(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-253/2011
Vivekanand, Proprietor of Sports and Electronics, Gandhi Market, Orai (infront of Kotwali) District Jalaun
Versus
Rajendra Kumar Adjariya son of Sri Ramadheen, resident of Mohalla Indira Nagar, & others
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री एच0के0 श्रीवास्तव, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :09.01.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-04/2010, राजेन्द्र कुमार अइजरिया बनाम विवेक आनन्द व अन्य में विद्वान जिला आयोग, जालौन स्थान उरई द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 01.01.2011 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री एच0के0 श्रीवास्तव को सुना गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. जिला उपभोक्ता मंच ने परिवादी को विक्रय किये गये मोबाइल को वारण्टी अवधि के अंतर्गत खराब होने तथा अपीलार्थी के स्तर से मरम्मत न कराने के आधार पर नया मोबाइल देने या मोबाइल की कीमत 4,200/-रू0 अदा करने का आदेश पारित किया है।
3. अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि यद्यपि उनके द्वारा परिवादी को मोबाइल विक्रय किया गया था, परंतु वारण्टी अवधि से कुछ दिन पूर्व ही मोबाइल में कमी को इंगित किया गया और स्वयं परिवादी द्वारा सर्विस सेन्टर ले जाकर दुरूस्त करा लिया गया, जिसकी रसीद पत्रावली पर दस्तावेज सं0 16,17 एवं 18 पर मौजूद है, इसके बावजूद जिला उपभोक्ता मंच द्वारा मोबाइल को बदलने या उसकी कीमत अदा करने का आदेश दिया गया है, जबकि मोबाइल में उत्पाद संबंधी किसी त्रुटि के संबंध में कोई निष्कर्ष नहीं दिया है। जिला उपभोक्ता मंच के निर्णय के अवलोकन से जाहिर है कि मोबाइल में उत्पाद संबंधी त्रुटि के तथ्य को साबित नहीं किया गया है, इसलिए चूंकि उत्पाद संबंधी त्रुटि के तथ्य को साबित नहीं किया गया है। अत: मोबाइल को बदलने या उसकी कीमत वापस लौटाने का आदेश देने का कोई औचित्य नहीं था, यद्यपि मोबाइल को दुरूस्त कराने का आदेश दिया जाना विधिसम्मत था, परंतु चूंकि मोबाइल वर्ष 2008 में विक्रय किया गया है। दिनांक 13.09.2009 को मोबाइल ने काम करना बन्द किया है, इसलिए इस मोबाइल को दुरूस्त कराया जाना संभव नहीं है, इसलिए दुरूस्ती का आदेश भी ससम्पादित नहीं किया जा सकता, परंतु चूंकि मोबाइल काक कुछ समय प्रयोग किया गया है। प्रयोग करने के बाद कीमत 50 प्रतिशत तक कम हो जाती है। अत: इस स्थिति में केवल 2100/रू0 अदा करने का आदेश देना उचित है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि मोबाइल की कीमत 42,00/-रू0 के स्थान पर 2,100/-रू0 अदा किये जायेंगे।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3