Chhattisgarh

Raigarh

CC/148/2014

Sanjay Garg - Complainant(s)

Versus

Rajat Grance & Food L.T.D - Opp.Party(s)

I.P. Shrama

24 Mar 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMAR DISPUTES REDRESSAL FORUM
RAIGARH C.G.
 
Complaint Case No. CC/148/2014
 
1. Sanjay Garg
Raigarh
Raigarh
Chhattisgarh
...........Complainant(s)
Versus
1. Rajat Grance & Food L.T.D
Raigarh
Raigarh
Chhattisgarh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SANMAN SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MS. DR. HEMLATA SINGH MEMBER
 HON'BLE MR. SUBHAS PANDAY MEMBER
 
For the Complainant:I.P. Shrama, Advocate
For the Opp. Party: K. Thavata, Advocate
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम,रायगढ़(छ0ग0)

        

 

समक्षः सनमान सिंह, अध्यक्ष                    प्रकरण क्रमांक-148/2014             

      सुभाष पाण्डेय, सदस्य                         संस्थित दिनांक-29.09.2014

               

 

               

 

संजय गर्ग आ0 स्व0 देवराज गर्ग,

निवासी-जिंदल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड

खरसिया रोड, रायगढ़ (छ0ग0) .......                ..........आवेदक/परिवादी

                   

 

 

    

//वि     रू     द्ध//

 

 

 

रजत गे्रन्स एण्ड फुड्स प्रा0 लिमिटेड,

एस.बी.आई.कोतरा रोड ब्रांच के सामने, रायगढ़

तह0 व जिला रायगढ़

द्वारा-डायरेक्टर सुभाष अग्रवाल

दी बिल्डर/डेव्लेपर्स कम आनर....                .... अनावेदक/विरूद्ध पार्टी

 

                                                आवेदक/परिवादी द्वारा श्री आई0पी0शर्मा, अधिवक्ता।

                                                अनावेदक/विरूद्ध पार्टी द्वारा श्री वाई.के.षड़ंगी, अधिवक्ता।

 

                                                       (आ  दे  श)

                                          (आज दिनांक 24/03/2015 को पारित)

 

 

सनमान सिंह, अध्यक्ष

 

1/               आवेदक/परिवादी ने ग्राम खैरपुर में निर्माणाधीन ग्रीन व्यू मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के प्रथम तल फ्लैट नं.बी-106 का अनुबंध के अनुसार 18 माह में पूर्ण कर आधिपत्य नहीं दिये जाने के फलस्वरूप उसके द्वारा भुगतान की गई 12,00,000/-रूपये का ब्याज एवं मानसिक क्षतिपूर्ति सहित कुल 8,62,924/-रूपये अनावेदक/विरूद्ध पार्टी से दिलाये जाने बाबत् धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिानियम 1986 के अन्तर्गत प्रस्तुत परिवाद का निवर्तन किया जा रहा है।

 

2/               आवेदक/परिवादी का परिवाद संक्षिप्त में इस प्रकार है कि  अनावेदक/विरूद्ध पार्टी द्वारा ग्राम खैरपुर  में ग्रीन व्यू मल्टी स्टोरी बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। जिसका प्रथम तल फ्लैट नं.बी-106 दिनांक 23.12.2011 को 2,00,000/-रूपये नगद देकर बुक किया गया। जिसका अनुबंध  दिनांक  07.02.2012 को उभयपक्ष के बीच निष्पादित किया गया। अनुबंध के अनुसार फ्लैट का अंतिम  निर्माण हो  जाने व  कब्जा  देते समय 14,21,000/-रूपये भुगतान किया जाना था।  अनुबंध  के अनुसार  आवेदक/परिवादी द्वारा दिनांक 23.03.2012 को 2,00,000/-रूपये, दिनांक  28.10.2012 को 2,00,000/-रूपये, दिनांक 11.03.2013 को 2,00,000/-रूपये, दिनांक 12.11.2013 को 2,00,000/-रूपये,  दिनांक  30.06.2014 को 2,00,000/-रूपये  इस  तरह कुल

