Rajasthan

Ajmer

CC/292/2014

SUDHA NAGLA - Complainant(s)

Versus

RAJASTHAN HOUSING BOARD - Opp.Party(s)

ADV.RAMPAL SHARMA

22 Jun 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/292/2014
 
1. SUDHA NAGLA
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. RAJASTHAN HOUSING BOARD
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Gautam prakesh sharma PRESIDENT
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण         अजमेर

श्रीमति सुधा नागला पत्नि श्री आलोक उपाध्याय, उम्र- वयस्क, निवासी- 603-ए/3, हरीनगर, लोहागल रोड, ष्षास्त्रीनगर, अजमेर हाल निवासी- डा.दामोदर जोषी, तम्बाकु गली, तेजाजी चैक, ब्यावर, जिला-अजमेर । 
                                                             प्रार्थी

                            बनाम

राजस्थान आवासन मतण्डल जरिए आवासीय अभियंता, राजस्थान आवासन मण्डल, वैषाली नगर, अजमेर । 

                                                           अप्रार्थी 
                    परिवाद संख्या 292/2014

                            समक्ष
                   1.  गौतम प्रकाष षर्मा    अध्यक्ष
           2. श्रीमती ज्योति डोसी   सदस्या

                           उपस्थिति
                  1.श्री रामपाल षर्मा, अधिवक्ता, प्रार्थीया
                  2.श्री उमाकान्त अग्रवाल,अधिवक्ता अप्रार्थी 

                              
मंच द्वारा           :ः- आदेष:ः-      दिनांकः- 22.06.2015

1.        परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि   प्रार्थीया ने अप्रार्थी  मण्डल की आवासीय योजना गढी थोरियान ब्यावर में मध्यम आय वर्ग ब में आवास आवंटन हेतु  आवेदन करते हुए आवास की  अनुमानित लागत रू. 25,30,000/- की 10 प्रतिषत पंजीकृत राषि रू0 2,53,000/- दिनांक 21.2.2013 को जमा कराई ।  दिनंाक 21.2.2013 को  अप्रार्थी मण्डल द्वारा निकाली गई लाॅटरी में प्रार्थीया के  नाम आवास संख्या 5-एम.बी.39 का आवंटन  किया गया  । तत्पष्चात्  प्रार्थीया ने  आवंदन की विवरिणीेका की तालिका संख्या 4 में वर्णित 4 किष्ते 22.5 प्रतिषत की दर से राषि रू. 5,69,250/- प्रति किष्त के हिसाब  से  क्रमषः दिनांक 16.8.2013, 8.11.2013, 13.11.2014 व 8.5.2014 को राषि रू. 22,77,000/- जमा कराई । इस प्रकार उसने अप्रार्थी के यहा  10 प्रतिषत पंजीककरण राषि सहित कुल राषि रू. 25,30,000/- जमा करा दिए ।  अप्रार्थी मण्डल द्वारा सेवाकर(सर्विस टैक्स) की राषि  मांगे जाने पर रू.

