Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/3/2016

Shri Prateek Bharati - Complainant(s)

Versus

Rajdhani Telecom & Others - Opp.Party(s)

Shri Avneesh Verma

06 Jul 2018

ORDER

न्यायालय जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम-द्वितीय, मुरादाबाद

परिवाद संख्‍या-03/2016  

प्रतीक भारती पुत्र श्री रामकुमार निवासी लाईनपार चाऊ की बस्‍ती निकट तारों वाली जारत थाना मझोला जिला मुरादाबाद।                …...परिवादी

बनाम

1-राजधानी टेलीकॉम बुद्ध बाजार अपोजिट आन्‍ध्रा बैंक स्‍टेशन रोड मुरादाबाद।

2-मैसर्स माइक्रोसोफ्ट सर्विस सेंटर शाखा सूरज इलेक्‍ट्रोनिक नीम की प्‍याऊ बाजार गंज मुरादाबाद।

3-माइक्रोसोफ्ट कार्पोरेशन इंडिया प्रा.लि. 10वीं मंजिल टावर बी व सी डीएलएफ बिल्डिंग नं.-5(ऐपीटॉम) 105/16 डीएलएफ साइबर सिटी डीएलएफ फेस-III गुड़गांव-122002                                                                                                                                                        ….......विपक्षीगण

वाद दायरा तिथि: 18-12-2016                                                                                                                               निर्णय तिथि: 06.07.2018         

उपस्थिति

श्री पवन कुमार जैन, अध्‍यक्ष

श्री सत्‍यवीर सिंह, सदस्‍य

 (श्री पवन कुमार जैन, अध्‍यक्ष द्वारा उद्घोषित)