 

(2)

 

12,00,000/-रूपये भुगतान किया गया। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी को अनुबंध शर्त के अनुसार फ्लैट का निर्माण पूर्ण कर 18 माह की अवधि में कब्जा देकर रजिस्ट्री कराना था, किन्तु अनावेदक/विरूद्ध पार्टी 18 माह के भीतर फ्लैट का निर्माण पूर्ण न कर कब्जा नहीं दिया गया। आवेदक/परिवादी द्वारा दिनांक 30.06.2014 तक 12,00,000/-रूपये भुगतान किया गया है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी द्वारा कब्जा न दिये जाने के फलस्वरूप आवेदक/परिवादी को 2,35,924/-रूपये ब्याज का नुकसान हुआ। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी द्वारा 18 माह के भीतर फ्लैट का निर्माण कर कब्जा न दिये जाने के फलस्वरूप आवेदक/परिवादी को 9,000/-रूपये मासिक दर से 13 माह का मकान किराया  1,17,000/-रूपये की क्षति हुई। 5,00,000/-रूपये मानसिक क्षतिपूर्ति, 10,000/-रूपये नोटिस व्यय सहित कुल 8,62,924/-रूपये दिलाये जाने बाबत् यह परिवाद प्रस्तुत किया है।

 

3/               अनावेदक/विरूद्ध पार्टी की ओर से जवाब में बताया गया है कि आवेदक/परिवादी फ्लैट नं.बी-106 बुक कराया था और बुकिंग राशि 2,00,000/-रूपये भुगतान किया था। दिनांक 05.02.2012 को अनुबंध निष्पादित किया था। अनुबंध के अनुसार अंतिम निर्माण हो जाने एवं कब्जा देने के पश्चात् 14,21,000/-रूपये भुगतान नहीं करना था, बल्कि अनुबंध में ही भुगतान अनुसूची दी गई है। जिसके अनुसार राशि का भुगतान किया जाना था। अनुसूची डी में दर्शित अनुसार प्रथम स्टेज प्लीन्थ लेबल का कार्य दिनांक  16.03.2012 को पूर्ण हो चुका था, किन्तु आवेदक/परिवादी द्वारा  दिनांक 22.03.2012 को 2,00,000/-रूपये भुगतान किया। प्रथम स्टेज ग्राण्उड फ्लोर स्लेब का कार्य दिनांक 30.09.2012 को पूर्ण हो चुका था, किन्तु दिनांक 01.11.2012 को 2,00,000/-रूपये भुगतान किया। द्धितीय  स्टेज प्रथम फ्लोर स्लेब का कार्य दिनांक 06.02.2013 को पूर्ण हो चुका था, किन्तु दिनांक 11.03.2013 को 2,00,000/-रूपये भुगतान किया। तृतीय स्टेज द्धितीय फ्लोर स्लेब का कार्य दिनांक 06.02.2013 को पूर्ण हो चुका था, किन्तु दिनांक  12.11.2013 को 2,00,000/-रूपये भुगतान किया। चतुर्थ स्टेज तृतीय फ्लोर स्लेब का  कार्य दिनांक  06.02.2013 को  पूर्ण हो चुका था,  किन्तु दिनांक 30.06.2014 को 2,00,000/-रूपये भुगतान किया। पंचम स्टेज चतुर्थ एवं पंचम  फ्लोर स्लेब का कार्य दिनांक 10.10.2013 को पूर्ण हो चुका था, किन्तु आज तक आवेदक/परिवादी अनुबंध के अनुसार चतुर्थ एवं पंचम स्टेज की राशि का भुगतान नहीं किया गया।

 

