Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/820/2010

TARAK NATH GUPTA - Complainant(s)

Versus

RAJDHANI SEHKARI BANK - Opp.Party(s)

03 Jul 2023

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/820/2010
( Date of Filing : 22 Sep 2010 )
 
1. TARAK NATH GUPTA
.
...........Complainant(s)
Versus
1. RAJDHANI SEHKARI BANK
.
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya PRESIDENT
 HON'BLE MS. Kumar Raghvendra Singh MEMBER
 HON'BLE MS. sonia Singh MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 03 Jul 2023
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।

            परिवाद संख्‍या:-820/2010                                           उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्‍यक्ष।

          श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्‍य।

          श्री कुमार राघवेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।             

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-22.09.2010

परिवाद के निर्णय की तारीख:-03.07.2023

तारक नाथ गुप्‍ता पुत्र स्‍व0 श्री बांके लाल गुप्‍ता निवासी 3/515 विशाल खण्‍ड, गोमती नगर, प0त0 व जिला लखनऊ। व्‍यवसायिक पता-ए-1 विराट मार्केट, विराट खण्‍ड, गोमती नगर, लखनऊ।                             ............परिवादी।

                                                    

बनाम

1.   सचिव/शाखा प्रबन्‍धक, राजधानी नगर, सहकारी बैंक लिमिटेड, शाखा गोमती नगर, लखनऊ।

2.   राजीव गुप्‍ता (बैंक एजेंट) राजधानी नगर, सहकारी बैंक लिमिटेड, शाखा गोमती नगर, लखनऊ।                                 ...........विपक्षीगण।

                                                  

परिवादी के अधिवक्‍ता का नाम:-श्री संदीप श्रीवास्‍तव।

विपक्षी के अधिवक्‍ता का नाम:-श्री अभय कुमार।

आदेश द्वारा-श्री कुमार राघवेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

                               निर्णय

1.   परिवादी ने प्रस्‍तुत परिवाद अन्‍तर्गत धारा 12 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत परिवादी द्वारा विपक्षी के यहॉं जमा धनराशि 30,800.00 रूपये मय ब्‍याज के साथ, भागदौड़, शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक क्षति के लिये 20,000.00 रूपये, अधिवक्‍ता फीस 5,500.00 रूपये एवं वाद व्‍यय 2,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया है।

2.   संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने विपक्षी संख्‍या 02 के माध्‍यम से विपक्षी संख्‍या 01 के यहॉं 200.00 रूपये प्रति दिन की दर से एक रिकरिंग जमा खाता संख्‍या 1195 दिनॉंक 04.09.2009 को खुलवाया था। परिवादी ने दिनॉंक 14.09.2009 से लेकर एक वर्ष के अन्‍दर विपक्षी की बैंक में 30,800.00 रूपये जमा किया, गया। एजेन्‍ट राजीव गुप्‍ता द्वारा परिवादी को प्रतिमाह जमा की गयी धनराशि की रसीद भी दी गयी है, तथा पासबुक भी दी गयी है, जिसकी इन्‍ट्री राजधानी नगर सहकारी बैंक गोमती नगर, लखनऊ द्वारा जारी बैंक पास बुक में है।

3.   परिवादी जमा धनराशि की वापसी के संबंध में जब पासबुक लेकर विपक्षी संख्‍या 01 के यहॉं गया तो संबंधित बैंक अधिकारी द्वारा एक-दो दिन बाद आने को कहा गया। दिनॉंक 08.03.2010 को परिवादी प्रार्थना पत्र के साथ मय पासबुक संबंधित बैंक को दिया तो कापी की पावती पर बैंक के शाखा प्रबन्‍धक ने अपनी मुहर व हस्‍ताक्षर बनाकर वापस कर दिया।

4.   परिवादी दिनॉक 08.03.2010 से लगातार विपक्षी की शाखा में जा रहा है, परन्‍तु धनराशि वापसी के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। बैंक एजेन्‍ट का पता परिवादी को मालूम नहीं है। विपक्षी संख्‍या 02 का पूरा पता बैंक के पास सुरक्षित है मॉंगने पर देते नहीं है।

