Uttar Pradesh

StateCommission

A/2011/747

N I A Co - Complainant(s)

Versus

Raja Ram Gupta - Opp.Party(s)

Harpal Singh Chaddha

05 Nov 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2011/747
( Date of Filing : 29 Apr 2011 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. N I A Co
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Raja Ram Gupta
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 05 Nov 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                       

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, बाराबंकी द्वारा परिवाद संख्‍या 01 सन 2010 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 08.03.2011 के विरूद्ध)

अपील संख्‍या:-747/2011

दि न्‍यू इंडिया इंश्‍योरेन्‍स कं0 लि0, शाखा कार्यालय बसन्‍त सिनेमा सिनेमा के सामने, लालबाग, लखनऊ लीगल सेट 94 एम. जी. मार्ग अपोजिट राजभवन, हजरतगंज, लखनऊ।

बनाम

राजाराम गुप्‍ता पुत्र श्री बेनी प्रसाद गुप्‍ता निवासी मोहल्‍ला रफी नगर, देवां रोड शहर नवाबगंज जिला-बाराबंकी व अन्‍य।

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

श्री विकास सक्‍सेना, मा0 सदस्‍य                   

अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता  : श्री आई.पी.एस. चडढा

प्रत्‍यर्थी के विद्धान अधिवक्‍ता    : श्री एन0 सी0 उपाध्‍याय

 

दिनांक  05.11.2024

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी रवीन्‍द्र कुमार श्रीवास्‍तव द्वारा इस आयोग के सम्‍मुख धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्‍तर्गत जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, बाराबंकी द्वारा परिवाद सं0-01/2010 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 08.03.2011 के विरूद्ध योजित की गई है।

आक्षेपित निर्णय एवं आदेश के द्धारा विद्धान जिला आयोग ने परिवाद विपक्षी संख्‍या-01 व 02 के विरूद्ध स्‍वीकार करते हुए निम्‍न लिखित निर्णय एवं आदेश पारित किया है-

‘’ परिवाद विपक्षी सं० 1 व 2 के विरुद्ध एकपक्षीय रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी सं० 1 व 2 को पृथक-पृथक व संयुक्त रूप से निर्देश दिया जाता है कि वे परिवादी को उसके वाहन सं० यू.पी.41-डी/9217 की बीमित धनराशि 1,15,000/-रु० (एक लाख पंद्रह हजार) तथा परिवाद पत्र प्रस्तुत करने की तिथि से अदायगी की तिथि तक उपरोक्त धनराशि पर 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित इस निर्णय व आदेश के प्राप्ति के 45 दिन के अन्दर परिवादी को अदा करें। विपक्षी सं० 1 व 2 को पुनः निर्देश दिया जाता है वे परिवादी को वाहन ठीक कराकर वापस कर दें। विपक्षी सं० 1 व 2 को निर्देश दिया जाता है कि वे परिवादी को परिवाद व्यय के रूप में 2000/-रु० (दो हजार) तथा शारीरिक, मानसिक, आर्थिक क्षति के रूप में 3000/-रु० (तीन हजार) उपरोक्त अवधि के अन्दर अदा करें। विपक्षी सं०3 के विरुद्ध परिवाद निरस्त किया जाता है। परिवादी विपक्षी को निर्णय व आदेश का अनुपालन कराये जाने के लिए निर्णय व आदेश की प्रति अपने खर्चे पर विपक्षी को उपलब्ध करावे।‘’

अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी अपने वाहन सं० यू.पी.41-डी./9217 मारुति वैन ओमनी का बीमा रू0 1,15,000/- की धनराशि हेतु विपक्षी सं० 1 दि न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से दि० 27-11-2007 को निर्धारित प्रीमियम रू0 2942/- देकर कराया था। जिसका बीमा पॉलिसी संख्‍या-40129358 था। प्रश्‍नगत बीमा पॉलिसी दिनांक 21-12-2007 से 20-12-2008 तक के लिये प्रभावी थी।

प्रश्‍नगत वाहन को दिनांक 02-08-2008 को सुबह 11.00 बजे परिवादी का पुत्र संतोष कुमार गुप्ता घर से सिद्धौर लेकर जा रहा था रास्ते में हाजीपुर गांव के पास अचानक जानवर को बचाने में पीपल के पेड़ से टकरा गई। परिवादी ने विपक्षी सं० 1 बीमा कम्‍पनी को उपरोक्त वाहन के दुर्घटनाग्रस्‍त होने की सूचना दी गई। विपक्षी सं० 1 द्धारा  परिवादी को क्‍लेम फार्म दिया गया और वाहन को विपक्षी सं०3 के यहां बनवाने हेतु निर्देश दिया। परिवादी को विपक्षी सं० 3 ने वाहन की मरम्‍मत में रू0 1,61,891.77  का स्‍टीमेट दिया गया।