4/               आवेदक/परिवादी को आवंटित फ्लैट नं.बी-106 का निर्माण अंतिम स्टेज दिनांक 15.07.2014 को पूर्ण हो चुका था। आवेदक/परिवादी उक्त दिनांक तक 14,21,000/-रूपये भुगतान करना था, किन्तु आवेदक/परिवादी द्वारा शेष राशि 2,21,000/-रूपये आज तक भुगतान नहीं किया। कार्य पूर्णतः के पश्चात् अनुबंधकर्ताओं को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी के कर्मचारियों द्वारा टेलीफोन व एस.एम.एस. से भी सूचित किया गया। 55 अनुबंधकर्ताओं द्वारा दिनांक 03.12.2014 तक अनुबंध किये गये फ्लैट का विक्रय पत्र निष्पादित कराकर फ्लैट  का कब्जा  प्राप्त कर लिया,  किन्तु  आवेदक/परिवादी सूचना प्राप्त होने के बाद भी न तो बकाया राशि भुगतान किया और न ही फ्लैट का कब्जा लेने आया। अनुबंध के शर्त क्र.3 के अनुसार अनावेदक/विरूद्ध पार्टी आवेदक/परिवादी को शेष राशि भुगतन हेतु नोटिस  देने के लिए पाबंद नहीं था, बल्कि आवेदक/परिवादी का दायित्व था कि वह बकाया राशि भुगतान समय पर करता। बकाया राशि भुगतान करने में आवेदक/परिवादी असफल रहा है,  इसलिए  वह  बकाया राशि पर 24  प्रतिशत  वार्षिक  दर  से ब्याज  देने  के  लिए  उत्तरदायी  है।  अनुबंध  शर्त

 

                                                 (3)

 

के अनुसार आवेदक/अनुबंधकर्ता राशि भुगतान करने में असफल रहता है तो अनुबंध स्वतः विखंडित हो जाता है और उभयपक्ष के बीच अनुबंध का प्रभाव समाप्त हो जाता है।

 

5/               आवेदक/परिवादी द्वारा बकाया राशि भुगतान करने में असफल रहने के फलस्वरूप अनुबंध विखंडित हो गया। ऐसी स्थिति में आवेदक/परिवादी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी से उसके द्वारा जमा की गई राशि पर किसी प्रकार का ब्याज पाने का अधिकारी नहीं है, बल्कि अनावेदक/विरूद्ध पार्टी आवेदक/परिवादी द्वारा जमा की गई राशि में से 5 प्रतिशत कटौती पश्चात् शेष राशि आवेदक/परिवादी को वापस कर सकता है। आवेदक/परिवादी द्वारा सम्पूर्ण देय राशि भुगतान करने के बाद भी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी अनुबंध के अनुसार 24 माह के भीतर फ्लैट का निर्माण नहीं करता है तो उस स्थिति में ही अनावेदक/विरूद्ध पार्टी से 12 प्रतिशत दर से ब्याज पाने का अधिकारी है। आवेदक/परिवादी को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी द्वारा नोटिस देकर साईट पर बुलाया गया तथा फ्लैट दिखाया गया। आवेदक/परिवादी फ्लैट देखकर बकाया राशि भुगतान करने का आश्वासन दिया था। उसके बाद भी न तो राशि भुगतान किया और न ही कब्जा प्राप्त कर विक्रय पत्र निष्पादित कराया है। आवेदक/परिवादी द्वारा बुक किये गये फ्लैट का निर्माण अनुबंध के अनुसार अनुबंध दिनांक से 18 माह  पूर्व ही पूर्ण हो चुका है। ऐसी स्थिति में आवेदक/परिवादी भुगतान की गई राशि पर ब्याज या अन्य अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है। परिवाद निरस्त किया जावे।

 

 

6/               उभयपक्ष की ओर से प्रस्तुत लिखित तर्क एवं दस्तावेजों का अवलोकन किया गया।

 

 

7/               आवेदक/परिवादी की ओर से अनुबंध पत्र दिनांक 07.02.2012, अनावेदक/विरूद्ध पार्टी को नोटिस दिनांक 26.07.2014 मय ब्याज गणना पत्रक, लोन एकाउन्ट की छायाप्रति, नगद जमा रसीद दिनांक 28.10.2012, 23.12.2011 एवं फ्लैट बुकिंग फार्म, कोरियर रसीद सहित समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।