 78,177/- भी  जमा करा दिए । 
    प्रार्थीया का कथन है कि  अप्रार्थी मण्डल ने अलोटमेंट पजेषन लेटर संख्या 4588 दिनांक 12.9.2014 भेजते हुए  आवास की लागत रू. 25,30,000/- से बढाते हुए रू. 41,40,447/- कर बकाया राषि रू. 16,58,976/- 30 दिन में जमा कराने को कहा ।   अप्रार्थी मण्डल ने प्रार्थीया को आवंटित आवास के भूखण्ड की लागत रू. 8060/- प्रति वर्गमीटर  तथा अतिरिक्त भूमि की लागू रू. 12,090/- प्रति वर्गमीटर निर्धारित कर दी जबकि  अप्रार्थी मण्डल के जयपुर के कार्यालय आदेष क्रमांक  17.10.2012 के क्रम संख्या 15  के अनुसार गढी थोरियान, ब्यावर में आवासीय मध्यम वर्ग की कीमत रू. 3990/- प्रति वर्ग मीटर  निर्धारित करते हुए दिनांक 1.10.2012 से 30.6.2013 तक  उक्त दर प्रभावी रखी जबकि प्रार्थीया ने  अप्रार्थी मण्डल के यहां आवास हेतु दिनंाक  21.2.2013 को  ही पंजीकरण करवा दिया था ।  इस प्रकार  प्रार्थीया के  उक्त आवास के भूखण्ड लागू रू. 3990/- प्रतिवर्ग मीटर की दर से  162/- वर्ममीटर के रू. 5,81,580/- तथा अतिरिक्त  भूमि के  24.12. वर्गमीटर के रू. 5385/-  की दर से रू. 1,29,886/- कुल रू. 7,11,466/- ही बनते है किन्तु  अप्रार्थी ने  अनुचित व्यापार व्यवहार अपनाते हुए  कार्यालय आदेष दिनांक  7.8.2013 के द्वारा  रू. 15,97,331/- निर्धारित कर  रू. 8,85,865/- अधिक तय कर दिए ।  अप्रार्थी मण्डल के उक्त कृत्य को सेवा में कमी बतलाते हुए परिवाद पेष कर  उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । 
2.    अप्रार्थी आवासन मण्डल ने जवाब प्रस्तुत कर प्रार्थीया द्वारा गढी थोरियान आवासीय योजना ब्यावर में मध्यम आय वर्ग ’’ ब’’ श्रेणी में आवास आवंटन हेतु आवेंदन प्रस्तुत करना व पंजीकरण राषि जमा करना तथा 4 किष्तों में अन्य राषि  सहित कुल रू. 25,30,000/-  जमा कराए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए  उत्तर परिवाद की चरण संख्या 3 में  वर्णितानुसार आवासीय योजनाओं  विकास कार्य करवा कर भूमि की वास्तविक राषि  वसूल की जाती है ।  अप्रार्थी मण्डल ने  आगे दर्षाया है कि  आवास की कीमत पंजीकरण करवाने के दिन न लगाई जाकर आवास आवंटन की दिनांक को जो वास्तविक कीमत होती है लगाई जाती है ।  प्रार्थीया को जारी आवंटन में जमीन  व विकास कार्यो की जो कीमत लगाई गई वह किसी भी रूप में गलत नहीं है ।  प्रार्थीया का यह कथन  मानने योग्य नही ंहै कि एनेक्सचर 04 में वर्णित राषि रू. 3990/- वर्ममीटर की दर से लगाई जानी चाहिए थी । अप्रार्थी मण्डल द्वारा बिना लाभ बिना हानि के सिद्वान्त पर कार्य करते हुए वासतविक लागत के आधर पर ही  प्रार्थी को वास्तविक राषि का आवंटन पत्र  जारी किया गया  था ।  प्रार्थीया से मांगी जा रही राषि रू. 16,58,976/- की राषि किसी भी रूप में अवैध नहीं  होना दर्षाते हुए परिवाद खारिज होने योग्य बतलाया । 
3.    हमने पक्षकारान की बहस सुनी एवं पत्रावली का अनुषीलन किया 
4.    प्रार्थीया ने परिवाद की चरण संख्या 1 व 2 में वर्णित अनुसार अप्रार्थी मण्डल की ब्यावर स्थित गढी थेरियान आवासीय योजना वर्ष 2012 -13 हेतु मध्यम आयवर्ग ’’ब’’ श्रेणी में आवेदन किया एवं इस हेतु लागत राषि की 10 प्रतिषत राषि रू. 2,53,000 दिनंाक 21.2.2013 को  जमा कराई तथा दिनंाक 