निर्णय

  1. इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह अनुतोष मांगा है कि विपक्षीगण से उसे परिवाद के पैरा-1 में उल्लिखित मोबाइल के बदले या तो नया मोबाइल दिलाया जाये अथवा उस मोबाइल का मूल्‍य अंकन-9000/-रूपये विपक्षीगण से उसे दिलाया जाये। अधिवक्‍ता शुल्‍क की मद में अंकन-12000/-रूपये तथा आर्थिक और मानसिक क्षतिपूर्ति की मद में अंकन-12000/-रूपये परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।     
  2. संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं दिनांक 09-4-2015 को परिवादी ने विपक्षी-3 द्वारा निर्मित एक मोबाइल विपक्षी-1 से खरीदा था। मोबाइल की एक साल की वारंटी थी। माह सितम्‍बर, 2015 में मोबाइल की डिसप्‍ले अपने आप चलने लगी तथा मोबाइल चलते-चलते स्विच आफ होने लगा, जिसकी शिकायत परिवादी ने विपक्षी-1 से की। उसके कहने पर परिवादी ने मोबाइल को स्विच आफ करके पूरे दिन चार्जिंग पर लगाया किन्‍तु मोबाइल ने ठीक काम नहीं किया। दिनांक 23-9-2015 को परिवादी ने विपक्षी-1 से पुन: शिकायत की तो परिवादी को मोबाइल सर्विस सेंटर पर दिखाने की सलाह दी गई। परिवादी ने मोबाइल कई बार सर्विस सेंटर पर दिखाया, परिवादी से कहा गया कि इसका साफ्टवेयर उड़ गया है। तीन दिन बाद परिवादी ने मोबाइल विपक्षी-2  से प्राप्‍त किया किन्‍तु मोबाइल में पुरानी समस्‍या बनी रही और सर्विस सेंटर पर कई बार भेजने के बावजूद मोबाइल ठीक नहीं हुआ है, मोबाइल गिराकर इसका टच भी तोड़ दिया है। परिवादी ने यह कहते हुए कि विपक्षी-1 ने उसे डिफक्टिव मोबाइल बेचा है और विपक्षीगण ने उसे सही सेवा प्रदान नहीं की, परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्‍वीकार किये जाने की प्रार्थना की।
  3. परिवाद के साथ परिवादी ने मोबाइल की इंवायस तथा सर्विस सेंटर की जॉबशीट दिनांकित 24.09.2015 की छायाप्रतियों को दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं.-3/5 व 3/6 हैं।
  4. विपक्षी-1 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं.-7/1 लगायत 7/3 दाखिल हुआ, जिसमें यह तो स्‍वीकार किया गया है कि दिनांक 09-04-2015 को परिवादी ने उनके प्रतिष्‍ठान से प्रश्‍नगत मोबाइल खरीदा था किन्‍तु शेष परिवाद कथनों से इंकार किया गया। विपक्षी-1 की ओर से अग्रेत्‍तर कथन किया गया कि मोबाइल की वारंटी निर्माता कंपनी द्वारा प्रदान की जाती है और मोबाइल विक्रय के बाद सेवा प्रदान करने हेतु सर्विस सेंटर-विपक्षी-2 नियुक्‍त है, मोबाइल खरीदने के बाद मोबाइल की शिकायत लेकर परिवादी कभी भी उत्‍तरदाता के पास नहीं आया। उत्‍तरदाता को अनावश्‍यक रूप से पक्षकार बनाया गया है, उक्‍त कथनों के आधार पर विपक्षी-1 ने परिवाद को सव्‍यय खारिज किये जाने की प्रार्थना की।
  5. विपक्षी-2 मोबाइल का सर्विस सेंटर है। विपक्षी-2 की ओर से कहा गया कि जब-जब परिवादी मोबाइल की समस्‍या लेकर उत्‍तरदाता के पाया आया, उसका मोबाइल बिना शुल्‍क लिये ठीक करके परिवादी को वापस किया गया। टच खराब होने के कारण दिनांक 14-10-2015 को परिवादी को मोबाइल बदलकर नया मोबाइल उपलब्‍ध कराया गया, जिसकी प्रविष्टि इंवायस में भी कर दी गई थी। परिवादी का यह कथन असत्‍य है कि विपक्षी-2 के यहां मोबाइल का टच टूट गया था। यह कहते हुए कि अनुचित लाभ प्राप्‍त करने के उद्देश्‍य से परिवादी ने असत्‍य कथनों के आधार पर यह परिवाद योजित किया है, परिवाद को सव्‍यय खारिज किये जाने की प्रार्थना की।
  6. विपक्षी-3 की ओर से तामीला के बावजूद कोई उपस्थित नहीं हुआ। उनकी ओर से प्रतिवाद पत्र भी दाखिल नहीं हुआ। अतएव विपक्षी-3 के विरूद्ध परिवाद की सुनवाई एकपक्षीय की गई।
  7. परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथपत्र कागज सं.-20/1 लगायत 20/2 दाखिल किया, जिसके साथ सर्विस सेंटर की जॉबशीट दिनांकित 24-9-2015 और मोबाइल की इंवायस दिनांकित 09-4-2015 की छायाप्रतियों को बतौर संल्‍गनक दाखिल किया गया, ये प्रपत्र पत्रावली के कागज सं.-20/3 लगायत 20/4 हैं।
  8. विपक्षी-1 की ओर से उनके स्‍वामी श्री शाहनवाज वसी का साक्ष्‍य शपथपत्र दाखिल हुआ।
  9. विपक्षी-2 की ओर से सवर्सि सेंटर के प्रोपराइटर श्री राजीव मेहरोत्रा ने अपना साक्ष्‍य शपथपत्र कागज सं.-23/1 लगायत 23/3 दाखिल किया।
  10. किसी भी पक्ष ने लिखित बहस दाखिल नहीं की।
  11. हमने परिवादी, विपक्षी-2 एवं विपक्षी-2 के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