 

 

8/               उक्त दस्तावेजों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदक/परिवादी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी द्वारा खैरपुर में निर्माणाधीन ग्रीन व्यू मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में प्रथम तल फ्लैट नं.बी-106  दिनांक 23.12.2011 को 2,00,000/-रूपये नगद देकर बुक कराया था। आवेदक/परिवादी एवं  अनावेदक/विरूद्ध पार्टी के बीच उक्त फ्लैट के संबंध में दिनांक 07.02.2012 को अनुबंध पत्र (एग्रीमेंट) निष्पादित किया गया था। आवेदक/परिवादी ने दिनांक 26.07.2014 को निर्माणाधीन फ्लैट 18 माह में पूर्ण न करने के फलस्वरूप उसके द्वारा भुगतान की गई राशि मय ब्याज मांग करते हुए नोटिस प्रेषित किया था। आवेदक/परिवादी को भारतीय स्टेट बैंक से फ्लैट नं.बी-106 क्रय करने हेतु लोन स्वीकृत किया था। भारतीय स्टेट बैंक द्वारा विभिन्न तिथियों पर आवेदक/परिवादी को निर्माणाधीन फ्लैट की राशि भुगतान की गई है। आवेदक/परिवादी द्वारा दिनांक 28.10.2012 को 2,00,000/-रूपये एवं  23.12.2011 को 2,00,000/-रूपये भुगतान की गई की रसीद प्रस्तुत किया है। फ्लैट नं बी-106 की बुकिंग एपलीकेशन फार्म आवेदक/परिवादी द्वारा भरा गया था।

 

 

 

                                           (4)

 

9/       आवेदक/परिवादी की ओर से लिखित तर्क में बताया गया है कि आवेदक/परिवादी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी से अनुबंध के शर्त के अनुसार प्रथम तल फ्लैट नं.बी-106 बुक कराया था। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी उक्त फ्लैट अनुबंध

शर्त के अनुसार निर्धारित अवधि में निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया, यदि निर्माण कार्य पूरा किया गया होता आवेदक/परिवादी को नोटिस देकर सूचित करता। जिससे स्पष्ट है कि अनावेदक/विरूद्ध पार्टी द्वारा फ्लैट बी-106 का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया गया। आवेदक/परिवादी का यह भी तर्क है कि अनावेदक/विरूद्ध पार्टी  की ओर से प्रकरण में क्रेताओं का रजिस्ट्री की छायाप्रति प्रस्तुत किया है। उसमें प्रथम तल बी ब्लाक में केवल 06 फ्लैट हैं जिसमें से बी-106 आवेदक/परिवादी का है। बी ब्लाक के कोई भी फ्लैट का निर्माण कार्य नहीं हुआ है, यदि हुआ होता तो अनावेदक/विरूद्ध पार्टी द्वारा बी ब्लाक के किसी भी फ्लैट का रजिस्ट्री प्रस्तुत करता।

 

 