27.6.2013 को निकाली गई लाॅटरी में प्रार्थीया को आवास संख्या 5-एम.बी.39 आवंटित हुआ एवं इस हेेतु प्रार्थीया ने ष्षेष राषि 4 किष्तो से परिवाद की चरण संख्या 2 में वर्णित तिथियों को जमा कराई वं रू. 78,177/- सेवा कर के अप्रार्थी मण्डल द्वारा मांगने पर जमा करवाए , आदि तथ्य स्वीकृषुदा है । परिवाद की चरण संख्या 3 में वर्णित अनुसार प्रार्थीया को इस आवास का आवंटन पत्र दिनांक 12.9.2014 को  जारी हुआ जो प्रार्थीया को दिनांक 16.9..2014 को मिला । उक्त आवंटन पत्र से  रू. 16,58,976/- की ओर मांग की गई । अतः प्रार्थीया द्वारा इस परिवाद से  इस मांग को अनुचित  दर्षाते हुए यह परिवाद पेष किया है । 
5.    इस संबंध में प्रार्थीया के विद्वान अधिवक्ता की बहस रही है कि अप्रार्थी मण्डल की यह मांग अनुचित है । इस योजना के संबंध में जारी नियम व ष्षर्तो के अनुसार यह योजना स्ववित्त पोषित योजना थी तथा इस योजना हेतु जारी नियम व  षर्तो में वर्णित तालिका संख्या 1 के अनुसार मध्यम आयवर्ग ’’ब’’ केे लिए रू. 25,30,000/- की अनुमानित लागत आवास हेतु तय की हुई थी। यह योजना वर्ष 2012-13 के लिए ही थी एवं प्रार्थीया ने दिनांक 21.2.2013 को आवेदन किया । दिनांक 27.6.2013 को उसे आवास आवंटित हुआ व दिनांक 12.9.2014 को आवास तैयार होकर आवंटन पत्र/ कब्जा पत्र  प्राप्त करने का पत्र  भी जारी हो गया ।  इस प्रकार मात्र डेढ वर्ष की आवंधि में रू. 16,00,000/-  से भी अधिक की  अतिरिक्त राषि की मांग की गई है वह गलत है । अधिवक्ता प्रार्थीया की बहस है कि कब्जा पत्र दिनंाक 12.9.2014 में आवास की लागत में भूमि की कीमत व विकास कार्यो हेतु रू. 8060/-  प्रति वर्ग मीटर से गणना करते हुए राषि की मांग की है तथा अतिरिक्त भूमि जो 24.12 वर्म मीटर थी, उस हेतु रू. 12090/- प्रति वर्ग मीटर से मांग की गई है जबकि राजस्थान आवासन मण्डल, जयपुर के कार्यालय आदेष दिनांक 8.8.2011 के अनुसार इस योजना हेतु भूमि एवं विकास दर  रू. 3990/- प्रति वर्ग मीटर ही वर्णित है । मात्र डेढ वर्ष  की अवधि में अप्रार्थी मण्डल द्वारा भूमि व विकास की दर की मद में दोगुनी से  भी अधिक दर से राषि की मांग की गई है । इसी प्रकार अतिरिक्त भूमि हेतु दर रू. 3990/- प्रति वर्गमीटर के स्थान पर रू. 12090/-  प्रति वर्ग मीटर से मांग की गई है । इसके अतिरक्त आवासन मण्डल के पत्र क्रमांक एफ.2(03)लागत/1016/ 244 दिनंाक 17.7.1993 एनेक्सचर-6 के नियम 3 में वर्णित अनुसार स्ववित्त पोषित योजना  के आवासों पर ए.एस.सी. चार्जेज देय नही ंहोगें जबकि पत्र दिनांक 12.9.2014 से प्रार्थीया से रू. 1,19,403/-  की मांग  इस मद में की गई है । अधिवक्ता प्रार्थीया की बहस है कि भूमि की कीमत दोगुनी से भी अधिक किस तरह से तय की गई एवं विकास  आदि में होने वाले व्यय की राषि भी दोगुनी किस आधार पर की गई कोई आधार अप्रार्थी मण्डल की ओर से नहीं बतलाया गया है । अतः  अप्रार्थी आवासन मण्डल का यह निर्णय मनमाना है व बिना आधार के है  तथा अप्रार्थी मण्डल द्वारा इस तरह से अनुचित व आधारहीन मांग किया जाना अनुचित व्यापार व्यवहार की श्रेणी में भी आता है । अतः प्रार्थीया का यह परिवाद स्वीकार होने योग्य बतलाया एवं उन्होने अपने तर्को के समर्थन में  निम्न न्यायिक दृष्टान्त पेष किया:-