5.   विपक्षी संख्‍या 01 ने अपना उत्‍तर पत्र प्रस्‍तुत करते हुए कथन किया कि डेली डिपॉजिट स्‍कीम के खाता संख्‍या 1195 पूर्व एजेन्‍ट राजीव गुप्‍ता द्वारा खोला गया था जो एजेन्‍ट द्वारा उनके घर पर बिना किसी बैंक औपचारिकताओं को पूर्ण किए हुए खोला गया था। परिवादी कभी भी बैंक में नहीं आया था। विपक्षी संख्‍या 01 द्वारा बताया गया कि धनराशि 30,800.00 रूपये एजेन्‍ट या उनके प्रतिनिधि द्वारा परिवादी से लेकर उनको रसीद दी गयी है, परन्‍तु वह पैसा कभी भी बैंक में जमा नहीं किया गया है। राजीव गुप्‍ता ने अक्‍टूबर 2009 से बैंक से पत्‍नी की बीमारी का प्रार्थना पत्र देकर कभी वापस बैंक नहीं आया है।

6.   विपक्षी संख्‍या 01 का कथानक है कि परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत बैंक पासबुक व रसीदों का सत्‍यापन कराया गया तो वे फर्जी निकली जो बैंक से जारी नहीं की गयी थी। कुछ रसीदों में राजीव गुप्‍ता तथा कुछ में उनके सहयोगी राजीव कनौजिया द्वारा हस्‍ताक्षर किए गए हैं। सभी दस्‍तावेजों पर गहन जॉंच के उपरान्‍त यह पाया गया कि राजीव गुप्‍ता/राजीव कनौजिया द्वारा फ्राड धोखाधड़ी करके बैंक की साख को भी दॉव पर लगाया गया है। बैंक द्वारा इस धोखा-धड़ी की एफ0आई0आर0 गोमती नगर थाने में दर्ज करायी गयी। थाने द्वारा कोई कार्यवाही न करने पर विपक्षी द्वारा पुलिस अधीक्षक, लखनऊ से भी पत्राचार किया गया है। इसी प्रकार पूर्व एजेन्‍ट राजीव गुप्‍ता द्वारा बैंक की मुंशी पुलिया ब्राच में भी ठीक इसी प्रकार का फ्राड किया गया है, जिसकी एफ0आई0आर0 बैंक द्वारा गाजीपुर थाने में दर्ज करायी गयी है।

7.   विपक्षी का यह भी कथानक है कि परिवादी के परिवाद पत्र में उल्लिखित समस्‍त तथ्‍यों को अनाधिकृत व झूठे तरीके से पेश किया गया है। उसके द्वारा कभी बैंक में कोई धनराशि जमा नहीं की गयी है और न ही कभी जमा की जा रही है। धनराशि वास्‍तव में बैंक में जमा हो रही है का सत्‍यापन किया गया है। पूर्व एजेन्‍ट राजीव गुप्‍ता व उसके सहयोगी राजीव कनौजिया द्वारा उससे पैसा लिया गया है और उसे फर्जी रसीदें व पासबुक दी गयी हैं जिसका कोई रिकार्ड बैंक में दर्ज नहीं है।

8.   परिवादी द्वारा मौखिक साक्ष्‍य में शपथ पत्र तथा दस्‍तावेजी साक्ष्‍य के रूप में बैंक पासबुक, कापी की पॉवती, विपक्षी संख्‍या 02 द्वारा दी गयी रसीदें, आदि दाखिल किया है। विपक्षी की ओर से शपथ पत्र एवं प्रभारी निरीक्षक को लिखा गया पत्र, वरिष्‍ठ पुलिस अ‍धीक्षक को लिखे गये पत्र, प्रथम सूचना रिपोर्ट, आदि दाखिल किया है।

9.   मैंने उभयपक्ष के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया।

10.  परिवादी का कथानक है कि उसने विपक्षी संख्‍या 02 के माध्‍यम से विपक्षी संख्‍या 01 के यहॉं 200.00 रूपये प्रति दिन रिकरिंग जमा धनराशि खाता संख्‍या 1195 दिनॉंक 04.09.2009 को खुलवाया था। परिवादी ने दिनॉंक 14.09.2009 से लेकर एक वर्ष के अन्‍दर विपक्षी की बैंक में 30,800.00 रूपये जमा किया, जिसकी इन्‍ट्री राजधानी नगर सहकारी बैंक गोमती नगर, लखनऊ द्वारा जारी बैंक पास बुक में है।