10/             आवेदक/परिवादी का यह भी तर्क है कि जहां तक अनुबंध शर्त के अनुसार किश्तों का भुगतान समय पर न किये जाने का प्रश्न है। आवेदक/परिवादी फ्लैट क्रय करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक जे.एस.पी.एल.पतरापाली ब्रांच से 10,00,000/-रूपये ऋण प्राप्त किया है। बैंक द्वारा ऋण की किश्त कार्य प्रगति के आधार पर जारी किया जाता है। जैसे-जैसे कार्य की प्रगति प्रस्तुत किया जाता है। उसी अनुसार बैंक किश्त का भुगतान करती है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी आवेदक/परिवादी पर किश्त भुगतान समय पर न करने विलंब किये जाने का आरोप लगाया है, किन्तु इस संबंध में अनावेदक/विरूद्ध पार्टी की ओर से लिखित नोटिस नहीं दिया गया है और न ही बैंक को नोटिस दिया गया है। जिससे स्पष्ट है कि अनावेदक/विरूद्ध पार्टी सेवा को छिपाने के लिए आवेदक/परिवादी पर झूठा आरोप लगाया है। आवेदक/परिवादी का यह भी तर्क है कि फ्लैट का निर्माण कार्य अनावेदक/विरूद्ध पार्टी द्वारा निर्धारित अवधि में पूर्ण नहीं किया गया, इसलिए अनावेदक/विरूद्ध पार्टी के विरूद्ध परिवाद प्रस्तुत किया है। आवेदक/परिवादी 14,21,000/-रूपये में से 12,00,000/-रूपये भुगतान कर चुका है। केवल 2,21,000/-रूपये बकाया है।

 

11/             आवेदक/परिवादी का यह भी तर्क है कि दिनांक 07.02.2012 को आवेदक/परिवादी एवं अनावेदक/विरूद्ध पार्टी के बीच फ्लैट के संबंध में अनुबंध हुआ था। जिसके अनुसार 18 माह में फ्लैट का निर्माण पूर्ण कर कब्जा प्रदान किया जाना था। आवेदक/परिवादी दिनांक 26.07.2014 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी को नोटिस प्रेषित कर उसके द्वारा फ्लैट हेतु भुगतान की गई राशि पर दिनांक 31.07.2014 तक 2,14,259/-रूपये ब्याज की मांग करते हुए नोटिस प्रेषित किया था। जिसका जवाब अनावेदक/विरूद्ध पार्टी द्वारा नहीं दिया गया। आवेदक/परिवादी का यह भी तर्क है कि यदि किसी भी परिस्थिति में 18 माह के भीतर निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होता है तो 24 माह के भीतर निर्माण कार्य पूर्ण कर फ्लैट का कब्जा दिया जाना चाहिए, यदि 24 माह के भीतर कब्जा देने में असफल रहता है तो फ्लैट हेतु भुगतान की गई राशि पर 12 प्रतिशत ब्याज आवेदक/परिवादी पाने का अधिकारी है। अंत में आवेदक/परिवादी का यह भी तर्क है कि अनावेदक/विरूद्ध पार्टी अनुबंध शर्त के अनुसार निर्धारित अवधि में फ्लैट का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया है, इसलिए अनावेदक/विरूद्ध पार्टी से उसके द्वारा भुगतान  की  गई 12,00,000/-रूपये  पर 2,35,924/-रूपये ब्याज,

 

 

                                                 (5)

 

9,000/-रूपये प्रतिमाह की दर से 13 माह का किराया 1,17,000/-रूपये, मानसिक क्षतिपूर्ति व नोटिस व्यय सहित 8,62,924/-रूपये दिलाये जाने का अनुतोष चाहा है।

 

12/             अनावेदक/विरूद्ध पार्टी की ओर से 63 क्रेताओं के विक्रय पत्र दिनांक  07.07.2014 से 12.12.2014 की छायाप्रति, बैंक से वित्तीय ऋण हेतु विभिन्न स्तरों पर निर्माण कार्य पूर्ण होने के संबंध में कार्य प्रगति के अनुरूप आर्किटेक्ट का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है।

 

 