1.    प्प्प्;2013द्धब्च्श्र 247 ; छब्द्ध ैपसअमत ब्पजल भ्वनेपदइही स्जक टे ैेनउपज ज्ञनउंत
2.    प्प्प्;2013द्धब्च्श्र 77  ;छब्द्ध ैंदहमजं ।तवतं टे  क्स्थ् न्दपअमतेंस स्जक
3.    प्प्प्;2013द्धब्च्श्र 651 ; छब्द्ध ज्ञंतदंजंां  भ्वनेपदहीर ठवंतक टे ठंपेींाी -व्ते
4.    प्;2013द्धब्च्श्र  421  ;छब्द्ध ळ क् । टे  ैंजंलं छंतंलंद 
6.    अधिवक्ता अप्रार्थी मण्डल की बहस है कि इस योजना हेतु जारी सामान्य नियम व ष्षर्तो की तालिका -1 में जो  लागत दर्षाई है वह अनुमानित लागत है एवं आवास के निर्माण उपरान्त जो वास्तविक लागत होती है वह लागत अप्रार्थी  मण्डल द्वारा वसूल की जा सकती है एवं इस आषय का नोट इन्ही षर्तो में  नोट -।। के रूप में वर्णित है । आवासन मण्डल के कार्यालय आदेष दिनांक 8.8.2011 जिसमें इस योजना की भूमि एवं  विकास दर का उल्लेख रू. 3990/- स्क्वा. मीटर है किन्तु ये दरे दिनांक 1.7.2011 से 30.6.2012 तक ही प्रभावी होगी , उल्लेखित है  जबकि प्रार्थीया का पंजीकरण दिनांक 21.2.2013 का है एवं आवंटन दिनंाक 2014 का है । अतः यह कार्यालय आदेष प्रार्थीया की कोई मदद नहीं करता । अधिवक्ता अप्रार्थी की यह भी बहस है कि प्रार्थीया से जो भी अतिरिक्त राषि की मांग की है वह नियमानुसार व विधि अनुसार मांग की गई है  एवं उनकी आगे बहस है कि प्रार्थीया पंजीकरण हेतु जारी सामान्य नियम व षर्तो में  अनुमानित लागत दर्षाई है उसी के आधार पर आवास प्राप्त करने की अधिकारणी नहीं होती । इस संबंध में उन्होने दृष्टान्त क्ठ ब्पअपस त्जएच्जण् छवण् 451ध्1987  छमउम ब्ींदक च्ंजदमम टे त्ण्भ्ण्ळठ व्तकमत क्ंजमक  16ण्7ण्1987  पेष किया ।  आवासन मण्डल नियमानुसार कीमत बढा सकता है, के संबंध में  दृष्टान्त ।प्त् ;ैब्द्ध च्ंहम छ0ण् 1940 त्भ्ठ टे च्ंतअंजम क्मअप  पेष किए । उनकी यह भी बहस है कि  यदि आवासन मण्उल द्वारा उनके नियमों में उल्लेखित अनुसार अतिरिक्त राषि की मांग की जाती है तो  उनके द्वारा  ऐसा किया जाना अनुचित व्यापार  नहीं माना जावेगा  एवं प्रार्थीया का यह परिवाद खारिज होने योग्य दर्षाया ।
7.    हमने गौर किया ।  पक्षकारान की ओर से जो दृष्टान्त पेष हुए उनका भी अध्ययन किया । 
8.     प्रार्थीया द्वारा इस आवासीय योजना हेतु आवेदन किया एवं  लाॅटरी से उसे  उपर वर्णित आवास आवंटित हुआ । तत्पष्चात् उसके द्वारा  षेष राषि परिवाद की चरण संख्या 2 में वर्णित अनुसार जमा करा दी ग ई आदि तथ्यों के संबंध में कोई विवाद नहीं है । 
9.    हमारे समक्ष निर्णय हेतु यही बिन्दु है कि क्या अप्रार्थी मण्डल  द्वारा उनके आवंटन /कब्जा  प्राप्ति का पत्र दिनांक 12.9.2014 के अनुसार रू. 16,58, 976/- की अतिरिक्त मांग की है वह मांग सही है या नही ?
