्षी सं0 1 अधिशासी अभियन्‍ता (वितरण) दो माह के अन्‍तर्गत मध्‍यांचल  विद्युत  वितरण  निगम   लि0   के   उक्‍त   आदेश                  

 

 

 

-2-

दिनांकित 03.12.2016 के क्रम सं0 2 के अनुसार प्राक्‍कलन तैयार करके परिवादी के परिवर्तक से दो अन्‍य विद्युत संयोजन निर्गत कर परिवादी का विद्युत संयोजन प्रारम्‍भ करायें। वाद व्‍यय हेतु परिवादी प्रतिपक्षीगण से रु0 5000/- प्राप्‍त करने का अधिकारी है।''

3.   उभय पक्ष की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया, प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।

4.   अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि एक ट्रांसफार्मर पर तीन उपभोक्‍ताओं को विद्युत कनेक्‍शन स्‍वीकार किया जा सकता है। किसी एक व्‍यक्ति के पक्ष में विद्युत कनेक्‍शन जारी नहीं किया जा सकता है। उनके द्वारा अपने तर्क के समर्थन में रिट याचिका संख्‍या-7063/2017 प्रेमराज तथा 04 अन्‍य बनाम उत्‍तर प्रदेश राज्‍य तथा 03 अन्‍य में पारित आदेश दिनांक 14.02.2017 की प्रतिलिपि भी प्रस्‍तुत की है, जिसमें माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा भी यह विचार व्‍यक्‍त किया गया है कि राजकीय शासनादेश 03 दिसम्‍बर, 2016 के अनुसार परिवादी के पक्ष में विद्युत कनेक्‍शन जारी करने का आदेश नहीं दिया जा सकता है। अधिशासी अभियन्‍ता द्वारा परिवादी राजेन्‍द्र सिंह को दस्‍तावेज संख्‍या-19 के माध्‍यम से अवगत कराया गया है कि आप अपने हिस्‍से की धनराशि जमा कर सकते हैं, इसलिए परिवादी द्वारा अपने हिस्‍से की धनराशि जमा करायी गयी है।

5.   प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि चूँकि एक बार परिवादी को विद्युत विभाग द्वारा विद्युत कनेक्‍शन स्‍वीकार कर लिया गया है, इसलिए विद्युत संयोजन जोड़े जाने का आदेश दिया जाना आवश्‍यक है, परन्‍तु शासनादेश के अनुसार तीन व्‍यक्तियों के विद्युत कनेक्‍शन लेने पर ही एक ट्रांसफार्मर स्‍थापित किया जाता है। इस पत्र में यथार्थ में यह भी उल्‍लेख है कि आपके द्वारा केवल 1/3 धनराशि जमा करायी गयी है। यदि 2/3 धनराशि

 

 

 

-3-

भी जमा करायी जाती है तब विद्युत कनेक्‍शन जारी किया जायेगा। अत: यह नहीं कहा जा सकता है कि विद्युत विभाग द्वारा इस तथ्‍य को स्‍वीकार कर लिया गया है कि परिवादी को एकल रूप से विद्युत संयोजन जारी किया जा सकता है। अत: जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश अनुचित है, तदनुसार अपास्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

6.   प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 07.02.2019 अपास्‍त किया जाता है।

यद्यपि यह उल्‍लेख करना आवश्‍यक है कि यदि परिवादी तथा विपक्षीगण संयुक्‍त प्रयास के तहत दो अन्‍य उपभोक्‍ताओं को विद्युत कनेक्‍शन उपलब्‍ध कराने में सक्षम होते हैं तब परिवादी को भी विद्युत कनेक्‍शन उपलब्‍ध कराया जाये। परिवादी अपने क्षेत्र के व्‍यक्तियों से सम्‍पर्क कर इस सम्‍भावना की खोज कर सकते हैं कि क्‍या दो व्‍यक्ति विद्युत कनेक्‍शन लेने के लिए तत्‍पर एवं इच्‍छुक हैं?

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थीगण द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थीगण को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

     (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)            (सुशील कुमार)      

              अध्‍यक्ष                            सदस्‍य      

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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