13/             अनावेदक/विरूद्ध पार्टी की ओर से लिखित तर्क में बताया है कि आवेदक/परिवादी अनुबंध के शर्त के अनुसार प्रथम तल फ्लैट नं.बी-106 बुक कराया था। बुकिंग राशि 2,00,000/-रूपये भुगतान किया था। दिनांक   05.02.2012 को फ्लैट के संबंध में अनुबंध निष्पादित किया गया था। अनुबंध के साथ संलग्न अनुसूची के अनुसार राशि भुगतान करना था। आवेदक/परिवादी द्वारा अनुबंध शर्त का पालन नहीं किया गया। समय पर किश्त का भुगतान नहीं किया गया। प्रथम स्टेज प्लीन्थ लेबल का कार्य दिनांक  16.03.2012 को पूर्ण हो चुका था, किन्तु आवेदक/परिवादी द्वारा  दिनांक 22.03.2012 को भुगतान किया। प्रथम स्टेज ग्राण्उड फ्लोर स्लेब का कार्य दिनांक 30.09.2012 को पूर्ण हो चुका था, किन्तु दिनांक 01.11.2012 को भुगतान किया। द्वितीय स्टेज प्रथम फ्लोर स्लेब का कार्य दिनांक 06.02.2013 को पूर्ण हो चुका था, किन्तु दिनांक 11.03.2013 को भुगतान किया। तृतीय स्टेज द्धितीय फ्लोर स्लेब का कार्य दिनांक 06.02.2013 को पूर्ण हो चुका था, किन्तु दिनांक  12.11.2013 को भुगतान  किया। चतुर्थ स्टेज तृतीय फ्लोर स्लेब का कार्य दिनांक 06.02.2013 को पूर्ण हो चुका था, किन्तु दिनांक 30.06.2014 को भुगतान किया। पंचम स्टेज चतुर्थ एवं पंचम फ्लोर का कार्य दिनांक 10.10.2013 को पूर्ण हो चुका था,  किन्तु  आज  तक आवेदक/परिवादी  अनुबंध  के अनुसार चतुर्थ एवं पंचम स्टेज की राशि का भुगतान नहीं किया गया। आवेदक/परिवादी को आवंटित बी-106 फ्लैट  का निर्माण का अंतिम स्टेज दिनांक 15.07.2014 को पूर्ण हो चुका था। आवेदक/परिवादी द्वारा 14,21,000/-रूपये भुगतान करना था, किन्तु आवेदक/परिवादी द्वारा दिनांक 30.06.2014 तक केवल 12,00,000/-रूपये भुगतान किया शेष राशि 2,21,000/-रूपये आज तक भुगतान नहीं किया गया।                         

14/             अनावेदक/विरूद्ध पार्टी का यह भी तर्क है कि उसके कर्मचारियों द्वारा दूरभाष व एस.एम.एस. से कार्य पूर्ण होने की सूचना दिये जाने पर 55 अनुबंधकर्ताओं द्वारा दिनांक 03.12.2014 को अनुबंध किये गये फ्लैट का विक्रय पत्र निष्पादित कराकर कब्जा प्राप्त कर लिया है, किन्तु आवेदक/परिवादी सूचना प्राप्त होने के बाद भी न तो बकाया राशि भुगतान किया और न ही कब्जा प्राप्त किया है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी का यह भी तर्क है कि अनुबंध की कंडिका-3 के अनुसार अनावेदक/विरूद्ध पार्टी आवेदक/परिवादी को नोटिस देने के लिए पाबंद नहीं है। आवेदक/परिवादी यदि समय पर बकाया राशि भुगतान करने में असफल रहता है तो अनुबंध के अनुसार बकाया देय राशि पर 24 प्रतिशत ब्याज भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है। अनुबंध शर्त के अनुसार आवेदक/परिवादी बकाया राशि भुगतान करने में असफल रहने के फलस्वरूप अनुबंध विखंडित हो गया। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी का यह भी तर्क है कि उसका प्रोजेक्ट भारतीय स्टेट बैंक से ऋण प्राप्त कर बनाया गया है। बैंक ऋण राशि किश्तों में ऋणी द्वारा विभिन्न चरणों का निर्माण कार्य पूरा करने के आधार पर जारी करता है।  ऋण की अगली

 

                                                 (6)

 

किश्त प्राप्त करने के लिए ऋणी को संबंधित इंजीनियर से प्रमाण पत्र प्राप्त करना

होता है। जिसके अंतर्गत विभिन्न चरणों के निर्माण के अवलोकन एवं उस चरण के कार्य पूर्ण होने पर ही बैंक द्वारा अगली किश्त प्रदान किया जाता है। बैंक द्वारा निर्माण के विभिन्न चरणों के पूर्ण होने पर ही किश्त प्रदान किया गया है।