10.     आवासन मण्डल के कार्यालय आदेष दिनांक 8.8.2011 जो दिनंाक 10.7.2011 से  30.6.2012 तक प्रभावी था में इस योजना हेतु भूमि एवं विकास दर की दरे रू. 3990/- प्रति वर्गमीटर दर्षाई है  यह योजना  वर्ष 2012-13 हेतु लागू है है तथा यह योजना स्ववित्त पोषित योजना के रूप में भी है । इस प्रकार दिनंाक 30.6.2012 केे  7-8 माह बाद ही  प्रार्थीया ने आवेदन किया एवं पंजीकरण राषि की 10 प्रतिषत राषि दिनंाक 21ृ.2.2013  को जमा करा दी तथा दिनांक 27.6.2013 को लाॅटरी द्वारा प्रार्थीया को आवास भी आवंटित हुआ तथा इसकी षेष राषि 4 किष्तों में  रू. 5,69,250/-  प्रति किष्त क्रमषः दिनाक 16.8.2013, 8.11.2013, 12.01.2014 व 8.5.2014 को कुल रू. 22,77,000/- जमा करवाई जा चुकी थी । रू. 2,53,000/- पूर्व से जमा थी एवं अप्रार्थी मण्डल द्वारा रू. 78,177/- सर्विस टैक्स के रूप में मांगे  उक्त राषि भी जमा करवाई जा चुकी थी । इस तरह से दिनंाक  30.6.2012 के बाद डेढ वर्ष की अवधि में ही ये राषिया जमा हो चुकी थी । अप्रार्थी की ओर से आदेष दिनंाक 7.8.2013 जिसमें इस योजना की  मध्यम आई वर्ग ’’ब’’ हेतु भूमि व  विकास कार्यो की दर रू. 8060/-  निर्धारित करने  संबंध पत्र पेष हुआ है ।  इस योजना को लागू करने  एवं आवास  बना कर कब्जा पत्र जारी होने तक की अवधि तक  इस योजना हेतु भूमि की जो आवाप्ति की गई, के संबंध में अप्रार्थी मण्डाल को कोई अतिरिक्त राषि जिन लोगों से भूमि आवाप्त की गई, अदा की हो ऐसा अप्रार्थी मण्डल का कथन नहीं है । मात्र डेढ वर्ष की अवधि में भूमि व विकास दर की दरे  दोगुनी  से भी अधिक किए जाने का भी कोई आधार अप्रार्थी मण्डल द्वारा नहीं दर्षाया गया है । 
11.    अधिवक्ता अप्रार्थी की इस संबंध मे यह बहस अवष्य रही है कि  आवास की लागत में निर्माण कार्य जिसमें माल मटिरियल  तथा लेबर भी षामिल होता है उसकी बढोतरी स्वाभविक रूप से होती है किन्तु ऐसी बढोतरी मात्र डेढ वर्ष की अवधि में दोगुनी से भी अधिक हो सकती हो, मानने योग्य नहीं है और ना ही अप्रार्थी मण्डल की ओर से इस संबंध में कोई आधार बतलाया गया है । 
12.    हमने इस योजना हेतु  जारी सामान्य नियम व षर्तो का अध्ययन किया  एवं अप्रार्थी मण्डल के इस कथन से भी हम सहमत है कि  जो अनुमानित लागत दर्षाई जाती है, पर ही आवास प्राप्त करने का प्रार्थीया को अधिकारी नहीं माना जा सकता किन्तु अनुमानित लागत से अधिक राषि जो वसूल की जा रही है उसका आधार पर अप्रार्थी मण्डल को दर्षाना पडेगा, ऐसी अपेक्षा आवासन मण्डल से की जा सकती है , जो स्वाभाविक है । इस योजना के सामान्य नियम व षर्तो के नोट-।।  में वर्णित अनुसार अंतिम रूप से निर्धारित  लागत का निर्धारण आवास के आवंटन के समय जो लागत होगी वहीं मान्य होगी एवं अप्रार्थी मण्डल के अनुसार इसी आधार पर भूमि व विकास दर की दरे रू. 3990/-  से रू. 8060/- की गई है लेकिन हमारे विनम्र मत में यह दर जो दोगुनी से अधिक की गई है, का कोई आधार अप्रार्थी मण्डल द्वारा नहीं दर्षाया गया हे । दृष्टान्त   नेमीचन्द पाटनी बनाम  राजस्थान आवासन मण्डल( उपरोक्त) में माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय की खण्ड पीठ ने यह अवष्य प्रतिपादित किया है कि  किसी योजना हेतु जारी नियमों व ष्षर्ते दर्षाई गई  है, में अनुमानित लागत पर ही आवास आवंटन करवाए जाने का प्रार्थी अधिकारी नही ंहोता  लेकिन हस्तगत प्रकरण में योजना लागू करते  वक्त जो दरे थी उन दरों को कुछ समय बाद अर्थात दिनांक 8.7.2013 को दोगुनी से अधिक रू. 8060/- कर दिया गया, का कोई आधार अप्रार्थी मण्डल की ओर से नहीं दर्षाया गया है । इसी प्रकार  अतिरिक्त भूमि के लिए प्रति वर्ग मीटर रू. 3990/- के स्थान पर रू. 12090/- प्रति वर्ग मीटर से गणना करते हुए रू. 2,91,600/- की मांग की गई है जो इस योजना हेतु पत्र दिनंाक 8.8.2011 में दर्षाई दर से तिगुनी  करीब होती है ।