परिवादी ने विपक्षी सं० 1 बीमा कम्‍पनी के यहां क्लेम फार्म जमा किया। विपक्षी कम्‍पनी के सर्वेयर द्धारा दुर्घटनाग्रस्‍त वाहन का सर्वे करने के पश्‍चात फिटनेस की मांग की गई जिसे परिवादी ने विपक्षी सं० 1 बीमा कम्‍पनी को प्राप्‍त करा दिया। परन्‍तु परिवादी को बीमा धनराशि का भुगतान नहीं किया गया जिससे क्षुब्‍ध होकर प्रस्‍तुत परिवाद जिला आयोग के समक्ष संस्थित किया गया।

अपीलार्थी ने मुख्‍य रूप से यह कथन‍ किया है कि जिला आयोग ने न केवल अपीलकर्ता कंपनी को पूरी बीमा राशि यानी 1,15,000/- रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया, बल्कि साथ ही अपीलकर्ता कंपनी को वैन की पूरी तरह से मरम्मत करवाकर उसे प्रतिवादी को सौंपने का भी निर्देश दिया है। किसी भी स्थिति में या तो बीमा राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया जा सकता था या वैन की मरम्मत की लागत का भुगतान करने का निर्देश दिया जा सकता था। यह भी कथन किया गया कि प्रतिवादी द्वारा दावा फॉर्म में बताए गए घटनाक्रम शिकायत के कथनों से अलग थे। विपक्षी ने अपीलार्थी के समक्ष वाहन का फिटनेस प्रमाण पत्र प्रस्‍तुत न करे जानबूझकर पॉलिसी शर्तों का उल्लंघन किया है। उक्‍त आधारों पर अपील स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्धारा परिवादी को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का भली-भांति परिशीलन करने के उपरान्‍त विपक्षी संख्‍या-01 व 02 की कमी पाते हुये प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश पारित किया है, जिसका उल्‍लेख ऊपर किया जा चुका है।

अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री आई0 पी0 एस0 चडढा तथा प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री एन0 सी0 उपाध्‍याय उपस्थित हुये।

अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्धारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्‍य एवं विधि के विरूद्ध है। अत: अपील स्‍वीकार करते हुए जिला आयोग द्धारा पारित निर्णय एवं आदेश को निरस्‍त किया जावे।

प्रत्‍यर्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोगद्धारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्‍य एवं विधि के अनुसार है जिसमे हस्‍तक्षेप हेतु कोई उचित आधार नहीं है। तदनुसार अपील निरस्‍त की जावे।

हमारे द्धारा उभय पक्ष के विद्धान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों एवं जिला आयोगद्धारा पारित निर्णय एवं आदेश का भर्ली-भांति परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।

पत्रावली के परिशीलनोपरान्‍त हमारे विचार से विद्धान जिला आयोग द्धारा पारित निर्णय एवं आदेश विधि के अनुसार है। किन्‍तु विद्धान जिला आयोग द्धारा परिवादी के वाहन को ठीक कराकर वापस किये जाने का जो आदेश पारित किया है वह वाद के तथ्‍यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुये न्‍यायोचित नहीं है अत: वह निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

आदेश

     प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश को संशोधित करते हुये आदेशित किया जाता है कि बीमा कम्‍पनी, परिवादी को दुर्घटनाग्रस्‍त वाहन की बीमित धनराशि रू0 1,15,000/-(रूपये एक लाख पन्‍द्रह हजार) परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से अदायगी की तिथि तक 10 प्रतिशत ब्‍याज तथा मानसिक क्षतिपूर्ति रू0 3,000/-(रूपये तीन हजार) एवं परिवाद व्‍यय रू0 2,000/-(रूपये दो हजार) के भुगतान हेतु आदेशित किया जाता है। निर्णय एवं आदेश का शेष भाग निरस्‍त किया जाता है।  

     इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार पक्षकारों को उपलब्‍ध करायी जाए।

आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

      (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)           (विकास सक्‍सेना)

               अध्‍यक्ष                      सदस्‍य

 

रंजीत, पी.ए.,

कोर्ट नं.-01

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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