 

15/             अनावेदक/विरूद्ध पार्टी का यह भी तर्क है कि अनुबंध शर्त संलग्न अनुसूची डी के अनुसार ही आवेदक/परिवादी को राशि भुगतान किया जाना था, किन्तु आवेदक/परिवादी अनुसूची डी के अनुसार किश्त राशि का भुगतान नहीं किया। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी का यह भी तर्क है कि आवेदक/परिवादी अनुबंध शर्त का पालन नहीं किया है। अनुबंध के शर्त के अनुसार अनुबंध विखंडित हो गया है, इसलिए आवेदक/परिवादी उसके द्वारा भुगतान की गई राशि पर ब्याज पाने का अधिकारी नहीं है, बल्कि अनावेदक/विरूद्ध पार्टी आवेदक/परिवादी द्वारा जमा की गई राशि  पर 5 प्रतिशत कटौती कर आवेदक/परिवादी को वापस कर सकता है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी का यह भी तर्क है कि आवेदक/परिवादी को आवंटित फ्लैट का निर्माण अनुबंध दिनांक से 18 माह के पूर्व ही पूर्ण हो चुका था। आवेदक/परिवादी को साईट पर बुलाकर फ्लैट दिखाया था। आवेदक/परिवादी फ्लैट देखकर संतुष्ट होकर बकाया राशि भुगतान कर फ्लैट का कब्जा लेने व उसका रजिस्ट्री कराने का आश्वासन दिया था, किन्तु आज तक आवेदक/परिवादी बकाया राशि भुगतान नहीं किया, इसलिए आवेदक/परिवादी द्वारा भुगतान की गई राशि पर ब्याज पाने का अधिकारी नहीं है, बल्कि अनावेदक/विरूद्ध पार्टी अनुबंध शर्त-3 के अनुसार राशि भुगतान करने में विफल रहने के फलस्वरूप आवेदक/परिवादी से बकाया राशि पर 24 प्रतिशत ब्याज पाने का अधिकारी है। आवेदक/परिवादी व अनावेदक/विरूद्ध पार्टी के बीच निष्पादित अनुबंध आवेदक/परिवादी द्वारा बकाया राशि भुगतान न करने के फलस्वरूप विखंडित/समाप्त हो चुका है।

 

16/             अंत में अनावेदक/विरूद्ध पार्टी का यह भी तर्क है कि जितने क्रेताओं द्वारा प्रोजेक्ट का फ्लैट बुक कराया था। उन्होंने दिनांक 12.12.2014 तक कब्जा प्राप्त कर विक्रय पत्र निष्पादित करा लिये हैं। इसमें से 30 क्रेता परिवार के साथ फ्लैट में रहने लगे हैं। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी द्वारा किसी प्रकार की सेवा में कमी नहीं की गई है। परिवाद निरस्त किया जावे।

 

17/             आवेदक/परिवादी की ओर से प्रस्तुत अनुबंध दिनांक 07.02.2012 के कंडिका-3 में यह शर्त है कि- That the Second part Purchaser shall pay the balance consideration amount as agreed upon. The First part builder shall not have any obligation to serve any demand notice for payment of the balance consideration amount. अतः उक्त शर्त से स्पष्ट है कि आवेदक/परिवादी द्वारा बकाया  राशि का भुगतान नहीं करने पर अनावेदक/विरूद्ध पार्टी द्वारा नोटिस दिये जाने की आवश्यकता नहीं थी, बल्कि आवेदक/परिवादी को स्वतः ही अनुसूची डी के अनुसार शेष राशि भुगतान करना था।

 

18/             अनुबंध में यह शर्त है कि आवेदक/परिवादी द्वारा किश्त राशि भुगतान न करने पर उभयपक्ष की बीच निष्पादित अनुबंध स्वतः समाप्त हो जायेगा- In the event the prospective purchaser continues to remain as defaulter of the payment  of balance consideration amount as fixed and settled as per the payment schedule irrespective of any compelling circumstances. the agreement shall be stand automatically revoked.