13.    उपरोक्त विवेचन अनुसार हम मानते है कि प्रार्थीया किसी योजना के पंजीकरण के वक्त जारी सामान्य नियम व ष्षर्तो में दर्षाई अनुमानित लागत पर आवास प्राप्त करने की  अधिकारणी नहीं मानी जा सकती एवं अप्रार्थी मण्डल आवास निर्माण के उपरान्त आवास आवंटन एवं कब्जा देने के समय जो वास्तविक लागत होती है, के आधार पर भी अतिरिक्त राषि की मांग कर सकते है किन्तु हस्तगत प्रकरण में इस योजना हेतु जो दर दिनंाक 30.6.2012 तक प्रभावी  थी अर्थात रू. 3990/-  प्रति स्क्वा. मीटर थी, को  मात्र डेढ वर्ष  की अवधि में दोगुनी एवं अतिरिक्त भूमि की दर तिगुनी कर दी गई , का कोई आधार अप्रार्थी मण्डल की ओर से नहीं दर्षाया गया है जो हमारे विनम्र मत में दर्षाया जाना आवष्यक था ।  योजना षुरू करने एवं  इस हेतु आवंदन पत्र आमंत्रित  करने  तत्पष्चात लाॅटरी द्वारा आवास का आवंटन करने के उपरान्त आवास के निर्माण आदि  की प्रकिया एवं कार्य में समय लगता है एवं हस्तगत प्रकरण में भी करीब डेढ वर्ष इन कार्यो हेतु लगा है  एवं इस डेढ वर्ष की अवधि में  विकास कार्यो की लागत में बढोतरी की सम्भावना अवष्य होती है । इस तथ्य को देखते हुए अप्रार्थी मण्डल उचित एवं उपयुक्त अतिरिक्त राषि की मांग कर सकता है । हस्तगत प्रकरण में जैसा कि उपर विवेचित हुआ है भूमि जो आवासन मण्डल ने प्राप्त की अथवा आवाप्त की , के संबंध में अतिरिक्त  राषियों का भुगतान उसे करना पडा हो, नहीं दर्षाया गया है  एवं भूमि की लागत में जो बढोतरी हुई है  इसका कोई आधार  भी अप्रार्थी मण्डल द्वारा नहीं दर्षाया गया हे । हालांकि विकस कार्यो की दरों में किस तरह से वृद्वि हुई है , अप्रार्थी मण्डल द्वारा नहीं दर्षाया गया है किन्तु इस बात की अवधारणा ली जा सकती है कि डेढ वर्ष की अवधि में माल मटिरियल  तथा लेबर  आदि में बढोतरी हो सकती हे ।  अप्रार्थी मण्डल ने वास्तविक लागत का कोई विस्तृत ब्यौरा पेष नहीं किया है । इन 
तथ्यों को देखते हुए एवं  उपर वर्णित  अनुसार निर्माण कार्य एवं विकास कार्याे में किए जाने वाले खर्च में  डेढ वर्ष  की अवधि में कुछ बढोतरी की सम्भवना  मानी जा सकती है, के तथ्यों को देखते हुए उचित एवं उपयुक्त राषि की  अतिरिक्त मांग अप्रार्थी  कर सकता है एवं ऐसी राषि ही प्रार्थीया से प्राप्त करने का अधिकारी हो सकता है ।   इसके अतिरिक्त आवासन मण्डल के कार्यालय आदेष दिनांक   17.7.1993 एनेक्स्चर-6 की ष्षर्त संख्या 3 में वर्णित अनुसार यदि ऐसी योजना स्ववित्त पोषित है तो  ए.एस.सी.  चार्जेज वसूल नहीं होगे । हस्तगत प्रकरण की योजना स्ववित्त पोषित योजना है  एवं  अप्रार्थी मण्डल ने कब्जा पत्र दिनांक 12.9.2014 में राषि रू. 1,19,403/- की मांग इस ए.एस.सी. मद  में की है । अतः षर्त संख्या 3 के अनुसार अप्रार्थी मण्डल की यह मांग भी अनुचित है एवं अप्रार्थी मण्डल प्रार्थीया से यह राषि प्राप्त करने का अधिकारी नहीं होता है ।       