  12. विपक्षी-3 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।
  13. परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने परिवाद में उल्लिखित कथनों को दोहराते हुए कथन किया कि विपक्षी-2 द्वारा प्रश्‍नगत मोबाइल, जिसका उल्‍लेख परिवाद के पैरा-1 में किया गया है, को विपक्षी-2 ने यद्यपि दिनांक 14-10-2015 को रिप्‍लेस करके परिवादी को नया मोबाइल दे दिया था किन्‍तु बदले में दिया गया दूसरा मोबाइल भी ठीक से काम नहीं कर रहा है और यही कारण है कि परिवादी को यह परिवाद योजित करने के लिए बाध्‍य होना पड़ा है। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने विनम्रतापूर्वक कहा है कि यदि प्रश्‍नगत मोबाइल के बदले में परिवादी को दिया गया मोबाइल ठीक काम कर रहा होता तो परिवादी को यह परिवाद योजित करने की कोई आवश्‍यकता नहीं थी, उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाये जाने की प्रार्थना की।
  14. विपक्षी-2 के विद्वान अधिवक्‍ता ने यह स्‍वीकार किया कि परिवादी को मोबाइल कंपनी ने प्रश्‍नगत मोबाइल के बदले दिनांक 14-10-2015 को नया मोबाइल दे दिया था और नये मोबाइल का ईएमआई नंबर मोबाइल की सेल्‍स इंवायस कागज सं.-3/5 में अंकित कर दिया था। विपक्षी-2 के अधिवक्‍ता का तर्क है कि बदलकर दिये गये दूसरे मोबाइल में क्‍या कमियां हैं, इसका उल्‍लेख परिवाद में नहीं किया गया है, ऐसी दशा में परिवाद में मांगे गये अनुतोष स्‍वीकार नहीं किये जाने चाहिए। विपक्षी-2 की ओर से दिये गये उक्‍त तर्कों में कोई बल नहीं है। परिवादी निरन्‍तर यह कहता आ रहा है कि मोबाइल डिफक्टिव है और उसके उक्‍त कथनों की पुष्टि इस बात से होती है कि विपक्षी-2 ने परिवादी को मोबाइल बदलकर दूसरा मोबाइल दे दिया था, परिवादी के इस तर्क में बल है, यदि बदलकर दिया गया मोबाइल सही काम कर रहा होता तो उसे फोरम का दरवाजा खटखटाने की कोई आवश्‍यकता नहीं थी। मामले के तथ्‍यों  और परिस्थितियों के सम्‍यक् आंकलन के आधार पर हम इस मत के हैं कि सेल्‍स इंवायस की नकल कागज सं.-3/5 में उल्लिखित मोबाइल चूंकि सही काम नहीं कर रहा है, अतएव इस मोबाइल के बदले परिवादी को मोबाइल का मूल्‍य अंकन-9000/-रूपये ब्‍याज सहित विपक्षी-2 व 3 से दिलाया जाना न्‍यायोचित होगा। परिवादी को परिवाद व्‍यय की मद में अंकन-2500/-रूपये अतिरिक्‍त दिलाया जाना भी उचित दिखायी देता है। जहां  तक विपक्षी-1 का प्रश्‍न है, विपक्षी-1 विक्रेता है, उसकी ओर से किसी प्रकार की सेवा प्रदान करने में कोई कमी होना नहीं पाया गया। अतएव विपक्षी-1 का मोबाइल के संदर्भ में अब कोई उत्‍तरदायित्‍व नहीं बनता है। परिवाद उपरोक्‍तानुसार स्‍वीकार होने योग्‍य है।

     आदेश

परिवाद योजित किये जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित अंकन-9000/-रूपये की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादी के पक्ष में विपक्षी-2 व 3 के विरूद्ध स्‍वीकृत किया जाता है। विपक्षी-2 व 3 से परिवादी परिवाद व्‍यय की मद में अंकन-2500/-रूपये अतिरिक्‍त पाने का भी अधिकारी होगा। उक्‍त धनराशि प्राप्‍त करने से पूर्व परिवादी को प्रश्‍नगत मोबाइल वापस करना होगा। इस आदेशानुसार समस्‍त धनराशि का भुगतान परिवादी को एक माह में किया जाये।

 

(सत्‍यवीर सिंह)                                                                                                                                      (पवन कुमार जैन)

  • सदस्‍य                                                                                                                                                              अध्‍यक्ष

आज यह निर्णय एवं आदेश हमारे द्वारा हस्‍ताक्षरित तथा दिनांकित होकर खुले न्‍यायालय में उद्घोषित किया गया।

 

(सत्‍यवीर सिंह)                                                                                                                                     (पवन कुमार जैन)

  • सदस्‍य                                                                                                                                                           अध्‍यक्ष

दिनांक: 06-07-2018

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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