 

                                                            (7)

 

19/             आवेदक/परिवादी के अनुसार अनावेदक/विरूद्ध पार्टी द्वारा अनुसूची डी शेड्युल में दर्शाये अनुसार कार्य पूर्ण न किये जाने के फलस्वरूप राशि भुगतान नहीं किया। आवेदक/परिवादी बैंक से ऋण प्राप्त कर फ्लैट क्रय किया है। बैंक कार्य प्रगति के आधार पर ही ऋण किश्त जारी करती है, जबकि अनावेदक/विरूद्ध पार्टी के अनुसार अनुसूची डी में दर्शाये पंचम स्टेज व चतुर्थ फ्लोर स्लेब का कार्य  दिनांक 10.10.2013 को पूर्ण हो गया था, किन्तु आवेदक/परिवादी द्वारा बकाया किश्त राशि भुगतान नहीं किया गया, इसी तरह अंतिम निर्माण कार्य दिनांक 15.07.2014 को पूर्ण हो गया था। उक्त दिनांक तक केवल 14,21,000/-रूपये भुगतान किया जाना था, किन्तु आवेदक/परिवादी दिनांक 30.06.2014 तक मात्र 12,00,000/-रूपये भुगतान किया है। शेष राशि 2,21,000/-रूपये भुगतान नहीं किया है। आवेदक/परिवादी 12,00,000/-रूपये पर उस स्थिति में ही ब्याज पाने का अधिकारी होता जब उसके द्वारा सम्पूर्ण अनुबंध राशि 14,21,000/-रूपये भुगतान कर दिया गया होता।

 

20/             आवेदक/परिवादी का यह तर्क स्वीकार योग्य नहीं है कि प्रथम तल फ्लैट बी-106 का निर्माण कार्य आज तक पूर्ण नहीं होने के कारण ही अनावेदक/विरूद्ध पार्टी बी ब्लाक की रजिस्ट्री प्रस्तुत नहीं किया है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी की ओर से प्रस्तुत क्रेताओं की सूची में ।ण्ठण्ब्ण् ब्लाक के क्रेताओं की रजिस्ट्री प्रस्तुत की गई है। बी ब्लाक के अन्य क्रेताओं ने भी रजिस्ट्री करा लिया गया है। ऐसी स्थिति में मात्र बी ब्लाक के आवेदक/परिवादी के फ्लैट बी-106 का निर्माण कार्य पूर्ण न होने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी दिनांक 16.03.2012 से 01.08.2014 तक ऋण राशि रीलिज करने हेतु बैंक को पत्र लिखा है। कार्य प्रगति के संबंध में आर्किटेक्ट के प्रतिवेदन से भी स्पष्ट है कि आवेदक/परिवादी को आवंटित फ्लैट बी-106 का निर्माण कार्य पंचम व चतुर्थ स्टेज दिनांक 10.10.2013 तथा अंतिम स्टेज निर्माण कार्य दिनांक 15.07.2014 तक पूर्ण हो चुका था। हम लोगों की राय में आवेदक/परिवादी अनुसूची डी के अनुसार. 5th Stage 4th Floor Slab Rs.2,00,000/- Final Completion/Hand Over Rs. 21,000/-  बकाया राशि भुगतान करने में असफल रहा है। ऐसी स्थिति में उसके द्वारा भुगतान की गई राशि पर ब्याज तथा अन्य कोई अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है। अतः आवेदक/परिवादी का परिवाद निरस्त किया जाता है। उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।

 

 

 

 

 

(सनमान सिंह)                                                                     (सुभाष पाण्डेय)  

 अध्यक्ष                                                                                   सदस्य                                                     

                                                                             

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