14.     हमारे विनम्र मत में अप्रार्थी मण्डल द्वारा प्रार्थीया को जारी कब्जा पत्र में रू. 16,58,976/-  की जो मांग की है  किन्तु उपर विवेचित अनुसार 
ए.एस.सी.  चार्जेज की  राषि रू. 1,19,403/- की मांग को सही नही ंमाना है ।  अतः षेष राषि रू.  15,39,573/- जिसे राउण्ड फीगर में रू. 15.40,000/- किया जाता है,  के संबंध में कोई आधार अप्रार्थी मण्डल द्वारा नहीं दर्षाया गया है । अतः इस सम्पूर्ण मांग को हम उचित नहीं मानते है लेकिन  विकास एवं निर्माण कार्य में डेढ वर्ष की अवधि में बढोतरी के संबंध में जो उपर विवेचना हुई है  के दृष्टिगत अप्रार्थी मण्डल प्रार्थीया से राषि रू. 15,40,000/- के स्थान पर इस राषि की 15 प्रतिषत राषि जो रू.  2,15,000/-  होती है, ही अतिरिक्त राषि  के रूप में प्राप्त करनेे का अधिकारी पाया जाता  है  ऐसा हम अभिनिर्धरित करते है ।  इस प्रकार प्रार्थीया के इस परिवाद का निस्तारण निम्नतरह से किया जाता है एवं आदेष है कि 
                        :ः- आदेष:ः-
15.     (1)    अप्रार्थी मण्डल  द्वारा प्रार्थीया से रू. 16,58,976/- की राषि की जो मांग की जा रही है उसे अपास्त किया जाता है ।  एवं इसके स्थान पर  अप्रार्थी मण्डल प्रार्थीया से  रू. 2,15,000/- की ही अतिरिक्त  राषि  के रूप में  वसूल कर सकेगा । 
    (2)    क्रम संख्या 1 में निर्धारित की गई राषि रू. 2,15,000/-  प्रार्थीया  अप्रार्थी मण्डल को इस आदेष से 1 माह की  अवधि में जमा करावें एवं प्रार्थीया द्वारा इस राषि के जमा कराए जाने के  पष्चात्   इस आदेष से एक माह के अन्दर अप्रार्थी मण्डल प्रार्थीया को  उसे  गढी थोरियान आवासीय योजना में  मध्यम आय वर्ग ’’ब’’ में आवंटित आवास संख्या 5-एम.बी. 39  का कब्जा  सौंपे  एवं उसके पक्ष में लीज डीड निष्पारत करा दे ।। 
    (3)    प्रार्थीया अप्रार्थी मण्डल से मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में राषि रू. 5000/- भी प्राप्त करने की अधिकारणी होगी । 
        (4)    क्रम संख्या 4 में वर्णित राषि अप्रार्थी मण्डल इस आदेष से एक माह की अवधि में प्रार्थीया को अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।  
           (5)    दो माह  में आदेषित राषि का भुगतान  नहीं करने पर  प्रार्थीया अप्रार्थी  मण्डल  से  उक्त राषियों पर  निर्णय की दिनांक से  ताअदायगी 09 प्रतिषत वार्षिक  दर से ब्याज भी प्राप्त कर सकेगी  ।

                
(श्रीमती ज्योति डोसी)                              (गौतम प्रकाष षर्मा)
           सदस्या                                           अध्यक्ष    
16.        आदेष दिनांक 22.06.2015  को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

           सदस्या                                           अध्यक्ष
 
  

 

 
 
[ Gautam prakesh sharma]
PRESIDENT
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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