11.  परिवादी का यह भी कथानक है कि उसने जमा धनराशि की वापसी के संबंध में जब पासबुक लेकर विपक्षी संख्‍या 01 के यहॉं गया तो संबंधित बैंक अधिकारी द्वारा एक-दो दिन बाद आने को कहा गया। दिनॉंक 08.03.2010 को परिवादी प्रार्थना पत्र के साथ मय पासबुक संबंधित बैंक को दिया तो कापी की पावती पर बैंक के शाखा प्रबन्‍धक ने अपनी मुहर व हस्‍ताक्षर बनाकर वापस कर दिया। परिवादी दिनॉक 08.03.2010 से लगातार विपक्षी की शाखा में जा रहा है, परन्‍तु धनराशि वापसी के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।

12.  विपक्षी का कथानक है कि परिवाद पत्र में कहे गये कथन मनगढ़न्‍त तरीके से पेश किये गये हैं, जब कि परिवादी की कोई धनराशि विपक्षी के बैंक में जमा नहीं हुई है। परिवादी की पासबुक व रसीदों का सत्‍यापन कराया गया तो फर्जी निकली जो बैंक से जारी नहीं की गयी हैं। परिवादी द्वारा जो धनराशि राजधानी नगर सहकारी बैंक में जमा की गयी है वह सीधे बैंक में न जमा करके पूर्व एजेन्‍ट श्री राजीव गुप्‍ता व उसके सहयोगी राजीव कनौजिया के यहॉं जमा किया है, तथा रसीदें व पासबुक उनके द्वारा परिवादी को दी गयी है। उसे बैंक द्वारा फर्जी व झूठा बताया गया है, जिसका कोई लेखा-जोखा बैंक में नहीं दर्ज पाया गया है। बैंक द्वारा पूर्व एजेन्‍ट राजीव गुप्‍ता व राजीव कनौजिया के विरूद्ध गोमती नगर तथा गाजीपुर थाने में फ्राड का केस भी दर्ज कराया गया है।

13.  इस प्रकार यह केस धोखा-धड़ी व फ्रॉड का प्रतीत होता है। विपक्षी बैंक द्वारा परिवादी की सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है तथा न ही अनुचित व्‍यापार प्रक्रिया अपनायी गयी है। परिवादी द्वारा कभी भी बैंक जाकर यह तस्‍दीक नहीं की गयी कि वह जो धनराशि एजेन्‍ट श्री राजीव गुप्‍ता को प्रतिमाह दे रहा है वह वास्‍तव में बैंक को प्राप्‍त हो रही है अथवा नहीं। यह परिवादी का दायित्‍व था कि अपने द्वारा जमा की गयी धनराशि के बारे में बैंक से वास्‍तविक सत्‍यापन कर लेता, परन्‍तु उसने एजेन्‍ट पर विश्‍वास किया और उस एजेन्‍ट ने परिवादी के साथ धोखा-धड़ी व फ्रॉड किया। जहॉं धोखा और फ्राड का विवाद है यह एक काम्‍पलैक्‍स प्रश्‍न है।  जहॉं पर धोखा साबित करने के लिये एक्‍सपर्ट ओपिनियन की आवश्‍यकता होगी और एक्‍सपर्ट की राय रिकार्ड पर आने के बाद जिरह की व्‍यवस्‍था है। इसमें जटिल प्रश्‍न सम्मिलित है, अत: प्रस्‍तुत प्रकरण धोखा-धड़ी व फ्रॉड से संबंधित होने के कारण इसका क्षेत्राधिकार इस आयोग में नहीं है। अत: प्रस्‍तुत परिवाद पोषणीय न होने के कारण खारिज किए जाने योग्‍य है।

                        आदेश

 

          परिवादी का परिवाद पोषणीय न होने के कारण खारिज किया जाता है। परिवादी स्‍वतंत्र होगा कि वह किसी सक्षम न्‍यायालय में अपना वाद दा‍यर कर सकता है।

  पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रार्थना पत्र निस्‍तारित किये जाते हैं।

     निर्णय/आदेश की प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाए।

 

(कुमार राघवेन्‍द्र सिंह)    (सोनिया सिंह)                      (नीलकंठ सहाय)

         सदस्‍य              सदस्‍य                         अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                               लखनऊ।          

आज यह आदेश/निर्णय हस्‍ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।

                                   

(कुमार राघवेन्‍द्र सिंह)    (सोनिया सिंह)                      (नीलकंठ सहाय)

         सदस्‍य              सदस्‍य                         अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                               लखनऊ।          

दिनॉंक:-03.07.2023

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MS. Kumar Raghvendra Singh]
MEMBER
 
 
[HON'BLE MS. sonia Singh]
MEMBER
 

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